मां की बातें भी कुछ, याद हमें दिलाती हैं...
जीवन में कैसे जीना है, ये रोज हमें बतलाती हैं...
कभी-कभी तो हमें भी,याद मां की आती हैं...
आखिर मां की बातें ही हमें जीवन जीना सिखाती हैं...
डांट भी उनकी बातों में,आम सी बात थी...
कभी -कभी मां की याद आये, वो मुश्किल रात थी...
बातों में अपनापन हमेशा, मां की आखिरी निशानी थी...
मैं मां का था और मां मेरी बस, यहीं हमारी कहानी थी...
इक बात उनकी आज भी, मुझें बहुत भाती हैं...
कभी रहता हुं अकेला तो,उनकी याद बहुत आती हैं...
बातों में हमेशा सीख, कुछ खास हुआ करती थी...
मां मेरी ख्वाहिशों की दोस्तों,आस हुआ करती थी...
मेरी फ़िक्र करना मां की बातों में आम सी बात थी...
मां के बिना मेरी दुनिया में, चींटी सी औकात थी...