मेरी रचना:-मां की छत्रछाया
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मां का आशीष जहां पर सदा बना रहता
वहां कोई भी दुष्ट आत्मा नहीं रहती॥
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मां की ममता जहां सदा बरसती
वहां कोई भी बालक अनाथ नहीं रहता॥
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मां की कृपा यहां चारों याम होती
वहां पर कोई प्राणी भूखा नहीं सोता॥
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मां की दया दृष्टि जिस घर पर रहती हो
वहां पर किसी की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती॥
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मां की अनुपम छाया यहां पर होती
वहां पर कोई काली छाया नहीं रहती॥
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मां का सुरक्षा कवच यहां पर होता
वहां पर कोई भी दुख, दर्द, तकलीफ न रहती॥
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मां की अन्न वर्षा यहां पर होती
वहां पर कभी भी कोई भूखा ना सोता॥
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मां का ज्ञान स्रोत यहां पर सदा बहता
वहां पर कभी भी अज्ञान का अंधकार ना होता॥
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मां का सिंगार यहां हर समय जगमगाता
वहां पर कोई दुखियारी अपने भाग्य पर ना रोती॥
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मां की छत्रछाया यहां हमेशा बनी रहती
वहां पर कोई नर नारी भी अतृप्त न रहता॥
(स्वरचित)
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आप सभी को दुर्गा अष्टमी पर हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏😊