दिनांक 13 दिसम्बर 2022
मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
लो आ गई न लेट लतीफ सुकून आ गई न अब तो मुस्कुरा दो न आज तो बड़ी खुश होगी न आज सुकून बिना लेट किये आ गई और बंक भी नही मारी लेट लतीफ सुकून ने।
अरे मेरी बातों से तुम हँस रही होगी न मेरी प्यारी ख़ट्ठी मीठू डायरी सोच रही होगी आज सुकून को क्या हुआ जो आज सुकून बड़ी खुश है।
पता है ख़ट्ठी मीठू डायरी आज फिर मैं गई मार्केट कुछ सामान और दवाई लेने और हम सामान ले रहे थे तभी एक बच्चा रो रहा था वो अपनी माँ के साथ आया था और पता है वो खूब जोर जोर से रो रहा था मुझे आइसक्रीम दो।
अब बच्चा तो नासमझ था और वो मचल पड़ा उसकी माँ उसे समझा रही थी मत खाओ पर बच्चा कहाँ कुछ मानता है और समझता है वो और जोर जोर से रोने लगा अब उसकी माँ उसे घसीटते हुए डांट कर ले जा रही थी मन नही माना मेरा पता नही कैसा है मेरा मन।
मैं आई और बोली मत रोना चॉकलेट चाहिए वो नही मुझे आइसक्रीम चाहिए।
फिर मैंने प्यार से कहा बेटा खांसी आ जाएगी आप चॉकलेट लोगे वो हाँ किया फिर मैंने दुकान से चॉकलेट दी तो वो बड़ा खुश हुआ और मुस्कराते हुए चॉकलेट खाने लगा और रोना भी बंद हो गया।
उसकी माँ मुझे पैसे देने लगी मैंने इंकार कर दी अब उससे पैसे क्या लेती खुद पे शरम नही आती।
आज पता है खट्ठी मीठू डायरी मुझे बड़ा अच्छा लगा उस बच्चे को रोते रोते मुस्कुराते हुए चेहरे को देख कर।
सच्ची में अच्छा लगता है न बोलो न मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी।
अच्छा अब चलो मुझे आज जल्दी सोना है आज तबियत ठीक नही है तो इसलिए सोची तुमसे बातें कर लूँ फिर सो जाऊंगी।
अच्छा चलो शुभरात्रि मेरी खट्ठी मीठू डायरी और मेरे प्यारे प्यारे पाठकों को भी शुभरात्रि।
अब कल मिलेंगे कल की बातों के साथ अब चलो आप सब भी सो जाना मेरी खट्ठी मीठू डायरी को।
सुकून