सामाजिक सरोकारों एवं जीवन के विविध पहलुओं पर आधारित हिंदी काव्य संग्रह
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जो मेरे द्वारे तू आए प्राण-मरुस्थल खिल-खिल जाए साँस-डाल भी हिल-हिल गाए छोड़ झरोखे राज महल के जो मेरे द्वारे तू आए । जुड़े सभा सपनों की आकर आँखों की सूनी जाजम पर खेल