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पार्ट 12

22 अक्टूबर 2021

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"नहीं.. कभी वक़्त ही नहीं मिला इस चाँद को इतनी फुरसत से देखने का" शब्द वाणी पर से अपनी नज़रे हटाकर चाँद की तरफ देखते हुए बोला l

"कभी कभी वक़्त निकालना चाहिए प्रकृति की इस ख़ूबसूरती को महसूस करने के लिए, उसे जीने के लिए" वाणी ने मुस्कुराकर कहा तो शब्द एक बार फिर से वाणी की तरफ देखते हुए बोला, "हम्म्म.. आज लग रहा है वक़्त निकालना चाहिये था l

"थैंक्स" वाणी ने शब्द की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहा l

"किस लिए" शब्द ने चाँद को देखते हुए पूछा l

"मुझसे दोस्ती करने के लिए" वाणी ने कहा तो शब्द शांत लहज़े मे बोला, "उसकी कोई जरूरत नहीं है क्योकि इस दोस्ती से ज्यादा कुछ भी नहीं दे पाउँगा मैं तुम्हे"

"उससे ज्यादा कुछ चाइये भी नहीं l आपका साथ मिल गया l इस जन्म के लिए इतना ही काफ़ी है l" वाणी ने मुस्कुराते हुए कहा तो शब्द उसकी तरफ देखते हुए बोल पड़ा, "तुम्हे कभी गुस्सा नहीं आया मुझपर? कभी ये नहीं लगा कि तुम्हारी तो कोई गलती भी नहीं है फिर इन सबकी सज़ा तुम्हे क्यों मिल रही है"

"गलती तो आपकी भी नहीं थी पर आपको भी तो सज़ा मिली ना" वाणी ने कहा तो शब्द दुखी होकर बोला, "पर मैंने तो अपना गुस्सा तुम और निकाल लिया! तुमने किसी पर नहीं निकाला?"

"गुस्सा निकलने से जो हुआ वो बदल तो नहीं जाता ना? तो क्यों होने साथ किसी और को तकलीफ देना?" वाणी ने भी दुखी होकर कहा तो शब्द उसे गौर से देखते हुए बोला, "तुम सच मे ऐसी हो या सिर्फ़ मुझे दिखाने के लिए..."

शब्द का सवाल सुनकर वाणी हसते हुए बोली, "अब इस सवाल का जवाब तो आप ही ढूंढ़ सकते हैँ क्योकि मैं तो झूठ भी बोल सकती हूँ या फिर मेरा सच आपको झूठ लग सकता है"

"बाते अच्छी कर लेती हो तुम" शब्द ने मुस्कुराकर कहा l

"चलो कुछ तो अच्छा लगा आपको" वाणी ने हसकर कहा तो शब्द को भी पता नहीं क्यों पर हसीं आ गई l

"आप हसते भी है?" वाणी ने शब्द की तरफ देखकर हैरानी से पूछा l

"हालातो ने पत्थर बना दिया है वरना था तो मैं भी इंसान ही l" शब्द ने उदास होते हुए कहा l

"अब ये मुस्कान अपने चेहरे से कभी मत होने दीजियेगा l" वाणी ने शब्द की आँखों मे देखकर कहा तो शब्द नज़रे चुराते हुए बोल पड़ा, "अभी ये वादा कैसे कर सकता हूं मैं? अभी तो पता नहीं मेरी किस्मत ने क्या क्या सोच रखा है?"


"जो होगा अच्छा ही होगा" वाणी ने मुस्कुराकर उसे हौसला दिया l दोनों ने उस रात खोल कर बातें की जिसके बाद वो दोनों काफी हल्का महसूस करने लगे l बाते करते करते दोनों को पता ही नहीं चला कि कब वो दोनों एक दूसरे के कंधे पर सर रखकर सो गए l

सुबह की पहली किरण जब शब्द के चेहरे पर पड़ी तो उसने देखा कि उसने वाणी के कंधे पर सर रखा हुआ है और वाणी ने भी उसे अपनी बाहों में कैद कर रखा है l
पहले कुछ देर वो वाणी को देखता रहा फिर अचानक से वो वाणी की कैद से खुद को छुड़वाकर उठ कर खड़ा हो गया l उसके उठने से वाणी की आंख भी खुल गई और वो आंखे मलते हुए बोल पड़ी, "अरे! हम यही सो गए थे?"

