मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
देखो आ गई न लेट लतीफ सुकून मिलने अपने खट्ठी मीठू डायरी से अब तो मेरी खट्ठी मीठू खुश हो गई।
उसे लग रहा होगा की आज तो ख़ट्ठी मीठू नही आएगी मिलने लेट लतीफ सुकून सो गई होगी पर ऐसा नही।
मुझे पता था मेरी खट्ठी मीठू डायरी मुझसे नाराज हो जाएगी अगर नही मिलने आती तो।
इसलिए भागी भागी आ गई पता है आज मेरी दोस्त की शादी का सालगिरह थी उसे बधाई दी वो बड़ी खुश हुई।
अरे दूसरों की खुशी में खुश होकर सच्ची वाली ख़ुशी मिलती है
ऐसा पता नही मुझे क्यों लगता है।
फिर पता है आज kfc गई थी वंहाँ देखी एक परिवार के लोग खाना खा रहे थे एक तीन साल का बच्चा था एक उससे बड़ा माँ और नानी खाने में लगी थी और बच्चा गिर गया।
बेचारे को चोट लग गई माँ खाना छोड़ कर दौड़ पड़ी मुझे हैरानी हुई की बच्चे को छोड़ कर खाने में लगी हैं और जब बच्चा गिरा तो दौड़ पड़ी।
लगा जैसेकिसी दूसरे ने तो धक्का न दे दिया होऔर
बच्चे को गिरा दिया है।
हम अपने में खुद इते व्यस्त हो जाते हैं की कुछ समझ नही आता है।
अपनी लापरवाही दीखती ही नही है।
अच्छा देखो सुनाई न एक नई बातें एक नई मुलाक़ात के साथ कैसा लगा तुम बताओ न मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी।
अच्छा अब चलो हम सोने चले बड़े थके हैं अब सोने दो मुझे और खुद भी सो जाओ अब रात हो गई।
अब शुभरात्रि तुम्हें भी और मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी पढ़ने वाले
पाठकों को भी शुभरात्रि चलो आप सो जाओ आप सब भी।
सुकून