*सन 2024 मंगलमय हो*
वन्दना नव वर्ष की।
कामना उत्कर्ष की।
आगत यह सुखमय रहे।
चौबीस में सब निर्भय रहे।
तन व मन निरामय रहे।
यह वर्ष मंगलमय रहे।
समोन्नति के अर्श की।
वन्दना नव वर्ष की।
कामना उत्कर्ष की।
छोड़ दे सब द्वेष को।
जाति धर्म विद्वेष को।
याद रख इस देश को।
अंजाम दे परिवेश को।
कामना बस हर्ष की।
वन्दना नव वर्ष की।
शासन चले बस नीति से।
विनती यही रजनीति से।
कुर्सी मिले बस रीति से।
अन्याय की न अनीति से।
उत्कृष्ट वाले दर्श की।
वन्दना नव वर्ष की।
कामना उत्कर्ष की।
पूजनीय यह विधान हो।
सबका प्रिय संविधान हो।
भारत वतन महान हो।
पुनः विश्व मे बखान हो।
फिर से बने आदर्श की।
वन्दना नव वर्ष की।
कामना उत्कर्ष की।
©कलम घिसाई
𝕸𝖆𝖉𝖍𝖚𝖘𝖚𝖉𝖆𝖓 𝖌𝖆𝖚𝖙𝖆𝖒