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पार्ट 14

22 अक्टूबर 2021

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"ये नहीं हो सकता? तुम... तुम तो मुझसे प्यार करती हो ना? फिर किसी और के साथ...तुम झूठ बोल रही हो ना क्रिस्टी!" शब्द ने क्रिस्टल का चेहरा अपने हाथों में लेते हुए कहा तो क्रिस्टल गंभीर होकर उसके हाथ अपने गालों से हटाते हुए बोली, "मैं सच बोल रही हूं शब्द और किस प्यार की बात कर रहे हो तुम? प्यार तो तुम भी करते थे ना मुझसे? फिर तुमने क्यों कर ली थी किसी और से शादी?"

"वो मेरी मजबूरी थी" शब्द ने चिल्लाते हुए कहा तो क्रिस्टल हसकर बोली, " हां मजबूर तो सिर्फ तुम ही हो सकते हो ना शब्द! मैं नहीं!"

" पर मैं कभी इतना मजबूर भी नहीं हुआ कि अपने प्यार को भुला कर इस हद तक चला जाऊं l वो ऊपर वाला जानता है कि इन 7 महीनों में अपनी हर सांस पर मैंने सिर्फ तुम्हें याद किया है और अपने इस पागलपन की सजा मैंने हमेशा एक बेकसूर को दी है l सिर्फ इसी उम्मीद में कि एक ना एक दिन सब ठीक होगा l हम दोनों एक हो जाएंगे और तुम.. तुम कह रही हो कि मैं मजबूर थी l" शब्द ने गुस्से मे कहा तो क्रिस्टल भी उस पर बरसने लगी, " अगर उस वक्त ही अपने पेरेंट्स के खिलाफ जाने की हिम्मत कर लेते तो ये सब करने की जरूरत ही नहीं पड़ती और अब जब ये सब हो ही गया है तो अब क्या ठीक करना चाहते हो तुम शब्द? डाली से टूटा हुआ पता कभी डाली पर दोबारा नहीं लग सकता l जो एक बार हो गया वो कभी नहीं बदल सकता l इसलिए जाओ और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो और उस लड़की को उन गलतियों की सजा देना बंद करो जो उसने की ही नहीं है l मैं तुम्हारी जिंदगी में कभी वापस नहीं आऊंगी?तुम चाहोगे तब भी नहीं? इसलिए जाओ.. चले जाओ.. मेरे हसबैंड आते ही होंगे! बहुत मुश्किल से संभाला है मैंने खुद को! भगवान के लिए दोबारा मेरी जिंदगी को नर्क मत बनाओ  l" ये कहते हुए क्रिस्टल शब्द के आगे हाथ जोड़कर फूट-फूट कर रोने लगी l उसकी बातों से शब्द भी अंदर तक टूट गया इसलिए वो भी तेजी से वहां से चला गया l

उन दोनों की बातें कमरे के बाहर खड़े एलविन ने सुन ली l शब्द के निकलते ही हो किनारे हो गया और शब्द के जाते ही वो अंदर आ गया l

उधर वाणी बार-बार शब्द को फोन कर रही थी पर शब्द का नंबर ऑफ आ रहा था l उसने अंकिश को फोन करके पूछा तो पता चला कि वो काफी देर पहले ही हॉस्पिटल के लिए निकल चुका है l अब तक तो पहुंच भी गया होगा l

"शायद शब्द हॉस्पिटल में ही कहीं होंगे? मैं डॉक्टर से जाकर पूछती हूं l" ये सोचते हुए वाणी कुछ आगे बढ़ी तो उसकी नजर उसी नर्स पर गई l वो तुरंत उसके पास गई और शब्द के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो कुछ देर पहले क्रिस्टल के कमरे में था l ये सुनते ही वाणी को एक जोरदार झटका लगा l वो धीरे-धीरे कदमों से कमरे की तरफ बढ़ने लगी l कमरे में पहुंचते ही उसने देखा कि वहां शब्द तो नहीं था पर क्रिस्टल जोर जोर से रो रही थी और एलविन बेबस नजरों से उसे देख रहा था l वाणी वहां जाने लगी तभी उसे कुछ ऐसा सुनाई दिया कि वो रुक गई l

"तुमने शब्द से झूठ क्यों कहा कि तुम प्रेग्नेंट हो?" एलविन ने पूछा तो क्रिस्टल हैरानी से उसकी तरफ देखने लगी l जैसे उसकी आंखें एलविन से सवाल कर रही हो कि ये सब तुम्हें कैसे पता चला? "

"मैंने सब सुन लिया" एल्विन ने कहा तो क्रिस्टल बिना कुछ कहे सर झुका कर बैठ गई l उसे यूं खामोश देखकर एल्विन उसके हाथों पर अपना हाथ रखते हुए बोला, " हम दोस्त हैं ना! तो इतना तो जान सकता हूं ना मैं"

एलविन की बातें सुनकर क्रिस्टल उसके गले से लग के रोने लगी l एलविन जो अब तक लगभग टूट ही चुका था खुद को संभालते हुए बोल पड़ा, " बता दो क्रिस्टल! कम से कम दिल पर बोझ तो नहीं रहेगा l"

