मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
लो आ गई लेट लतीफ सुकून अपनी ख़ट्ठी मीठू से मिलने अब आज तो मेरी ख़ट्ठी मीठू नाराज पक्का होगी कल मिलने नही आई न लेट लतीफ सुकून
अरे पता है कल तेरी सुकून न गिटार सीखने के लिए मचल गई पता है वो उस क्लास में भी चली गई।
पता है मैं सोच रही हूँ की की मैं कैसे सीखूंगी अब गिटार बजाना सच्ची में एक तो उम्र है ऊपर से सीखने का शौक
देखो कौन जीतता है ये तो पता नही खट्ठी मीठू डायरी कहा नही जा सकता है
एक डर ऊपर से सीख पाऊँगी या नही कहना मुश्किल है
लेकिन पता है बड़ा ही अच्छा लगा गिटार बजाते देख कर सब बच्चे थे उनके बीच मुझे अजीब सा लग रहा था पर उस धुन को सुनकर
मन को बड़ा ही सुकून मिला
अब ये बातें तुम से कहे बिना मुझे चैन कहाँ मिलता इसलिए सोची चलो तुम को बता दूँ।
अब मेरी उलझन तो तुम्हीं सुलझाओगे न क्या करूँ सीखूं या नही।
अब तुझ पर छोड़ा है।
अच्छा अब आज की बातें यंही छोड़ कर चलो आज मुझे सोना है बहुत ठंड है और पता है बारिश भी हो रही है तो ठंड तो ज्यादा होगी ही न
अब चलो शुभरात्रि मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी अब कल मिलेंगे
और हमारे पाठकों को भी शुभरात्रि आप सब भी सो जाना आज की बातें अब यँही तक।
सुकून