अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा भाजपा का नहीं है। बल्कि यह मुद्दा देश की जनता का है। देश की जनता चाहती है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो। यदि अखिलेश, मायावती और राहुल को लगता है कि इससे वोटबैंक मजबूत हो रहा है तो वह अयोध्या जाएं। माथे पर तिलक लगाकर वह भी वोट मांगें।
यह विचार पूर्व राज्यसभा सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने खास बातचीत के दौरान व्यक्त किए। चुनाव के समय ही भाजपा राम मंदिर के मुद्दे को क्यों उठाती है। इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा पार्टी राम मंदिर का मुद्दा नहीं उठाती है। बल्कि वह विकास का मुद्दा उठाती है। श्री दीक्षित ने सूबे के मुखिया अखिलेश यादव को विफल मुख्यमंत्री बताया। कहा कि इस सरकार से खुद की राजधानी नहीं संभलती है। सीएम आवास के पास हत्या जैसी वारदात हो रही है। सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। बलात्कार जैसी घटनाएं तो आम हो चुकी हैं। ये सरकार सपा की नहीं हिस्टीशीटरों की है। इस बार सपा की सरकार जाना तय है।
पहले अपने गिरेबान में झांके 'आप'
मोदी की डिग्री को फर्जी बताने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी उन्होंने आड़े हाथों लिया। कहा कि आम आदमी पार्टी को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए उसके बाद दूसरों पर प्रश्नचिह्न लगाना चाहिए। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डिग्री सबके सामने पेश की। श्री दीक्षित ने कहा कि आप के मंत्री खुद ही डिग्रियों के मामले में दोषी पाए गए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अपने ही पीएम पर सवाल उठाने से बेहतर होता कि उन्हें काम पर फोकस करना चाहिए।
बसपा की नहीं है चर्चा
बसपा पर सियासी तीर चलाते हुए पूर्व राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इनकी तो कोई चर्चा ही नहीं करता है। हां कभी-कभी चर्चा होती है कि बसपा सरकार में ही पार्टी के मंत्री को सलाखों के पीछे जाना पड़ता है।
काम बोलता है...
खास बातचीत के दौरान पूर्व राज्यसभा सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि काम बोलता है। भाजपा ने अपने दो साल के कार्यकाल में उतकृष्ट कार्य किए। इसका नतीजा भी 2017 में होने वाले विस चुनाव में जनता के सामने आ जाएगा।