1989 में रीलीज हुई फिल्म चांदनी के ये गाने तो आपने सुने ही होंगे। मैं ससुराल नहीं जाऊंगी, डोली रख दो कहारों...। पर, प्रतापगढ़ जिले में दुल्हन ने डोली रखने का तो नहीं कहा। हां उसने अपनगी गरीबी का हवाला देकर प्लेटफार्म पर
हंगामा जरूर किया। मामला
पुलिस तक पहुंचा पर पुलिस भी मामले में उलझने के अलावा कन्नी काटने में भलाई समझी।
ये
कहानी मध्य प्रदेश के दतिया जिले में पंडोखर थानाक्षेत्र स्थित सालोन का छतरपाल की है। दरअसल, छतरपाल के दो बेटे कमल व केशव हैं।
पत्नी प्रेमा का कहना है घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। इसलिए वह छोटे बेटे केशव के साथ प्रतापगढ़ आ गई और बलीपुर में किराए का कमरा लेकर फुलकी बेचने का काम करने लगी। प्रेमा ने बताया कि छपरपाल गांव से आकर उसे परेशान कर रहा है। वह जबरन उसे गांव ले जाना चाहता है, लेकिन वह जाना नहीं चाहती।
उधर छतरपाल का कहना है कि उसका बड़ा बेटा उसके साथ गांव में रहकर इंटर की पढ़ाई कर रहा है। छतरपाल रोजगार के सिलसिले में घर से बाहर चला जाता है तो कमल जुआ
खेल ने लगता है। उसकी सोहबत बिगड़ रही है। रविवार को छतरपाल जबरन प्रेमा व केशव को प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन तक ले गया। पर, प्रेमा ट्रेन पर चढ़ने की बजाय हंगामा करने लगी तो मामला जीआरपी एसओ वीके सिंह के पास पहुंचा। वीके सिंह ने दोनों को नगर कोतवाली भेज दिया। कोतवाली में भी छतरपाल एक ही रट लगाए हुए था कि वह पत्नी को साथ लेकर ही अपने गांव जाएगा। पुलिस के सामने छतरपाल अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर कोतवाली से बाहर निकलता चला गया और किसी पुलिसवाले ने उसे नहीं रोका।