यह कहानी पारिवारिक रिश्तो का आंकलन करती है। इसकी मूल संवेदना पिता पुत्र पति-पत्नी भाई बहन जैसे रिश्तो को दर्शाती है। प्रेम सद्भाव से ओतप्रोत यह कहानी पति-पत्नी के बिछड़ने और मिलने का बोध कराती है। पुत्र के बचपन से किशोरावस्था तक जाने में , फिर उसे अ
रोहित और साकेत बचपन में ही साथ पढ़ते थे एक तरह से दोनो लंगोटिया यार थे ,पर साकेत के पिता का ट्रांसफर हो जाने से दोनो अलग हो जाते हैं
आओ जज्बातों के रोमांचक सफर पर चलें।
पिता और पुत्र का एक ऐसा रिष्ता है जिसमें पिता अपने पुत्र में स्वयं को देखता है। अक्सर वह चाहता है कि उसका पुत्र वो करे, जो वह स्वयं न कर सका, अपने अनुभवों और ज्ञान को अपने पुत्र के भीतर झोंक देना चाहता है एक पिता। या यूं कहें पिता अपने पुत्र के माध्य
मातृ दिवस हम सभी अपने जीवन में अपनी मां को बहुत प्यार करती हैं और हम अपनी मां के लिए अपना जीवन भी त्याग बलिदान कर सकते हैं क्योंकि मां ने हमें जिंदगी दी है और मां ने नया जीवन दिया है जो हम इस संसार में जीते हैं इसलिए मां को शब्दों में व्यक्त नहीं कर
एक लड़का जिसे नशे की गंदी लत लग गई थी वह हमेशा नशे में मस्त रहता था , अचानक एक दिन जिस पुलिया के नीचे वह छुप कर दूसरे नशेड़ियों के साथ नशा करता था , वहीं एक तीन माह को बच्ची मिल गई ,उसके बाद क्या हुआ पढ़िए व्यसन,,,
"इतने मँहगे कपड़े, सामान और खिलौने लेने की क्या जरूरत है माँ जी ? फिर अभी तो इतने पैसे भी नहीं हैं मेरे पास !" मुक्ता ने कहा पर फिर भी शायद वह उसकी मंशा समझ नहीं सकीं । "पैसे नहीं हैं तो क्या फर्क पड़ता है ? सामान अलग कर कुछ एडवांस दे देते हैं । कल
नंदू को आचार्य जी रास्ते से लेकर अपने घर में पनाह देते हैं ,और नंदी भी उनके घर का पूरा काम करता था ,वह घर का नौकर कम परिवार का सदस्य अधिक था।।
ठाकुर महेंद्र सिंह के छोटे बेटे ने अपने से छोटे जाति की लड़की से विवाह कर लिया तो घर में आफत आ गई ,उसे घर ने रुकने नही दिया गया ,!!!
ये मेरी पहली कहानी है जो मैं लिखने जा रही हूँ ! मेने यहाँ बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं उन सभी कहानियो से प्रेरित होकर मुझे भी मेरी कहानी लिखने का मन हुआ | ये दिन भी मेरे लिए हमेशा की तरह थकान भरा और उबाऊ दिन था! मेरे कदम हमेशा की तरह ऑफिस से डांस क्लास
आज हम एक मा की दर्द भरी कहानी को अपनी आर्टिकल में लिख रहा हूं। यह एक सच्ची घटना है । बात वर्ष 2017 की है । उस समय नया नया LED लाइट गांव में आया। ब्लॉक में उजाला नाम के LED Light आधार कार्ड से मिल रहा था । दो साल का गारंटी भी था। हम सोचे की क्यों ना
इंसान और जानवरों के बीच में निष्पाप प्रेम का बर्णन, और उनके एक दूसरे से अलग हो जाने का दुःख, लेखिका ने इस कहानी के जरिए दिखाने की चेष्टा की है।।
प्रस्तुत पुस्तक में देवी-देवताओं से संबंधित कथाएं कहानियां और उनकी लीलाओं के प्रसंग हैं