यह मेरा पहला काव्य संग्रह है आशा आप लोगो को यह अवश्य पसंद आएगा,और इसे आपका भरपूर स्नेह मिलेगा। यह संग्रह मैं अपने कुछ अनुभवों और हिन्दी काव्य के प्रति प्रेम से प्रेरित होकर लिखा है।
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हम आखिर कर ही क्या सकते थे,सिवाय तुम्हारे इंतजार केतुम्हे टूट के चाहने केबजाय किसी और को अपनाने केबस एक तेरी एक हां के रहे इंतजार में रात दिन तेरी बातों को याद करनेकेहां मजबूर थे हमतेरे फैसले को