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मां

13 अक्टूबर 2021

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मेरी रचना:-मां की छत्रछाया

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मां का आशीष जहां पर सदा बना रहता

वहां कोई भी दुष्ट आत्मा नहीं रहती॥

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मां की ममता जहां सदा बरसती

वहां कोई भी बालक अनाथ नहीं रहता॥

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मां की कृपा यहां चारों याम होती

वहां पर कोई प्राणी भूखा नहीं सोता॥

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मां की दया दृष्टि जिस घर पर रहती हो

वहां पर किसी की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती॥

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मां की अनुपम छाया यहां पर होती

वहां पर कोई काली छाया नहीं रहती॥

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मां का सुरक्षा कवच यहां पर होता

वहां पर कोई भी दुख, दर्द, तकलीफ न रहती॥

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मां की अन्न वर्षा यहां पर होती

वहां पर कभी भी कोई भूखा ना सोता॥

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मां का ज्ञान स्रोत यहां पर सदा बहता

वहां पर कभी भी अज्ञान का अंधकार ना होता॥

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मां का सिंगार यहां हर समय जगमगाता

वहां पर कोई दुखियारी अपने भाग्य पर ना रोती॥

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मां की छत्रछाया यहां हमेशा बनी रहती

वहां पर कोई नर नारी भी अतृप्त न रहता॥

(स्वरचित)

🙏🙏🙏🙏🙏

आप सभी को दुर्गा अष्टमी पर हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏😊

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