"हम्म्म.. चलो अब इससे पहले यहां कोई आये हम नीचे चलते हैँ l" ये कहते हुए शब्द ने वाणी को गोद मे उठा लिया और फिर उसे लेकर कमरे मे आ गया l थोड़ी देर मे दोनों तैयार होकर नाश्ते की टेबल पर आ गए और चुपचाप नाश्ता करने लगे l

आज शब्द बहुत हल्का महसूस कर रहा था और वाणी के चेहरे पर भी एक नई सी खुशी झलक रही थी l उन दोनों के भावो से पता चल रहा था कि अब उनके बीच उतनी भी दूरिया नहीं हैँ जितनी पहले थी l

घर के सारे लोग अब खुश थे l शब्द मे धीरे-धीरे ही सही पर काफी बदलाव आ रहे थे l ऑफिस से भी उसने वाणी के ठीक होने तक की छुट्टी ले रखी थी l अब वो परिवार के साथ बैठकर हंसता था.. वाणी की इज्जत करता था.. उसकी परवाह करता था.. पर प्यार..प्यार अभी बाकी था"

देखते ही देखते 15 दिन गुजर गए और डॉक्टर वाणी के चेकअप के लिए घर आये l वाणी का चेकअप करके डॉक्टर मुस्कुराते हुए शब्द से बोले, "ये अब बिल्कुल ठीक है और अब ये चल फिर भी सकती है l बस आपको कल इन्हे हॉस्पिटल लाना होगा ताकि हम एक फाइनल एक्स-रे कर सकें l"

"ठीक है डॉक्टर! मैं कल इसे लेकर आ जाऊंगा" शब्द ने मुस्कुराते हुए कहा l वाणी ठीक है ये जानकर बाकी सबके चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई l

अगले दिन वाणी शीशे के सामने तैयार हो रही थी तभी शब्द बाथरूम से नहाकर निकला l

" वाणी मेरे कपड़े" शब्द ने अपना सिर पोछते हुए कहा तो उसके मुंह से पहली बार अपना नाम सुनकर वाणी का दिल जैसे खुशी से बाहर ही आ गया l वो तुरंत उठकर कबर्ड से शब्द के कपड़े निकालने लगी तो शब्द शिकायती लहजे में बोल पड़ा, " ये सही है तुम लड़कियों का?जब तक बात ना करो सारे काम होते रहते हैं l जैसे ही भाव देना शुरू करो सारे काम बंद l"

" अरे नहीं नहीं! वी मैंने सोचा पहले मैं तैयार हो जाती हूं फिर..." वाणी ने घबराते हुए कहा तो शब्द हंसते हुए बोल पड़ा, "मजाक कर रहा हूं"

" मैं तो डर ही गई थी" वाणी ने गहरी सांस लेते हुए कहा l

" क्या करूं खडूसपन तो धीरे-धीरे ही जाएगा ना? बाई द वे तुम बहुत अच्छी लग रही हो" शब्द ने मुस्कुरा कर कहा तो वाणी हंसते हुए बोली, " पर मुझे तो लगता है कि आपका खडूसपन चला गया है वरना तो मैं सिर्फ आपकी सुन रही होती l"

" अच्छा अब जो भी रह गया है,जल्दी करो वरना खडूस पन फिर से आ जाएगा" शब्द ने हंसते हुए कहा तो वाणी "ओके" कहकर शीशे के सामने आकर सिंदूर लगाने लगी और शब्द ना जाने क्यों वहीं रुक कर उसे देखतें हुए सोचने लगा, " आज से पहले इतना रिलैक्स कभी फील नहीं हुआ l पता नहीं क्या जादू सा कर दिया है इसने? वो दिल जो इतने दिनों से एक बोझ के तले दबा था आज फिर से एक आजाद परिंदे की तरह उड़ने को तैयार है l अब तो लगता है कि इससे गुस्सा रहना ही नहीं चाहिए था l कम से कम इतने दिनो तक ये बोझ लेकर तो नहीं घूमना पड़ता l"

शब्द को यूं खोया हुआ देख वाणी शीशे के जरिए उसे देखते हुए बोली, "क्या हुआ? आप कहां खो गए?"

