इलाहाबाद। गंगा, यमुना और सरस्वती की धाराओं को जोड़ने वाले संगमनगरी में भी केंद्र सरकार ने अपनी योजना ऑनलाइन गंगाजल बिक्री को चालू करने का मन बनाया है। इसके लिए सोमवार को गंगाजल की बीस बोतलों को इलाहाबाद भेज दिया गया है। पर, सबसे अहम सवाल यह है कि हरिद्वार से भेजे गए गंगाजल को संगमनगरी में कोई क्यों खरीदेगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने हरिद्वार और ऋषिकेश से डाकघरों के जरिए घरों तक गंगाजल पहुंचाने की योजना बनाई है। गंगाजल लेने के लिए लोगों को ऑनलाइन बुकिंग करनी होगी। इसकी जानकारी पिछले महीने संचार एवं सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी थी। बताया था कि सरकार अब हरिद्वार और ऋषिकेश से गंगाजल को डाक विभाग की मदद से लोगों के घरों तक पहुंचाएगी। हालांकि इसकी कीमत और योजना की शुरुआत तय नहीं की गई थी। सोमवार को इस बात की जानकारी देते हुए मुख्य डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर आरएन यादव ने बताया कि गंगाजल की बीस बोतलें हरिद्वार से बिक्री के लिए आ गईं हैं। इसे दो दिन के भीतर लांच कर दिया जाएगा। इसके बाद लोग इसे पा सकते हैं।
तय हुआ बोतलों का रेट
डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर आरएन यादव ने बताया कि गंगाजल की बोतलें की कीमत भी निधारित कर दी गईं हैं। उन्होंने बताया कि दो सौ एमएल बोतल गंगाजल दस रुपये में मिलेगी। जबकि पांच सौ एमएल गंगाजल की बोतल की बिक्री बीस रुपये में होगी।
पर, क्या यहां चल पाएगी योजना
वैसे तो इलाहाबाद में गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों पवित्र नदियों का मिलने हैं। यहां पर दूर-दराज से लोग खुद दर्शन को आते हैं। यहां से गंगाजल लेकर भी जाते हैं। गौरतलब है कि,13 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवतैन रैली को संबोधित करने प्रयाग की धरती पर आए थे। 12 जून को रात्रि प्रवास के बाद वह अपने मंत्रियों के साथ संगम दर्शन करने खुद गए थे। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या संगमनगरी में हरिद्वार के गंगाजल की बिक्री योजना चल पाएगी। हालांकि इस बारे में डाक विभाग के अफसर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं।