कौन सी घटना बनती है बड़ी ख़बर और कौन रह जाती है गुमनाम? कौन सी ख़बर बनती है ब्रेकिंग और कौन किसको करता है बदनाम? जिन्दगी-मौत,सरकार-सिस्टम, सियासत और मीडिया की अनकही अनसुनी लघुकथा- कहानियों का संग्रह है "बड़ी ख़बर"। जिन्दगी की छोटी-छोटी मामूली सी लगने वाली
हम इंसान है इसलिए हमारे पास रिश्ते हैं, पर हर रिश्ता खुशी, सकून देने वाला हो ये जरूरी तो नहीं कुछ सिर्फ बंधन बनकर रह जाते हैं उलझनों वाला, दर्द तकलीफ वाला एक अनचाहा बंधन ,, मिहिर और चाहत ऐसे ही अनचाहे बंधन की उलझनों, दर्द तकलीफों से निकलने के लिए दो
A son writes a letter to his parent who is dying. He is convinced of his parents through the letter
सिंदूर:- किसी भी औरत की खुबसूरती को चार चाँद लगा देता है वो है उसका श्रृंगार और सभी जानते हैं कि औरत का श्रृंगार सिंदूर के बिना पुरा नहीं माना जाता है। सुहागिनो की पहचान है सिंदूर, सही मायनों में सिंदूर किसी भी औरत की जिंदगी में सबसे कीमती श्रृंग
मैंने सुना था कि माॅं का दूसरा नाम स्वर्ग होता है लेकिन माॅं जब से आप हमारे घर आई आपने हमारे घर को नर्क से भी बदतर बना दिया । माॅं से बढ़कर कोई गुरु नहीं होता । क्या ऐसा ही होता है ?? आप गुरु का मतलब भी जानती है माॅं । सब जानते है कि हमारी संस्कृति
मर्डर-मिस्ट्री-विथ-लव-बर्ड-1 अच्छा हुआ आपने बचा लिया सर, वरना मेरा तो मर्डर हो चुका था। लम्बी साँस लेकर वो बोला। लेकिन जय ऐसा किसने, क्यो किया? ASI वीरभद्रसिंह बोले। खुद असमंजस में जय बोला सर!!! पता नहीं, ये सजा महोब्बत की हैं या राजनीति की। तु
( अपने बाॅयफेंड अक्षय और अपनी बचपन की दोस्त अक्षरा से खाए धोखे से टूट चुकी रिमझिम अब किसी पर भी भरोसा ना करने का फैसला ले चुकी थी। ) 2 महीने बाद....... गुजरात से मुंबई आने के बाद रिमझिम अपने अतीत से कोई मतलब नही रखना चाहती थी वो रात
" अरे तुम सब लड़के यहां से चले जाओ यहां लड़कियां बैठेंगी और फेरों में लड़कों का क्या काम है ? " विजय जी वहां बैठे नलिन के दोस्तों से कहा । नलिन जिसकी शादी हो रही है उसका एक दोस्त श्लोक खड़ा हुआ और बोला " अंकल जी हम क्या लड़कियों को खा थोड़ी जाएंगे
12 कहानियों का संग्रह राष्ट्रीय पुस्तक सदन,दिल्ली से अगस्त 2015 मे प्रकाशित - अवशेष प्रणय कहानी संग्रह मे 12 सामाजिक कहानियां संग्रहित है... 1. आखिरी खत 2. अपने पिया की मै 3. बदलती दिशाएं ४. बनवास 5. बेरोजगार 6. बुत का दहन 7. जी से दिया उ
एक जवान विधवा के हालात पर आधारित है ये कहानी।
रात के ३ बजे अचानक से तनु की आंखे खुल गई न जाने क्यों कमरे में ठंड बढ़ गई थी नवंबर की शुरुवात थी और मौसम रात को ठंडा हो जाता था तनु ने उठ के पानी पिया और देखा था खिड़की खुली हुई थिनौर उस में से ही ठंडी हवाएं आ रही थीं, तनु सोच में पड़ गई ये खिड़क
इस किताब का नाम ‘झूठी महबूबा, पागल महबूब है' इस किताब में इक ऐसी महबूबा की कहानी है जो बहुत झूठी होती है लेकिन सच्ची प्रेमी होती है और इक ऐसा महबूब होता है जो बहुत बड़ा पागल होता है उसके प्रेम को और उसके झूट को समझना नहीं पाता है
यह कहानी उस महिला के जीवन की है जिसने महज 43 की उम्र मे ही ज़िन्दगी के हर पड़ाव को हस्ते -मुस्कराते हुए पार किया है न जाने उसने कितनी ही विपरीत परिस्थितयो का डटकर मुकाबला किया और आज वो अध्यापिका के पद पर कार्यरत है । इस कहानी से हमे जीवन मे बहुत कुछ
ये किताब एक दापंत्य जीवन को और मजबुत करें इस इरादे से इसे लिखी गई हैं। इसमे धनात्मक बाते और अच्छी बातो का सृजन किया गया हैं। किसी व्यक्ति को ठेस ना पहुँचे इसका पुरा ध्यान रखा गया हैं।