" कुछ नहीं मैं भी तैयार हो जाता हूं वरना लेट हो जाएंगे" शब्द ने अपने ख्याल से बाहर आते हुए कहा और फिर जल्दी से तैयार होने लगा l

कुछ ही देर में वो दोनों हॉस्पिटल पहुंच गए और एक्स रे करवाने के बाद लॉबी में बैठकर एक्सरे रिपोर्ट का इंतजार करने लगे l दोनों इंतजार कर ही रहे थे कि तभी एक लड़का भागते हुए वहाँ आ गया l वो बहुत घबराया हुआ था और लॉबी में बैठे सारे लोगों के पास जाकर कुछ पूछ रहा था l इससे पहले वाणी और शब्द कुछ समझ पाते वो उन दोनों के पास ही आ गया l

" प्लीज मेरी मदद कीजिए! मेरी वाइफ का एक्सीडेंट हुआ है और वो आईसीयू में है l उसे ओ नेगेटिव ब्लड की जरूरत है l मैं सब जगह पता कर चुका हूं l हॉस्पिटल वालों ने भी मना कर दिया है l प्लीज अगर आपका या आपके किसी भी रिश्तेदार का हो तो... "उस लड़के ने आंखों में आंसू भर कर हाथ जोड़ते हुए कहा तो वाणी झट से बोल पड़ी," देखिए आप घबराइए मत! मेरा ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव है मैं आपके साथ चलती हूं l"

" थैंक यू थैंक यू सो मच! आपको नहीं पता आपने मेरी कितनी बड़ी मदद की है l मैं ये एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगा l" उस लड़की ने वाणी के हाथ जोड़ते हुए कहा तो वाणी उसके हाथों को पकड़कर बोली,"थैंक्यू बाद में बोलिएगा! पहले मुझे मदद तो करने दीजिए l"

"हाँ! आप चलिए मेरे साथ" उस लड़के ने कहा तो शब्द और वाणी दोनों उस लडके के साथ भागते हुए आईसीयू पहुंच गए l शब्द बाहर ही रुक गया और वाणी उस लडके के साथ अंदर आ गई l उस लड़की को काफी चोट लगी हुई थी l उसका काफी खून भी बह रहा था l डॉक्टर उसे टांके लगा रहे थे l

"मिस्टर डिसुजा! अगर डोनर नहीं मिला तो हम इन्हे बचा नहीं पाएंगे l" डॉक्टर ने हड़बड़ी मे कहा तो वो लड़का एलविन घबराते हुए बोल पड़ा,"ऐसे मत कहिये डॉक्टर! अगर उसे कुछ हो गया तो मैं भी जी नहीं पाऊगा l"

उस लड़के को भावुक होते देख वाणी झट से बोल पड़ी, "डॉक्टर मैं ओ नेगेटिव हूं! आप मेरा ब्लड ले लीजिए पर इनकी वाइफ की जिंदगी बचा लीजिये l"

" थैंक गॉड! आप आइए मेरे साथ l" डॉक्टर ने खुश होकर कहा और फिर वाणी को दूसरे बेड पर लिटाकर एलविन को बाहर भेज दिया l कुछ एक टेस्ट के बाद वाणी का ब्लड उस लड़की को चढ़ाया जाने लगा l

वाणी को किसी अनजान के लिए इतना फ़िक्र मंद होते देख बाहर खड़ा शब्द मन ही मन सोचने लगा, "ये अच्छी वाइफ ही नहीं एक अच्छी इंसान भी है l जिसे जानती तक नहीं है उसके लिए कितनी परेशान हो रही है l आजकल जहां लोग अपनों के काम नहीं आते ये दूसरों के लिए भी कितना कुछ कर रही है l"

अपने ख्यालों में खोया हुआ था कि तब तक उसकी नजर एलविन पर गई l वो अभी भी रो रहा था l उसे रोते देख सब उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे हौसला देते हुए बोला, "डोंट वरी! योर वाइफ विल बी ऑल राइट!"

