परिचय
हम सितारे है और रात में चमकते है ।चाँद के सामने औक़ात में चमकते है ।।हम तो इन रात के भी हाथ में हीना जैसे ।छूट जाते है मगर हाथ में दमकते है ।।हम वो गुलाब नहीं जो एक डाली पे रहे ।हम तो खुशबू है हर एक बाग में महकते है ।।नही तासीर हमारी की हम खामोश रहे ।हम तो शीशे है जो टूटे भी तो खनकते है