अनुज ने कविता का हाथ पकडा और मंच की ओर चल प़डा, वहां पहुचते ही उसने माइक उठाया और बोलने लगा.
हैलो दोस्तों मैं आप सब से माफ़ी मांगता हू के आप सब को ऐसे बीच में रोकने के लिए,
अनुज ने माइक एक हाथ मे पकडा और अपने जेब से कुछ निकल कर कविता के सामने अपने घुटने पर बैठ ग़या और उसके हाथो में क्या था, एक प्यारी सी अंगुठी जो थी तो बहुत simple पर बहुत अच्छी लगी रही थी...
कविता मैं तुमपे कोई जोर नहीं दे रहा हू बस अपने दिल की बात कह रहा हू, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, मैने जब से तुम्हें देखा था मैं तब से तुमसे प्यार करता हू. अनुज की बातें सुन सब शांत हो गए और कविता भी, " मैं तुमसे बहुत प्यार करता हू कविता "
अनुज के ये बोलते ही सारा पार्टी हाल शांत हो गया. और फिर किसने ने कहा, कविता Ma'am हाँ बोल दीजिए और सब चिल्लाने लगे हाँ बोल दीजिए हाँ बोल दीजिए कविता ma'am.
कविता के कानों में सब की आवाज से ज्यादा उन दोनों के दिल की आवाज सुनाई दे रही थी, कविता भी अनुज सामने ऐसे ही बैठ गई अपने दोनों हाथ उसके सामने कर दिए, ये सब देख सभी खुश हो गए और फिर हॉल मे तालियों के शोर ने जगह ले ली.
सभी लोगों ने कविता और अनुज को बधाईयाँ दी और इसके बाद तो पार्टी और भी मजेदार हो गई.
ये दिन सभी लोगों के लिए बहुत ही यादगार रहा, क्यू की कोई भी वहां खाली हाथ नहीं गया था, तीन महीने बाद अनुज और कविता ने शादी कर ली और आज दो सालों बाद उनके घर एक छोटी सी प्यारी सी लक्ष्मी ने आगमन किया जिसका उन्होंने नाम काव्या रखा...
अनुज आज बहुत खुश है अपनी छोटी सी प्यारी सी दुनिया में....
आप लोग सोच रहे होंगे के इस कहानी का नाम "Employee Of The Year'' क्यू रखा है.... आप सोचिए और बताइए.....