मुझे वो शख्स चाहिए,जो सिर्फ मेरा हों।
मेरा रहबर मेरा और सिर्फ मेरा हों।।
वो मुझे मनाएं,जब मैं रुठ जाऊं।
बाहों के हार गले में डाल मुझे मनाएं।।
मेरे साथ हर गम और खुशियों का विस्तर बिछाये।
प्यार मुहब्बत से इक दूजे को समझाये।।
वो मेरा मुझसे सिर्फ प्यार करें।
बीते कल को प्यार से मेरे नाम करें।।
जिस्मों का बंधन ना हो सिर्फ मुझसे।
रुह से रुह तक का सफर तय करें।।
जन्म जन्म का साथ हो हमारा।
प्रेम मुहब्बत से जीते जग सारा।।