जनवरी में लगने वाले माघ मेले की तैयारी शुरू हो गई है। नए शहर को बसाने के लिए गंगा नदी के ऊपर पांच पीपे के पुल बनाए जाएंगे। पुल और लगभग 100 किलोमीटर बनने वाली लोहे की सड़क के निर्माण के लिए टेंडर 10 नवंबर तक आमंत्रित किए गए हैं। 15 नवंबर से पुल निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने इसे 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। माघ मेले में झूंसी से संगम की कनेक्टिविटी के लिए पीपे के पांच पुल का निर्माण किया जाएगा। इस बार पांच पुल बनेंगे। सबसे लंबा पुल काली मार्ग का होगा। माना जा रहा है कि लगभग 100 पीपे का पुल बनाया जाएगा। फिलहाल 10 दिन में पानी कम होने के बाद ही मालूम चलेगा कि पुल कितने पीपे का होगा। पुरानी जीटी, काली सड़क, गंगोली शिवाला मार्ग, त्रिवेणी रोड और महावीर मार्ग पर एक एक पीपे का पुल बनाया जाएगा। इसके साथ ही लगभग 100 किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया जाएगा। चकर्ड प्लेट से पूरी सड़क बनाई जाएगी। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन हंस राज यादव ने बताया कि तैयारी पूरी हो गई है। काम 15 नवंबर से शुरू कर दिया जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर तक सारे काम पूरे कर लिए जाएं। टेंडर खुलने के बाद ही काम होगा।
12 को होगा पहला स्नान
इस बार माघ मेले का पहला स्नान 12 जनवरी से होगा। इसके बाद मकर संक्रान्ति पड़ेगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है। माघ मेला शुरू होने के पहले ही तंबुओं की नगरी बसानी है। यहां पर रहने वाले लोगों के लिए सड़क निर्माण होगा और लोग झूंसी की ओर से संगम तक पहुंच सकें इसलिए पुल का निर्माण होगा।