कहते हैं, दुःख मेरे हों या तेरे दुःख की भाषा एक है। आँसू तेरे हों या मेरे आँसू की परिभाषा एक है । इसी को एक रूप देते हुए वाणी प्रकाशन ने ज़ाहिदा हिना द्वारा लिखित पुस्तक 'पाकिस्तान डायरी' प्रकाशित की है । इसमें उन करोड़ों लोगों की बात है जो एक-दूसरे के सुख-दु:ख को समझना चाहते हैं । जिनके रिश्ते एक-दूसरे से हैं । देश बँट गया पर उनके रस्म-ओ-रिवाज़ का आज तक बँटवारा न कर सका है । पाकिस्तान डायरी वैसे तो दैनिक भास्कर, अखबार में छपती ही है । आपके समक्ष किताब की शक्ल में प्रस्तुत है । Read more