कभी-कभी मजाक या अनजाने में की गई छोटी-छोटी गलतियां भी बड़ा अपराध बन जाती है और उनकी सजा जीवन भर दुख देती है कुशीनगर से मध्य प्रदेश के दुर्ग जा रही ट्रेन में बम होने की अफवाह फैला कर दो सगे भाइयों ने भी ऐसा अपराध किया कि चंद घंटे बाद ही हवालात की हवा
किताब के बारे मे इस कहानी के मुख्य पात्र निर्भय, ईशान, श्रद्धा, संजीत,भार्गवी और संकल्प है | निर्भय का कार मे एक्सीडेंट होने की वजह से हॉस्पिटल मे जान तो बच जाती है मगर दोनों हाथो की हथेलियों को खो देता है , समाज के कुछ लोग उसकी तरफ देखकर कहते है कि
एक राजा था उसे दूसरे राजा से युद्ध में जितना तू तो उसके किले पर जितनी बार भी आक्रमण करता वह हार जाता एक दिन वह थक के अपने कक्ष में बैठा था तो उसे नजर दीवार पर गई उसने देखा कि एक चींटी दीवार पर चल रही थी वह हमेशा नीचे गिरती और वह कोशिश नहीं आती वह चढ़
किताब के बारे मे 22 मार्च 2020 को 24 घंटे के लिये लॉकडाउन लगाया गया था, भारत सरकार की तरफ से | इन दिनों मेरा मिरज, महाराष्ट्र मे ही काम चल रहा था | अक्सर रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी मे छुट्टी नहीं मिला करती है तो इस 24 घंटे के लॉकडाउन से मन मे थोड़ी ख़ुशी भी
आई लव यू आरोही .. शिवांश ने जैसे ही ये बात आरोही से कहा आरोही को गुस्सा आ गया और उसने शिवा से कहा .. होश में तो हो ? ये क्या बोल रहे हो तुम ? औकात देखी है अपनी ? दोस्ती करने तक की औकात नहीं है . और मुझसे प्यार करने चले हो ?? दुबारा अगर अपनी
“सुक्का” अपने नाम से ही एक फजुलियत बिखेरता किरदार| सुक्का होने को तो कभी के प्रसिद्द साहूकार रतन शर्मा का पोत्र था| रतन शर्मा का ब्याज का बड़ा काम था अंग्रेजो के ज़माने से| उनके दो पुत्र थे बड़े चन्द्र दत्त और छोटे सोमदत्त| चन्द्र दत्त पढ़-लिख कर अध्यापक
एक बड़ा सा कमरा, दो मंजिले पर एक डाईनिंग हाल में पचपन छप्पन साल की एक महिला डाईनिंग टेबल पर सब्जी काट रही है और ठीक पीछे उसका पति तैयार हो रहा है शायद कही जाने के लिए। पति की उम्र साठ के उपर होगी, वो याद से सभी सामान को अपने पास रखता है जिसे लेकर उसे
good morning I should have kept chasing my dream person stumbling on a winding narrow road I don't wanna go back to those days looking for the lost sky like a sacrifice so that you can understand stop sad faces tears are no
हम इंसान है इसलिए हमारे पास रिश्ते हैं, पर हर रिश्ता खुशी, सकून देने वाला हो ये जरूरी तो नहीं कुछ सिर्फ बंधन बनकर रह जाते हैं उलझनों वाला, दर्द तकलीफ वाला एक अनचाहा बंधन ,, मिहिर और चाहत ऐसे ही अनचाहे बंधन की उलझनों, दर्द तकलीफों से निकलने के लिए दो
सिंदूर:- किसी भी औरत की खुबसूरती को चार चाँद लगा देता है वो है उसका श्रृंगार और सभी जानते हैं कि औरत का श्रृंगार सिंदूर के बिना पुरा नहीं माना जाता है। सुहागिनो की पहचान है सिंदूर, सही मायनों में सिंदूर किसी भी औरत की जिंदगी में सबसे कीमती श्रृंग
किताब के बारे मे हमारा भारतदेश क़ृषिप्रधान देश है, फिर भी आज के समय मे किसान की स्तिथि बहुत ही बुरी है | वह आज भी ग़रीबी और लाचारी से परेशान है, कभी अतिवृष्टि की वजह से फसल का नुकसान हो जाता है तो कभी अल्पवृष्टि से | किसान खेतो मे बीज बोने से लेकर फसल
अन्ततः कहानी संग्रह ग्यारह कहानियों का संग्रह है। यह सभी कहानियाँ मौलिक हैं तथा आज के सामाजिक परिवेश के धरातल से जुड़ी हैं।
मैंने सुना था कि माॅं का दूसरा नाम स्वर्ग होता है लेकिन माॅं जब से आप हमारे घर आई आपने हमारे घर को नर्क से भी बदतर बना दिया । माॅं से बढ़कर कोई गुरु नहीं होता । क्या ऐसा ही होता है ?? आप गुरु का मतलब भी जानती है माॅं । सब जानते है कि हमारी संस्कृति
कौन सी घटना बनती है बड़ी ख़बर और कौन रह जाती है गुमनाम? कौन सी ख़बर बनती है ब्रेकिंग और कौन किसको करता है बदनाम? जिन्दगी-मौत,सरकार-सिस्टम, सियासत और मीडिया की अनकही अनसुनी लघुकथा- कहानियों का संग्रह है "बड़ी ख़बर"। जिन्दगी की छोटी-छोटी मामूली सी लगने वाली