शशि थरूर की 'मैं हिंदू क्यों हूं' पहचान और आध्यात्मिकता की एक विचारोत्तेजक खोज है, जो उन सवालों पर गहराई से विचार करती है जो मेरे जैसे आधुनिक पाठकों के साथ गहराई से जुड़ते हैं। थरूर का वाक्पटु गद्य और अंतर्दृष्टिपूर्ण दृष्टिकोण इस उपन्यास को एक मनोरम और आत्मनिरीक्षण यात्रा बनाता है।