आज बेहद दुखी मन से ओडिशा ट्रेन दुर्घटना का लेख लिखने का सहयोग है
रेल हादसे ने अब तक छीनीं 288 जिंदगियां, कई अभी भी गंभीर, पीएम मोदी बोले- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा ओडिशा रेल हादसे में अबतक 288 लोगों की मौत
ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे के पीड़ितों का आंकड़ा लगातार अपडेट हो रहा है. रेल अधिकारियों ने जानकारी दी कि शनिवार (3 जून) को दोपहर 2 बजे तक हादसे के कारण जान गंवाने वालों संख्या बढ़कर 288 हो गई, जबकि 747 लोग घायल हुए हैं और 56 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. पीएम मोदी ने बालासोर के अस्पताल में पीड़ितों से मिलने के बाद मीडिया से कहा, ''जिन लोगों ने अपना जीवन खोया है, यह बहुत दर्दनाक और संवेदना से भी परे मन को विचलित करने वाला है. जिन परिवारजनों को इंजरी हुई है, सरकार उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. सरकार के लिए घटना अत्यंत गंभीर है. हर प्रकार की जांच के निर्देश दिए गए हैं. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसको सख्त से सख्त सजा हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा
ओडिशा (Odisha) के बालासोर में कल शाम तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर में 233 लोगों की मौत हो गई और 900 से अधिक घायल हो गए. अभी मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. यह घटना तब हुई जब एक यात्री ट्रेन, (Passenger Train) कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस, पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से टकरा गई, और एक अन्य ट्रेन, यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट, पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गई. हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है, और माना जाता है कि कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं.
भारतीय रेलवे के कार्यकारी निदेशक अमिताभ शर्मा ने एएफपी को बताया, "दुर्घटना में दो यात्री ट्रेनों की सक्रिय भागीदारी थी, जबकि तीसरी ट्रेन, एक मालगाड़ी थी, जो साइट पर खड़ी थी, भी दुर्घटना में शामिल है." देश की सबसे घातक ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक शाम 7 बजे के आसपास हुई, जब कई यात्री सो रहे थे. चेन्नई जा रही कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस कथित तौर पर पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसके बाद कई डिब्बे पलट गए.
इसके बाद यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गई. टक्कर के वक्त दोनों ट्रेनें तेज गति से चल रही थीं. अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम 6 बजकर 50 मिनट से 7 बजकर 10 मिनट के बीच कुछ ही मिनटों में भीषण त्रासदी हुई. संभावित परिचालन विफलता पर सवालों के बीच रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं. बचाव अभियान रात भर जारी रहा क्योंकि श्रमिकों और स्थानीय लोगों ने क्षतिग्रस्त मलबे से शवों और जीवित बचे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की. इसके बाद में एनडीआरएफ के जवान और सेना के जवान मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया
बहुत दुःखद घटना हम सभी मानवता के साथ सभी मृतको की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।