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आज़ादी के गुमनाम क्रान्तिकारी

22 दिसम्बर 2021

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आज़ादी के  गुमनाम क्रान्तिकारी

पेशवा की बेटी, मैनावती क्रांति दूत तुम्हें,

अँग्रेजी हुकूमत ने, ज़िंदा ही जला दिया,

अजीजन बाई जैसे, क्रांति की अंगार तुम्हें,

तोप की नाल से बाँधा, त्रण सा उड़ा दिया,

बमों की झड़ी लगाई, जयदेव कपूर ने  ,

तात्या की छुवन–छू ने,धूल सा चटा दिया,

18साल, 18 माह, खुदी राम झूले फांसी,

पीर अली खाँ को बीच, चौराहे चढ़ा दिया,

दिनेश-बादल गोली, दाग गए खुद पर,

बेनों ने लगाई गले, मौत सरे आम थे ,

कित्तूर की रानी, प्रतिलता वारेदार और,

लक्ष्मी सहगल, विजय लक्ष्मी के संग्राम थे,

कुँवर सिंह शेर जैसे , खान बहादुर खान,

आज़ादी के दीवाने थे, तिरंगे की शान थे,

दुर्गा बाई देशमुख,  भीखाजी खामा जैसे,

आज़ादी का अमृत बिछाते हुए नाम थे।

मदन पाण्डेय ‘शिखर’  - मदन पाण्डेय 'शिखर'

मदन
पाण्डेय ‘शिखर’

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भारती का प्यार हिन्दी...

14 सितम्बर 2020
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भारती का प्यार है ये हिंदवी,भारतेन्दु ,शुक्ल और द्विवेदी प्रसाद ,जैसे , गोमुखी से गंगा काप्रयास है ये हिंदवी,हिम कन्दराओं दे उदित वेद मंत्रों युक्त,ऋषि मुनियों का इतिहास है ये हिंदवी,सूर का आभास है ये मीरा हरी प्यास है ये,पीड़ा महादेवी

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हिन्दी की सामर्थ्य

14 सितम्बर 2020
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13 अक्टूबर 2020
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मेरा ख़्वाब माँगते हैं ...इतने वेवश चेहरे, कि नकाब माँगते हैं,बंद करूँ आँखें , मेरा ख़्वाब माँगते हैं । बचपन की यादें ,जवानी के लुक –छिपे,ये चोरी –चोरी, मेरी किताबमाँगते हैं । छुपा छुई –मुई में, हर –सिंगार में फँसा,इम्तहान लेते मेरा , ये गुलाब माँगते हैं । दर्द की झाइयाँ नर्म, पलकों की सिंहरन,मज़ा

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मेरा ख़्वाब माँगते हैं ...

4 दिसम्बर 2020
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मेरा ख़्वाब माँगतेहैं ...इतने वेवश चेहरे, कि नकाब माँगते हैं,बंद करूँ आँखें , मेरा ख़्वाब माँगते हैं। बचपन की यादें ,जवानी के लुक –छिपे,ये चोरी –चोरी, मेरी किताब माँगते हैं । छुपा छुई –मुई में, हर –सिंगार में फँसा,इम्तहान लेते मेरा , ये गुलाब माँगते हैं । दर्द की झाइयाँ नर्म, पलकों की सिंहरन,मज़ाक

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माँ मुझे अच्छे से प्यार कर लेना

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आज़ादी के गुमनाम क्रान्तिकारी

22 दिसम्बर 2021
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