एल्विन की हमदर्दी भरी बातें सुनकर क्रिस्टल उसे रोते हुए बताने लगी, " मैं क्या करती एलविन! मेरे पास कोई रास्ता ही नहीं था l कल जब तुम मेडिसिन लेने गए थे तब शब्द का बेस्ट फ्रेंड अंकिश यहां आया था l उसने मुझे बताया कि शब्द की वाइफ ने हीं मेरी जिंदगी बचाई है और सिर्फ मेरे लिए ही नहीं उसने शब्द और उसके परिवार के लिए भी बहुत कुछ किया है l उसने मुझे बताया कि शब्द ने शादी तो कर ली पर आज तक उस शादी को निभाया नहीं है l उसकी फैमिली की गलती की सजा वो लड़की भुगत रही है पर फिर भी वो खुश है क्योंकि शब्द की बीवी होने का एहसास उसके साथ है l उसने मुझसे रिक्वेस्ट की कि अगर शब्द यहां आए तो मैं उसके आगे कमजोर नहीं पडू बल्कि उसे उसकी जिंदगी में आगे बढ़ने में मदद करू l मैंने वही किया एलविन.. अब शब्द मेरा इंतजार नहीं करेगा और वो अपनी जिंदगी में जरूर आगे बढ़ जाएगा l"

ये कहते हुए क्रिस्टल फूट-फूट कर रोने लगी और अपने आपको बेबस पाकर एलविन जैसे ही कमरे से बाहर आया तो देखा वहां वाणी खड़ी थी l उसकी आंखों से भी आंसू बह रहे थे l

"आप यहां?" एलविन ने चौक कर पूछा तो वाणी रोते हुए बोली, " क्या बिगाड़ा है इन दोनों ने किसी का जो इन्हें बार-बार इतनी तकलीफो से होकर गुजरना पड़ता है l"

" बिगड़ा तो हमने भी किसी का कुछ नहीं है पर सजा तो हमें भी मिल रही है ना l" एल्विन ने झूठी हंसी हंसते हुए कहा तो वाणी ने चौक कर पूछा, "मतलब"

"मतलब ये कि ये दोनों एक जैसे ही हैं l परिवार के दबाव में शादी तो कर ली पर उस शादी को निभाया नहीं है और हम दोनों प्यार के हाथों मजबूर होकर अपने प्यार को हर रोज तड़पते हुए देख रहे हैं l अपने प्यार को ऐसे देखना किसी सजा से तो कम नहीं है ना?" एल्विन उदास होकर कहा तो वाणी अपने आंसू पोछते हुए बोली, " सही कहा आपने पर अब ऐसा नहीं होगा! क्या मैं आपका नंबर ले सकती हूं प्लीज!"


" हां पर क्यों? " एल्विन ने हैरानी से पूछा तो वाणी मुस्कुरा कर बोली, "क्योंकि बहुत जल्द मुझे आपकी जरूरत पड़ने वाली है l"

एल्विन ने वाणी को नंबर दे दिया और इससे पहले वो कुछ और पूछता वाणी वहां से चली गई l

रात के 12:00 बज रहे थे l घर के सारे लोग टेंशन में हॉल में बैठे हुए थे क्योकि शब्द का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा था l अंकिश भी शब्द को हर जगह ढूंढ कर थक कर घर आ चुका था l मीरा का रो रो कर बुरा हाल था l रोना तो वाणी को भी आ रहा था पर वो घर वालों के लिए खुद को मजबूत बनाए हुए थी l

"पता नहीं कहां होगा मेरा बच्चा? किस हाल में होगा?" मीरा ने रोते हुए कहा तो ऋषभ उसे हौसला देते हुए बोले, "कुछ नहीं होगा उसे, तुम चिंता मत करो!"

"ये सब मेरी वजह से ही हो रहा है l मेरी गलती की सजा पूरा परिवार भुगत रहा है!" मीरा ने अपना सिर पीटते हुए कहा पर इससे पहले ऋषभ कुछ कहते दरवाजे की घंटी बजी l अंकित ने दरवाजा खोला तो देखा सामने नशे मे पूरी तरह धुत शब्द खड़ा है l उसे इस हालत में देखकर सब लोग चौंक गए l वो शब्द जिसने इतना कुछ होने के बाद भी कभी शराब को हाथ नहीं लगाया? वही शब्द आज नशे में इतना डूबा हुआ था कि उससे ठीक से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था l

" तूने शराब पी है? " अंकिश ने आगे बढ़ कर उसे संभालते हुए पूछा तो शब्द हसते हुए बोला, " मैं तो अपना सारा गम भी पी गया हूं पर तुझे सिर्फ शराब दिख रही है l"

ये कहते हुए शब्द अपने कमरे की तरफ जाने लगा l ऋषभ कुछ कहना चाहते थे पर अंकिश उन्हें रोकते हुए बोला, " अभी नहीं अंकल! अभी वो नशे में है l थोड़ी देर उसे अकेले रहने दीजिए l वो अपने आप सभल जाएगा l"

शब्द लड़खड़ाते कदमों से अपने कमरे में आ गया और क्रिस्टल की बाते याद करके गुस्से में सारी चीजें इधर-उधर फेंकने लगा l काफी देर तोड़फोड़ करने के बाद शब्द थक कर वहीं जमीन पर बैठकर फूट-फूट कर रोने लगा l इसी बीच खाने की प्लेट लेकर वाणी कमरे में आ गई l शब्द की हालत देखकर वाणी बहुत दुखी हो गई l उसने खाने की प्लेट टेबल पर रख दी और शब्द के पास जाकर बैठ गयी l

" आपने सुबह से कुछ नहीं खाया है? प्लीज थोड़ा सा खा लीजिए" वाणी ने शब्द के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा तो शब्द उसका हाथ झटक कर चिल्लाते हुए बोल पड़ा, " तुम्हें अभी भी खाने की पड़ी है वाणी?यहां मेरी ज़िन्दगी फिर से वीरान हो गई है l पता नहीं ये ऊपर वाले को क्या दिक्कत है मुझसे? क्यों ये सब ठीक नहीं रहने देता मेरी ज़िन्दगी मे"

