अनुज AK Enterprises मे काम करता था, 4 साल मे अनुज ने बहुत अच्छी position हासिल कर ली थी.
और अब शायद उसके साथ कुछ ऐसा होने वाला था जो उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी. हमेशा अपने काम में ध्यान देने वाला अनुज अब थोड़ा सा तो बदलने वाला था, और ये क्यू और कैसे होने वाला था, आइए देखते हैं..
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आज सुबह से अनुज के साथ थोड़ी गडबड हो रही थी, एक तो उसे आज उठने मे देर हो गई, और फिर उसे चीजें भी नहीं मिल रही थी,
(वो होता है ना अगर आपको एक काम मे देरी हो जाये तो बाकी सारे काम मे देरी हो ही जाती है)
ऐसा कुछ आज अनुज के साथ भी हो रहा था आज,
सुबह की जो ट्रेन अनुज पकड़ता था वो आज थोड़ी सी देरी होने की वजह से छूट गई थी, और अगले 10 मिनट तक कोई ट्रेन नहीं थी,
इसीलिए अब जो भी ट्रेन आए उसे पकडना था, बस यही सोचते सोचते अनुज ट्रेन में चढ़ गया और जगह ना मिलने की वजह से वो दरवाजे पर ही लटका रहा .
पता नहीं ये लोगों को दरवाजे पर लटकने में क्या मज़ा मिलता है, कितना रिस्क होता है जरा सा हाथ छुटा और फिर तो सीधा......
ट्रेन के दरवाजे पर खड़े खड़े अनुज सोच हो रहा था के उसका फोन बज उठा, '' कहा है भाई कब तक आ रहा है'' '' फोन के दूसरी तरफ से करन ने कहा'' करन अनुज के ऑफिस में काम करता था दोनों ने साथ ही मे ऑफिस जॉइन किया था,
हाँ करन बस ट्रेन में हूँ थोड़ी देर में पहुँच जाऊँगा, इतना बोल कर अनुज ने फोन रख दिया.
स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही ''Excuse me थोड़ा बाजू हटेंगे'' किसी ने उसे पीछे से आवाज दी, इतनी प्यारी सी आवाज थी के अनुज कुछ पल के लिए तो वो वैसे ही रुक गया, आवाज एक लड़की की थी.
'' Excuse me थोड़ा हटिये या फिर उतारिए जल्दी'' दुबारा आवाज आई,
हाँ हाँ अनुज ने बिना पीछे मुड़े ही बोला और थोड़ा बाजू हो गया.
और उतरते उतरते उस लड़की का दुपट्टा अनुज के हाथ से होकर गया, और अनुज उसे देखता ही रह गया.
उसकी आवाज और उसके लंबे भुरे बालों मे लगे गजरे की खूशबू अनुज के दिल मे उतर गई थी. बस इतना था के वो उसका चेहरा नहीं देख पाया था, वो उसका चेहरा देखना चाहता था, पर देख नहीं पाया क्यू की वो ट्रेन से उतर कर सीधे स्टेशन के बाहर की तरफ चली गई, और इतने मे ट्रेन भी चल पड़ी.
ना जाने क्यू बार बार अनुज के कानों में उस लड़की की आवाज गूंज रही थी. और बस उसके बारे में ही सोच रहा था, और
'' अरे भाई उतरना नहीं है क्या ये लास्ट स्टेशन है'' , किसी ने अनुज को पीछे से कहा और अनुज होश में आया, हाँ भाई उतर रहा हू.
अनुज उसके ख्यालो मे इतना खो गया था के उसे होश ही नहीं था के उसका स्टेशन तो पीछे छूट गया.
अनुज जल्दी से ट्रेन से उतरा और platform के दूसरी बगल आया और ऑफिस के लिए दूसरी ट्रेन पकड़ी,
ये क्या था एक तो पहले से ही उसे देर हो गई थी उपर से ये बोल अनुज ने अपने सिर पर हाथ मारा, और अपने फोन मे न्यूज देखने लगा.....