मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
कोई तो मेरा भी इंतजार कर रहा था चुपके चुपके बोलो न
कब आएगी लेट लतीफ सुकून और कब करुँगी ढेर सारी बातें है न।
तो आ गई लेट लतीफ सुकून अपनी खट्ठी मीठू डायरी से मिलने
आज सुकून बहुत बहुत खुश है पता है सुकून ने आज किसी की मदद की,
और उसे पता है ढ़ेर सारा आशीर्वाद मिला तो खुश होने वाली बात पर सुकून तो खुश होगी न।
सुबह सुबह दिल खुश हो गया सच्ची में कहा गया है किसी को खुशी देकर भी खुशी ही मिलती है।
वो सोच रही है आज तो ढ़ेर सारा आशीर्वाद दिल से मिला है तो दिन बन ही जाएगा न।
और दूसरी बात मेरी फ्रेंड नया गाड़ी ली है तो उसकी भी खुशी में सोचे हम भी उसे बधाई दे दें।
गाड़ी लेना कितना अच्छा लगता है न पर सुकून को चार चक्के नही पसंद उसे तो बस धन्नू पसंद है जिसे लेकर वो कहीं भी चले जाय बिना रोक टोक के बस उड़ते रहती थी।
अच्छा अब चलो सोते हैं आज रात भी बहुत ज्यादा हो गई है
शुभरात्रि मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी और साथ में मेरे प्यारे पाठकों को भी अब कल मिलते हैं।
कल की बातों के साथ लेट लतीफ सुकून आएगी मिलने अपने ख़ट्ठी मीठू डायरी के संग।
सुकून