" पर ऐसी क्या बात है शब्द जो आपको इतना परेशान कर रही है? क्या आप मुझसे भी शेयर नहीं करेंगे? हम तो दोस्त है ना? " वाणी ने शब्द के दिल की बात जानने के लिए अनजान बनते हुए पूछा तो शब्द रोते हुए बोल पड़ा, "बात.. बात ये है वाणी कि मैं आज भी सिर्फ क्रिस्टल से प्यार करता हूं l बहुत कोशिशों के बाद भी मैं उसे भूल नहीं कर पा रहा हूं l वो आज भी मेरे दिल में बसी हुई है l मैं उसे नहीं भूल पा रहा हूं l"

"मैं समझ सकती हूँ! अपने प्यार को भुला पाना इतना आसान थोड़ी होता है?" वाणी ने उदासी भरे स्वर में कहा तो शब्द रोते हुए बोला, " नहीं वाणी! तुम नहीं समझ सकती l इनफैक्ट कोई नहीं समझ रहा है l मैं नहीं जी सकता उसके बिना! हम दोस्त हैं ना तो मैं तुमसे अपने दिल की बात सच सच ही कहूंगा l जब मैंने तुम्हें जानने की कोशिश की, तुमसे दोस्ती की तो मुझे लगा शायद मैं इस दौर से गुजर जाऊंगा पर जब वो वापस आई तो...

कहते-कहते शब्द रुक गया तो वाणी उसकी तरफ देखते हुए बोली, " वापस... "

" हां तुम्हें तो कुछ पता ही नहीं है l तुम्हें तो पता ही नहीं है कि जिसे तुमने खून दिया वो और कोई नहीं... " इससे पहले शब्द अपनी बात पूरी करता वाणी बोल पड़ी, "क्रिस्टल थी और मुझे ये भी पता है कि वो प्रेग्नेंट है l"

" इसका मतलब... इसका मतलब तुम्हें सब पता था और तुमने फिर भी मुझे नहीं बताया?" शब्द ने गुस्से में कहा और फिर वो वहां से उठकर जाने लगा पर नशे की वजह से वो वाणी की गोद में ही गिर गया l

"मैं आपको इतने दिनो से आपको यही तो बताना चाहती थी शब्द पर आप इतने बिजी थे कि मेरी बात सुनने का भी टाइम नहीं था आपके पास l प्लीज मेरा यकीन करिए" वाणी ने प्यार से शब्द का सर कहलाते हुए कहा तो शब्द वाणी मे खोकर उसके चेहरे से बाल हटातें हुए बोला, " तुम पर ही तो यकीन है अब वाणी l तुम ही हो जिसमें मैं सब कुछ शेयर कर सकता हूं l तुमने सही कहा था वाणी कि हमें दोस्ती कर लेनी चाहिए l कम से कम अब मैं अपने इस दर्द को बाहर तो निकाल सकता हूं l पर एक बात बताओ तुम्हें कैसे पता चला कि वो लड़की क्रिस्टल है और ये कैसे पता चला कि वो प्रेग्नेंट है l ये बात तो सिर्फ मुझे पता है l"

"वो दरअसल एक बार आपके वॉलेट में मैंने उसकी तस्वीर देखी देखी थी l" वाणी ने नजर झुका कर कहा तो शब्द सकुचाते हुए बोला, "पता नहीं मुझे तुमसे ये सब कहना चाहिए या नहीं पर फिर भी कह देता हूं l हल्का महसूस करूंगा l"

" हां कहिए ना मैं सुन रही हूं!" वानी ने मुस्कुराकर कहा l

" मैं उसके बिना नहीं जी सकता वाणी! मैं ऐसे दोहरी जिंदगी नहीं जी सकता l इससे अच्छा तो यही होगा कि मैं अपनी जिंदगी खत्म ही कर लूं l" शब्द ने दुखी होकर कहा तो वाणी उसके मुंह पर हाथ रखते हुए बोल पड़ी, "ऐसे मत कहिए प्लीज!"

" तो और क्या करूं मैं वाणी? वो तो अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गई है पर मैं कैसे आगे बड़ू l इतने दिनों में मैंने ये तो जान लिया कि तुम बहुत अच्छी हो.. बहुत स्पेशल हो पर मैं तुम्हें उसकी जगह नहीं दे पाऊंगा l कभी नहीं.. " शब्द ने वाणी के गालों को छूते हुए कहा तो वाणी मन ही मन सोचने लगी, "अब मैं इन्हें और ऐसे नहीं देख सकती l पत्नी का दर्जा तो कभी दिया नहीं इन्होंने पर एक अच्छा दोस्त समझ कर अपना सारा गम मुझे सुना दिया l अब मुझे भी अपने दिल पर पत्थर रखकर अपनी दोस्ती का फर्ज निभाना होगा l"

" आप उसे अपनी जिंदगी में वापस चाहते हैं शब्द?" वाणी ने सवाल भरी नजरों से पूछा तो शब्द हंसते हुए बोला, " चाहता तो मैं बहुत कुछ हूं वाणी पर वो सब मुझे मिल तो नहीं सकता? अगर मिल सकता होता तो पहले ही मिल गया होता? "

" पर इस बार आपको वो जरूर मिलेगा जो आप चाहते हैं l आप चिंता मत करिए शब्द और सब कुछ मुझ पर छोड़ दीजिए l" ये कहते हुए वाणी की आंखों से आंसू छलक आए और ये बात सुनकर शब्द उसकी गोद से सर हटाकर उठकर बैठते हुए बोला, "सच..तुम सच कह रही हो वाणी?"


