आज़ादी के गुमनाम क्रान्तिकारी
पेशवा की बेटी, मैनावती क्रांति दूत तुम्हें,
अँग्रेजी हुकूमत ने, ज़िंदा ही जला दिया,
अजीजन बाई जैसे, क्रांति की अंगार तुम्हें,
तोप की नाल से बाँधा, त्रण सा उड़ा दिया,
बमों की झड़ी लगाई, जयदेव कपूर ने ,
तात्या की छुवन–छू ने,धूल सा चटा दिया,
18साल, 18 माह, खुदी राम झूले फांसी,
पीर अली खाँ को बीच, चौराहे चढ़ा दिया,
दिनेश-बादल गोली, दाग गए खुद पर,
बेनों ने लगाई गले, मौत सरे आम थे ,
कित्तूर की रानी, प्रतिलता वारेदार और,
लक्ष्मी सहगल, विजय लक्ष्मी के संग्राम थे,
कुँवर सिंह शेर जैसे , खान बहादुर खान,
आज़ादी के दीवाने थे, तिरंगे की शान थे,
दुर्गा बाई देशमुख, भीखाजी खामा जैसे,
आज़ादी का अमृत बिछाते हुए नाम थे।
मदन पाण्डेय ‘शिखर’ - मदन पाण्डेय 'शिखर'
मदन
पाण्डेय ‘शिखर’