14 नवम्बर 2021
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छवि धूमिल सी,घटा अभि-रिक्त सी मानस रूप अभी दिखा नही!!D
<p>कर्म रूप को साध में रख कर,</p> <p>कर्मभूमि में निहित मेरे हनुमान जी!</p> <p><br></p> <p>ऐश्वर्
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