" हां मैं सच कह रही हूं!" वाणी ने अपने आंसू पोछते हुए कहा l

" पर तुम ये सब कैसे करोगी और क्रिस्टल तो प्रेग्नेंट है ना? " शब्द मायूस होकर कहा तो वाणी ने उसे सारी सच्चाई बता दी l

"इस अंकिश की तो मैं.."सच्चाई जानकर शब्द गुस्से में चिल्लाया l

"आप अंकिश भैया को कुछ नहीं कहेंगे l उन्होंने जो कुछ भी किया मेरी खुशी के लिए किया l" वाणी ने दुखी स्वर में कहा l

" हां और इन सब में तुम्हारी खुशी का क्या?" शब्द ने उदास होकर पूछा तो वाणी अपनी भावनाओं को काबू करके शख्त होते हुए बोली,"मैं वैसे भी कहां खुश हूं शब्द? आप मुझे कभी अपनी पत्नी नहीं मानेंगे तो ऐसी शादी का मतलब ही क्या है? मुझे भी तो खुश रहने का हक है ना? अगर आप मुझे वो खुशी नहीं दे सकते तो कोई और तो ऐसा मिल ही जाएगा जो मुझे मेरे हिस्से की खुशियां दे पाए? "

"तुम सही कह रही हो वाणी! तुम्हें भी तो खुश रहने का हक है और वो खुशी तुम्हें मैं कभी नहीं दे पाऊंगा? " शब्द ने उदास होकर कहा तो वाणी बड़ी कोशिश करके मुस्कुराते हुए बोली, "इसीलिए तो कह रही हूं आप खाना खा कर सो जाइए! बाकी सब मुझ पर छोड़ दीजिए l"

शब्द खुश था या नहीं पता नहीं पर उसे सुकून जरूर महसूस हो रहा था l वो आग जो थोड़ी देर पहले उसे जलाने वाली थी l अब बुझ चुकी थी और वो भी आराम से सो चुका था l

वाणी रात भर हिम्मत जुटाती रही और अपने दुख को आंसुओं से बाहर निकलती रही l सुबह होते ही वाणी ऋषभ और मीरा से वो कहने पहुंच गयी जो शायद वो कभी नहीं कहना चाहती थी l

" मैं शब्द को तलाक दे रही हूं l" वाणी ने ऋषभ और मीरा के आगे भावहीन होकर कहा l

ये सुनते ही वो दोनों हैरान रह गये और तब तक अंकिश और तृषा भी वहां आ गए l

"ये तू क्या कर रही है बेटा?" ऋषभ ने चौक कर पूछा तो मीरा दुखी होकर बोली, "ऐसे मत बोल बेटा! शब्द को थोड़ा टाइम लगेगा पर वो बदल जाएगा l"

"क्यों मां? क्यों हम हर बार शब्द से ही बदलने की उम्मीद कर रहे हैं? क्यों हर बार सारी उम्मीदें शब्द से ही रखी जा रही है? हम क्यों नहीं बदल सकते माँ?" वाणी ने पूछा तो अंकिश बोल पड़ा, " भाभी आप हिम्मत रखिए! वो संभल जाएगा और हम सब है ना! हम सब मिलकर उसे संभालेंगे l"

" सब कुछ तो करके देख लिया हमने पर क्या हुआ? बस एक बार उनके क्रिस्टल को देखते ही हमारे सारे प्लान्स बेकार हो गये l" वाणी ने अंकिश की तरफ देखकर कहा और इससे पहले कोई भी कुछ कहता वाणी ऋषभ और मीरा के आगे हाथ जोड़कर खड़ी हो गई और आंखों में आंसू भर कर बोली, "प्लीज मां पापा! मेरी बात मान लीजिए l शब्द की खुशी मैं नहीं क्रिस्टल है l प्लीज उन्हें उनकी खुशी दे दीजिए l आपने सब कुछ कर के देख लिया है l अब एक बार शब्द की मर्जी भी मान कर देख लीजिए l शब्द ऐसी दोहरी ज़िन्दगी नहीं जी पाएंगे l कोई भी खुश नहीं रह पाएगा इससे l प्लीज आप लोग मेरी बात मान लीजिए l"

ये कहते हुए वाणी फूट फूट कर रोने लगी l ऋषभ और मीरा बेबस होकर एक दूसरे को देखने लगे तभी तृषा बोल पड़ी, " और तेरी खुशी उसका क्या? "

"शब्द की खुशी में ही मेरी खुशी है l मुझे और कुछ नहीं चाहिए" वाणी ने अपने आंसू पोछते हुए कहा तो ऋषभ कुछ सोचते हुए बोल पड़े, "पर मुझे चाहिए l मैं एक शर्ट पर ही तुम्हारी बात मान सकता हूं l"

" मुझे आपकी हर शर्त मंजूर है पापा" वाणी ने खुश होकर कहा l

"हम शब्द की शादी क्रिस्टल से करा देंगे पर उसी दिन तुम्हें भी किसी और से शादी करनी होगी l किसी ऐसे इंसान से जो तुम्हें खुश रख सके?तुम्हें वो प्यार, वो इज़्ज़त दे सके, जो तुम्हें कभी नहीं मिली" ऋषभ ने कहा तो वाणी की आंखों से आंसू निकलने लगे l तब तक शब्द भी वहाँ आ गया l ऋषभ और वाणी की बात सुनकर वो भी थोड़ा हैरान हो गया l तभी ऋषभ फिर से बोल पड़े, "बोलो बेटा तुम्हें शर्त मंजूर है?"