ब्लड डोनेशन के बाद वाणी हिचकिचाते हुए नर्स से बोली, "सिस्टर! क्या मैं एक बार इनसे मिल सकती हूं l"

"हां क्यों नहीं? आपने तो इनकी जान बचाई है l आपका तो हक है l" नर्स ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर वो वाणी उस लड़की के पास ले गयी l उस लड़की को देखते ही वाणी के पैरों तले जमीन खिसक गई l

"ये.. ये तो क्रिस्टल.." हैरानीवश वाणी सिर्फ़ इतना ही कह पाई l

"हाँ ये मिसेस क्रिस्टल डिसुजा है पर आप इन्हे कैसे जानती हैँ?" नर्स ने चौक कर पूछा तो वाणी घबराते हुए बोली, "बस.. जानती हूँ l"

दूसरी तरफ डॉक्टर ने एलविन को बताया कि उसकी पत्नी और खतरे से बाहर है तो एलविन उसका शुक्रिया अदा करते हुए बोला, " क्या मैं उससे मिल सकता हूं"

" हां क्यों नहीं" डॉक्टर ने मुस्कुराकर कहा l

एलविन डॉक्टर के साथ अंदर चला गया और तब तक वाणी बाहर आ गई l उसे देखकर शब्द ने घबराते हुए पूछा, " तुम ठीक तो हो ना? ज्यादा कमजोरी तो नहीं लग रही l"

" नहीं मैं ठीक हूं l" वाणी ने जवाब दिया तो शब्द मुस्कुरा कर बोला, "चलो फिर तुम्हारी रिपोर्ट ले लेते हैँ l"

"ओके" वाणी ने मुस्कुरा कर कहा और फिर दोनों डॉक्टर के केबिन मे आ गए l

" मिस्टर कपूर इनका फैक्चर ठीक तो हो गया है पर अभी इन्हे थोड़े दिन एहतियात रखना होगा l मैं 2 दिन की दवाई और दे रहा हूं l उसके बाद इन्हे फिर से चेकअप के लिए लाना होगा l" डॉक्टर ने कहा तो शब्द "ओके डॉक्टर" कहते हुए वाणी को लेकर बाहर आ गया l


शब्द कार चला रहा था और वाणी अभी भी सोच में डूबी हुई थी, " क्या करूं? शब्द को बता दूं कि वो लड़की क्रिस्टल थी या नहीं! कुछ समझ नहीं आ रहा? अभी अभी तो सब ठीक हुआ था और अभी फिर से? डॉक्टर ने 2 दिन बाद फिर से बुलाया है l अगर तब शब्द ने उसे देख लिया तो? कहीं वो मुझसे फिर से इस बात से नाराज ना हो जाए कि मैंने उन्हें बताया नहीं l"

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रचनाएँ
शब्द वाणी
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घरवालों के दबाब के कारण एक नामी बिजनेसमैन शब्द, मध्यम वर्गी परिवार की लड़की वाणी से शादी तो कर लेता है पर कभी उसे अपनी बीवी का दर्ज़ा नहीं दे पाता क्युकी उसका प्यार वाणी नहीं कोई और है l  क्या वो कभी अपने प्यार को भुला कर वाणी को अपनी पत्नी मान पाएगा या फिर वाणी से रिश्ता तोड़कर अपने प्यार को ही अपना हमसफ़र बनाएगा? पहला पात्र है शब्द कपूर, एक नामी यंग बिजनेसमैन l जो दिखने मे भी बहुत हैंडसम है l उसने अपनी दिन रात की मेहनत से अपने बिजनेस को उचाईयो पर पहुंचाया है पर घर वालो की ज़िद की वजह से लिए गए फैसले के कारण वो बहुत चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो गया है l किसी से ठीक से बात नहीं करता और ना ही किसी की परवाह करता है l दूसरी पात्र है वाणी, जो मध्यम वर्गी परिवार से है l बहुत ही सुन्दर, समझदार और सहनशील है वाणी l बडो का आदर करती है और अपनी ज़िम्मेदारियों का बहुत अच्छे से निर्वहन करती है l अपने नाम की ही तरह अपनी वाणी का उपयोग भी सही वक़्त पर करती है और ज़ब भी बोलती है बहुत मीठा बोलती है l
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