दूसरा जन्म अधेड़ उम्र की औरत गांव से बाहर काफी दूर एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर चिल्ला-चिल्ला कर अपने आपको कोसती हुई रो रही थी, और कह रही थी - ये मेरी गलती थी भगवान, मैं अपनी जवानी में होने वाली उस गलती पर आज भी शर्मिंदा हूं । हे भगवान । मै
जामुन का पेड़ “रवि...., रवि बेटे अन्दर आओ ।“ “आया मां, जरा यह पेड़ और लगा दूं ।” “क्या रवि बेटे तुम भी दिन भर पेड़ लिए फिरते हो ।” झल्लाते हुए मां ने कहा । “देखिए ना मां, आज मेरी इस छोटी सी बगिया में फिर से कितने सुन्दर फूल खिले हैं ।” “हां फूल तो
न्यायालय आज सभी ऑफिस के आदमी कोर्ट की तरफ दौड़े जा रहे हैं । आज यहां पर उनके चहेते पटवारी का फैसला होने वाला था । जो कि दस हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था । कोर्ट लगभग दस बजे के आसपास शुरू हुआ । सभी कोर्ट में अपनी-अपनी सीट
मौत खरीदता युवक एक बार मैं एक ट्रेन से कहीं बाहर से आ रहा था । अचानक एक 15-16 साल का लड़का मेरे पास हांफता हुआ आया और मेरे पास आकर खाली सीट देखकर कहने- भाई आप कौन हैं ? क्या इस सीट पर मैं बैठ सकता हूं । हां भाई, आईये, बैठिये । मगर आप अपना नाम तो ब
स्त्री महिला सशक्तिकरण, अबला नारी, नारी शक्ति पहचानो । कुछ अजीब सा लगता है मुझे ये सब । आज की नारी और पहले की नारी, क्या इसने अपनी शक्ति को आज तक नही पहचाना । यह तो वह नारी है जो हमेशा से अपनी शक्ति का दुरूपयोग करती आ रही है । हम कथा-कहानियों में प
दोस्ती रात को करीब 8:00-8:30 बज रहे थे । लेखक घर पर अकेला था कि तभी उसका एक दोस्त रवि मल्होत्रा उससे मिलने आया । वह अक्सर आता -जाता रहता था । इसलिए वह कुछ देर बात करने पर दोनों छत पर चले गये। कुछ देर बाद लेखक नीचे उतर आया । बाहर गया देखने कुछ, मगर म
यह बहुत अच्छी किताब है.
शादी आजकल शिक्षा इतनी महत्वपूर्ण हो गई है कि उसके बिना तो लड़की वाला यह कहकर टाल देता है कि हां भाई देखेंगे घर पर पूछकर फिर आप को बता देंगे कि हमें लड़का पसन्द है या नही । अब कुछ दिन पहले ही मैं ऐसे ही एक महाशय से मिला जो मुझसे कहने लगा कि भाई लड़
गाय के आंसू गाय एक पवित्र जीव है । जिसके बारे में आज भी हमारे बुजुर्ग मिशाल देते हुए कहते हैं वाह, बिल्कुल गऊ के समान सीधा लड़का है । पुराणों में गाय को सभी इच्छाएं पूर्ण करने वाली कामधेनू बताया गया है । जिस गाय का दान सम्पूर्ण फल देने वाली कहा गया
पश्चाताप् आज मुझे बड़ी ग्लानि महसूस हो रही थी जब अपने द्वारा लगाया गया पेड़, अपने द्वारा सींचा गया पेड़ मुझे अपने ही हाथों से काटना पड़ा । मैं तो उसका प्रायश्चित भी नही कर सकता । क्या करूं । जो पेड़ हमारे सगे भाई-बन्धु हैं उनको इस प्रकार से मैं निर्
शिनरा इओरोई नाम का एक लड़का अपने बाएं हाथ से चित्र बनाकर जीवन बनाने की क्षमता रखता है। एक पत्र लिखने का प्रयास करते समय, जापानी कांजी जीवन में आते हैं क्योंकि वे मूल रूप से चित्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीक थे। चिड़िया का प्रतीक बाहर उड़ता
🌺खिलौने जो आज भी जिंदा है🌺 आज मायके में बोहोत दिनों बाद मैने अपनी पुरानी पेटी खोली और मां से कहा - "आप ने अब भी मेरे खिलौने कितने संभाल के रखे हैं। " और मन ही मन सोचने लगी कि एक मायका ही होता है जो अपनी बिटिया के सारे निर्जीव खिलौनों को
प्रस्तुत पुस्तक में देवी-देवताओं से संबंधित कथाएं कहानियां और उनकी लीलाओं के प्रसंग हैं