ऋषभ के साथ-साथ बाकी सबको यही लग रहा था कि वाणी ये शर्त कभी नहीं मानेगी पर कुछ देर सोचने के बाद वाणी अपने होठों पर मुस्कान बिखेरते हुए बोल पड़ी, "मुझे मंजूर है l"

वाणी के जवाब के बाद अब किसी के पास कुछ कहने को नहीं रहा l ऐसा लग रहा था जैसे सबके दिल निकल कर बाहर ही आ जाएंगे l शब्द जो कल तक क्रिस्टल से शादी करना चाहता था l आज वो भी ये बात सुनकर ज्यादा खुश नहीं था l

जिस खबर को जानने के बाद शब्द को खुशी से नाचना चाहिए था l वो उस खबर को सुनने के बाद किसी गहरी सोच में डूबा हुआ था, "ये क्या हो गया है मुझे? इतनी बड़ी बात जाने के बाद भी मैं खुश क्यों नहीं हूं? शायद मैं इसलिए ख़ुश नहीं हूं क्योंकि मेरे बाद वाणी का क्या होगा? जिससे उसकी शादी होगी पता नहीं वो कैसा इंसान होगा? पता नहीं वो उसे खुश रखेगा भी या नहीं? पर मैं..मैं भी तो उसे दुख ही दे रहा हूं l मैंने भी तो आज तक उसे रुलाया ही है l क्या पता अब जो उसकी जिंदगी में आए वो उसकी जिंदगी खुशियों से भर दे l"

मीरा और वाणी किचन में खाना बना रही थी तभी तृषा उसके पास आकर बोली, "तू एक बार फिर से सोच ले वाणी?जो तू करने जा रही है वो इतना भी आसान नहीं है l अपने पति को किसी और के साथ देख पाना किसी पत्नी के लिए नामुमकिन हैl"

"पर अपने पति को किसी और के लिए हर रोज तड़पते देखना भी किसी पत्नी के लिए कहां आसान है तृषा?" वाणी ने दर्द भरी मुस्कुराहट के साथ कहा तो मीरा बोल पड़ी, " रहने दे तृषा! अब अगर इसने सोच ही लिया है तो ये किसी की नहीं सुनेगी पर वाणी तू एक बात बता? तुझे पक्का यकीन है कि क्रिस्टल इस शादी के लिए मान जाएगी? "

" क्रिस्टल भी अब तक शब्द से ही प्यार करती है l वो जरूर मान जाएगी l" ये कहते हुए वाणी किचन से बाहर आ गई और तृषा चिंतित होकर बोल पड़ी,"अब क्या होगा आंटी? "

"अब क्या होगा ये तो ऊपर वाला ही जाने?हमें तो जो करना था हम कर चुके? अब तो जो करेगा वही करेगा? अगर उसकी यही मर्जी होगी तो यही सही" मीरा ने दुखी स्वर में कहा l

अगले दिन हॉस्पिटल में एलविन मेडिसिन लेने फार्मेसी की तरफ जा रहा था तभी उसकी नजर सामने ख़डी वाणी पर गयी l

" अरे आप यहां? " एलविन ने पूछा तो वाणी भारी आवाज मे बोली, " आज मैं आपसे कुछ मांग ले आई हूं? आप मना तो नहीं करेंगे ना? "

" मैं आपको भला क्या दे सकता हूं?आपके पास तो सब कुछ है? " मुस्कुराकर कहा तो वाणी हंसते हुए बोली, "जो नहीं है वही तो मागने आई हूं l क्योंकि वो चीज सिर्फ आप ही मुझे दे सकते हैं l"

"अच्छा मजाक कर लेती हैं आप? आखिर ऐसा क्या है जो आपके पास नहीं है और मेरे पास है?" एलविन ने हसकर पूछा तो वाणी मुस्कुराते हुए बोली, "वैसे जो मेरे पास नहीं है वो आपके पास भी नहीं है l पर शायद जो मैं करना चाहती हूं उससे वो हम दोनों को ही हासिल हो जाए l"

"मिसेस कपूर आप पहेलियां बुझाना बंद करिये और साफ-साफ बताइए कि बात क्या है?"एलविन ने झल्लाकर पूछा तो वाणी एक गहरी सांस लेते हुए बोली," मैं आपसे सुकून मांगने आई हूं और वो तो शायद आपके पास भी नहीं है पर आपके एक कदम से वो हम दोनों को हासिल हो सकता है l"

" मैं कुछ समझा नहीं" एलविन ने हैरानी से कहा तो वाणी उसके आगे हाथ जोड़ते हुए बोली, " मैं उन दो प्यार करने वालों को फिर से एक करना चाहती हूं जिन्हे किस्मत में जुदा कर दिया था l मैं शब्द और वाणी को फिर से एक करना चाहती हूं l"

"शब्द और वाणी" एल्विन ने हंसकर कहा तो वाणी नजरे झुका कर अपनी गलती सुधारते हुए बोली, "नहीं मेरा मतलब था कि इस शब्द और क्रिस्टल"

"जिन दो नामों को आप एक साथ नहीं ला पर रही हैं l आपको लगता है आप उन्हें एक होते हुए देख पाएंगी l" एलविन ने गंभीर होकर पूछा तुम्हारी मुस्कुराते हुए बोली, "अपने पति खुशी के लिए एक पत्नी कुछ भी देख सकती है और फिर ऐसे भी तो 4 जिंदगियां बर्बाद हो ही रही है l तब सिर्फ़ 2 होंगी l"

" पर मैं क्रिस्टल से बहुत प्यार करता हूं! मैं उससे अलग होकर नहीं जी सकता" एलविन ने मुँह फेरते हुए कहा तो वाणी फिर से उसके सामने जाकर खड़ी हो गई और मुस्कुराते हुए बोली, "पर वह आपसे प्यार नहीं करती है l वो सिर्फ अपनी उस शादी को निभा रही है जिसमें वो जबरदस्ती बांधी गई है l अगर आप सच में उससे प्यार करते हैं तो किसी दिन उसके दिल में झाँकने की कोशिश कीजिये l आपको पता चल जाएगा कि आप के होते हुए भी वो कितनी अकेली है l"

" पर मैं उसे उस शब्द के पास कैसे जाने दू जिसने उसे अपने परिवार के कहने पर एक पल में छोड़ दिया था l आप नहीं जानती मिसेज़ कपूर कि मैंने उसे कितनी मुश्किल से संभाला है? अगर शब्द ने फिर से अपने परिवार के कहने पर उसे छोड़ दिया तो वो तो मर ही जाएगी l वो जैसे भी है वैसे ही ठीक है l मैं उसकी खुशी के लिए उसे उस नर्क में नहीं झोक सकता, जहां उसे कोई पसंद नहीं करता l" एलविन ने कहा तो वाणी उसे समझाते हुए बोली, "आपका गुस्सा जायज है पर जो कुछ भी हुआ उसमें शब्द की कोई गलती नहीं थी l वो उन मां-बाप के खिलाफ कैसे जा सकते थे जिन्होंने उन्हें इतना काबिल बनाया? वो आज जो कुछ भी है उन्ही की वजह से तो है l"

" और कल जब वही मां-बाप क्रिस्टल को फिर से नहीं अपना पाएंगे तो वो फिर से उनकी खुशी के लिए उसे तलाक दे देगा l" एलविन ने चिल्लाकर कहा तो वाणी एक बार फिर से उसके आगे हाथ जोड़ते हुए बोली, " इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि इस बार मैंने मां पापा को मना लिया है l मैं आप से भी रिक्वेस्ट कर रही हूं कि अपने लिए ना सही तो कम से कम क्रिस्टल के लिए मेरी बात मान लीजिए और उन्हें एक हो जाने दीजिए l वरना ऐसे ही एक साथ चार जिंदगियां बर्बाद होती रहेगी और एक दिन आपको भी ये एहसास होगा कि आपको मेरी बात मान लेनी चाहिए थी l"

वाणी की बातें सुनकर एलविन कुछ देर सोचने के बाद बोला, "इसके लिए मुझे क्रिस्टल की मर्जी भी जाननी पड़ेगी?"

" कल आप ही तो कह रहे थे कि वो दोनों एक जैसे हैं l आज तक एक दूसरे को नहीं भुला पाए तो भला क्रिस्टल इससे कैसे इंकार कर सकती है l" वाणी ने कहा तो एलविन उसे तना देते हुए बोल पड़ा, " हर कोई शब्द कपूर की तरह खुदगर्ज नहीं होता है मिसेज़ कपूर! हो सकता है क्रिस्टल अपनी इस शादी को ना तोड़ना चाहे?

"इसीलिए तो मैं आपके पास आई हूं l हो सके तो और आपका दिल चाहे तो उसे इस जबरदस्ती के बंधन से मुक्ति दे दीजिए l हमारी किस्मत में तो वैसे भी प्यार पाना नहीं है l कम से कम हम अपने प्यार को तो उनका प्यार दे ही सकते हैं l" उदास होकर कहा तो एलविन थोड़ा सा भावुक हो गया और फिर कुछ सोचते हुए बोल पड़ा, " मुझे सोचने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए"

" आपको जितना भी वक्त चाहिए आप ले लीजिए पर हो सके तो जवाब हां में ही दीजिएगा" ये कहते हुए वाणी वहां से चली गई और एलविन को एक बहुत बड़ी दुविधा में छोड़ गयी l एलविन इसीलिए बारे में सोचते सोचते क्रिस्टल के पास पहुंच गया और उसे देखते ही क्रिस्टल समझ गई कि वो किसी बात से परेशान है l

" क्या हुआ सब ठीक तो है ना?" क्रिस्टल ने पूछा तो एलविन ख्यालों से बाहर आते हुए बोल पड़ा, " हां सब ठीक है l मैंने डॉक्टर से बात कर ली है l आज शाम तक डिस्चार्ज मिल जाएगा तुम्हें l"

"ओके" कहकर क्रिस्टल मन ही मन सोचने लगी, "मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे एलविन कुछ छुपा रहे हैं l"

शाम को क्रिस्टल डिस्चार्ज मिल गया और एलविन उसे लेकर घर आ गया l एल्विन अभी भी वाणी की कही बातों के बारे में ही सोच रहा था और क्रिस्टल भी शब्द को पूरी तरह से खो देने के बाद बहुत उदास थी l ना वो ठीक से कुछ खा रही थी और ना ही ठीक से सो पा रही थी l उसका दिल बहुत बेचैन हो रहा था और वो उसे समझाने की नाकाम कोशिश में लगी हुई थी l पहले तो वो थोड़ा बहुत हंस बोल भी लेती थी पर उस दिन शब्द के अचानक सामने आ जाने के बाद वो बिल्कुल चुप हो गई थी l अब एलविन से भी उसकी ये हालत देखी नहीं जा रही थी इसलिए वो मन ही मन सोचने लगा, " मिसेस कपूर ठीक ही कह रही थी l मैं इतना स्वार्थी नहीं हो सकता l अपनी खुशी और प्यार के लिए मैं क्रिस्टल से उसका वो प्यार नहीं छीन सकता जिसके लौटने का इंतजार उसे अब तक था l मैं उससे उसका प्यार नहीं छीन सकता l शायद गॉड की भी यही मर्जी है तभी तो इतने वक्त के बाद शब्द वापस आया है l मुझे क्रिस्टल से बात करनी होगी और बात ही नहीं मुझे उसे इसके लिए मनाना भी होगा l मेरा क्या है जैसे अब तक जी रहा था आगे भी जी लूंगा l"

इन सब बातों के बारे में सोचते हुए एलविन क्रिस्टल  के पास पहुंच गया और उसे सारी बात बता दी l जिसे सुनकर क्रिस्टल चौक कर बोल पड़ी, " तुम दोनों ऐसा सोच भी कैसे सकते हो?महान बनने का बहुत शौक चढ़ा है क्या तुम दोनों को?"

" इसमें महान बनने जैसा तो कुछ है ही नहीं! हम तो बस दो प्यार करने वालों को मिलाना चाहते हैं l" एलविन ने मुस्कुरा कर कहा तो क्रिस्टल गुस्से में बोली, " पर मुझे ये मंजूर नहीं है l अगर मेरी शादी शब्द से होनी होती तो तभी हो गई होती l अगर नहीं हुई है तो इसका मतलब यही है कि हम एक दूसरे के लिए नहीं बने हैँ l"

" ऐसा भी तो हो सकता है कि तब नहीं हुई इसीलिए हो रही है" एलविन ने कहा तो क्रिस्टल झल्लाकर बोली, " बातों में मैं तुमसे नहीं जीत सकती इसलिए मैं कोशिश भी नहीं करना चाहती l मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि मेरी शादी तुमसे हो चुकी है और मुझे किसी और से शादी नहीं करनी है l"

एलविन समझ गया था कि क्रिस्टल इतनी आसानी से मानने वाली नहीं है इसलिए वो थोड़ा सा शख्त होते हुए बोला, " अपने दिल पर हाथ रख कर बोलो क्रिस्टल! क्या तुम इस शादी से खुश हो? क्या तुम मेरे साथ आज से ही इस रिश्ते को आगे बढ़ा सकती हो? "

इस बात का क्रिस्टल के पास कोई जवाब नहीं था इसलिए वह चुप हो गई और उसे खामोश होते देख एल्विन मुस्कुरा कर बोला, " देखा तुम खुश नहीं हो और इस बार तो तुमने ये भी नहीं कहा कि मुझे थोड़ा वक्त चाहिए l"

एलविन की बातें सुनकर क्रिस्टल मन ही मन सोचने लगी, " जब शब्द ने मुझे छोड़ दिया था तब तुमने मुझे संभाला था l एक अच्छे और सच्चे दोस्त की तरह l जब मॉम डैड पर मैं बोझ बनने लगी तब तुमने मुझसे शादी करके मेरा बोझ अपने कंधों पर ले लिया l ये जानने के बाद भी कि मुझे यहां मुंबई में जॉब मिली है जहाँ शब्द रहता है l तुम अपना सब कुछ मेरी खुशी के लिए छोड़ कर यहां चले आए l मेरे एक्सीडेंट के बाद तुमने मेरी जान बचाई l तुमने मेरी हर छोटी बड़ी चीज का ख्याल रखा l मेरी भावनाओं की कद्र की l कभी मुझ पर अपना हक नहीं जताया और फिर मेरे अलावा तुम्हारा है ही कौन? अगर मैं भी चली गई तो तुम बिल्कुल अकेले हो जाओगे l जिसने मेरे लिए इतना कुछ किया मैं उसे अकेला नहीं कर सकती l मैं ये शादी नहीं कर सकती l"

" पर इसका मतलब ये नहीं है कि मैं दूसरी शादी के लिए तैयार हूं l" क्रिस्टल ने भावहीन होकर कहा l

"पर क्रिस्टल.." इससे पहले एलविन कुछ कहता क्रिस्टल बोल पड़ी, " मुझे कुछ नहीं सुनना है l तुम वाणी को बोल दो कि मैं ये शादी नहीं करना चाहती l मैं जहां हूं जैसे हूं खुश हूं l"

" खुश तो तुम नहीं हो पर तुम इस वक्त अपने बारे में नहीं मेरे बारे में सोच रही हो l इसलिए मुझे पहले तुम्हारा ध्यान अपने ऊपर से हटाना होगा और इसके लिए मुझे वाणी जी की मदद करनी होगी l" ये सोचकर एलविन चुप हो गया l


वाणी शब्द के कपड़े कबर्ड मे रख रही थी तब तक शब्द ऑफिस से आ गया l

"आप आ गए" वानी ने मुस्कुराकर पूछा तो शब्द गंभीर होकर बोल पड़ा, "मुझे तुमसे कुछ बात करनी है वाणी"

" हां बोलिए" वाणी ने कहा तो शब्द उसकी आंखों में देखते हुए बोला, "तुम जो कर रही हो? वो ठीक कर रही हो ना?"

" हां! मैं जो कर रही हूं बिल्कुल ठीक कर रही हूं l" वाणी ने मुस्कुरा कर कहा l


"पर इससे तुम्हारी और एल्विन की जिंदगी तो बिखर जाएगी ना?" ये कहते हुए शब्द मन ही मन सोचने लगा, " वाणी तुम खुद ही मना क्यों नहीं कर देती ये सब करने से? पता नहीं क्यों मेरा दिल नहीं मान रहा कि मैं तुम्हारे साथ कुछ भी गलत करूं? मैं क्रिस्टल को चाहता जरूर हूं पर मैं तुम्हें भी दुख नहीं देना चाहता l"

" हम दोनों को भी खुश रहने का उतना ही हक है जितना आप दोनों को और ये अधूरा प्यार हमारी खुशी नहीं है l" ये कहते हुए वाणी वहां से चली गई l शब्द बेबस होकर सोफे पर बैठ गया और खुद से ही बोल पड़ा, " सही कहा तुमने?अधूरा प्यार ही तो मिल रहा है तुम दोनों को?तुम दोनों को भी खुश रहने का हक है l अब मुझे भी लग रहा है कि जो हो रहा है सही हो रहा है l"

अगले दिन एल्विन ने वाणी को फोन करके एक रेस्टोरेंट मे मिलने के लिए बुला लिया l दोनों ने एक एक कॉफी मगाई और फिर वाणी कॉफी का एक घूंट भरते हुए बोली, " तो बताइए क्यों मिलना चाहते थे आप? "

"ये बताने के लिए कि मैंने आपकी बात मान ली है पर मेरी एक शर्त है l" एलविन ने कहा तो वाणी एक गहरी सांस लेते हुए बोली, "अब आपकी क्या शर्त है?"

" यही कि उन दोनों की शादी होने से पहले आपको मुझसे शादी करनी होगी l" एलविन ने एक ही सांस में अपनी पूरी बात कह दी तो वाणी चौक कर बोली, "क्या आई मीन क्यों?"

" क्योंकि तभी क्रिस्टल शब्द से शादी करने के लिए तैयार होगी l मैंने कहा था ना कि वो खुदगर्ज नहीं है l वो कभी मुझे अकेला नहीं छोड़ेगी l" एलविन ने खींझकर कहा तो वाणी मुस्कुरा कर बोली, " खुदगर्ज तो शब्द भी नहीं है l उन्हें भी मेरी परवाह है पर मैंने ही उन्हें अपनी सारी चिंताओं से आजाद कर दिया है l"

"पर क्रिस्टल के मन से मेरी चिंता तभी हटेगी जब मेरी जिंदगी में कोई और होगा l इसलिए अगर आपको उन दोनों को एक करना है तो पहले हमें एक होना पड़ेगा l"एलविन ने कहा तो वाणी भी ऋषभ की शर्त को याद करते हुए बोली,"मुझे मंजूर है"

" आप इतनी जल्दी मान गई?एक बार ठीक से सोच समझ तो लीजिए l ये आपकी ज़िन्दगी का सवाल है l" एलविन ने हैरानी से कहा तो वाणी मुस्कुरा कर बोली, " मैं जो कुछ भी कर रही हूं बहुत सोच समझकर कर रही हूं l वैसे भी देखा जाए तो जाने अनजाने आपने मेरी एक और प्रॉब्लम हल कर दी है l"

" कैसी प्रॉब्लम और मैंने ऐसा भी क्या कर दिया? " एलविन ने पूछा तो वाणी ने उसे ऋषभ की शर्त के बारे में बता दिया l ये सब जानने के बाद एल्विन हैरानी से वाणी की तरफ देखते हुए बोला, " किस मिट्टी की बनी है आप? अपने पति की खुशी के लिए आप हर दर्द उठाने को तैयार है l"

"मैं भी उसी मिट्टी की बनी हूँ जिस मिट्टी के आप बने हैं l आप भी तो अपनी पत्नी की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं?" वाणी ने मुस्कुरा कर कहा तो एलविन कुछ सोचते हुए बोला, " पर आपको लगता है कि हम इस शादी में खुश रह पाएंगे? मतलब क्या हम कभी एक दूसरे को अपना पाएंगे? कहीं हम भी एक दूसरे के साथ अनफेयर तो नहीं हो जाएंगे?"

"नहीं! हम अनफेयर नहीं होंगे क्योंकि हमने दो टूटे हुए लोगों को संभाला है l एक अच्छा दोस्त बनकर उनके हर दुख को दूर करने की कोशिश की है l ये अधूरी जिंदगी तो हम ना जाने कब से जी रहे हैं? वही रिश्ता हम एक दूसरे के साथ भी तो निभा ही सकते हैं l" वाणी ने कहा तो इस बार एलविन दुखी स्वर मे बोल पड़ा, " पर इस बार हम खुद भी टूट चुके हैं l

"दो टूटे हुए लोग तो एक दूसरे को और अच्छे से समझ सकते हैं क्योंकि वो खुद टूटने के दर्द से गुजरे होते हैं l" वाणी ने भी भावुक होकर कहा l

" आपके घर में कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी क्योंकि मैं क्रिस्टियन हूं l" एलविन एक और सवाल किया तो वाणी मुस्कुरा कर बोली, "मैं इस जाति धर्म को नहीं मानती l"

" पर आपके परिवार वाले तो मानते हैं l" एल्विन ने कहा तो वाणी कुछ सोचते हुए बोली, " जैसे मैंने उन्हें क्रिस्टल के लिए मनाया है l आपके लिए भी मना लूंगी l"

" आपके पास तो मेरे हर सवाल का जवाब है l" एलविन ने झल्लाकर कहा तो वाणी फिर से मुस्कुराते हुए बोली, "क्योंकि मेरा डिसीजन एकदम क्लियर है और जहां क्लेरिटी होती है वहां कोई इफ बट नहीं होता l"

" अच्छा तो फिर मेरे एक और सवाल का जवाब दे दीजिए ताकि मुझे भी क्लेरिटी मिल सके" एलविन ने कहा l

"पूछिए" वाणी ने कहा l

" इतना सब होने के बाद भी आप मुस्कुरा कैसे रही हैँ?" एलविन ने हैरानी ने पूछा तो वाणी मुस्कुराकर ही बोली, " क्रिस्टल को उसका प्यार मिलने के बाद उसके चेहरे पर आने वाली खुशी के बारे में सोचिए आप के चेहरे पर से भी मुस्कान गायब नहीं होगी l"

वाणी का उत्तर पाकर एल्विन निशब्द हो गया l ये देखकर वाणी कुर्सी से उठते हुए बोली, " आपके सवाल खत्म हो गए हो तो क्या मैं जाऊं?मुझे अभी लॉयर के पास भी जाना है l"

" चलिए साथ में चलते हैं" इस बार एलविन ने भी मुस्कुराकर कहा l

दोनी ने लॉयर के पास जाकर डायवोर्स पेपर्स बनवा लिए और उन्हें साइन करके अपने अपने पार्टनर के आगे रख दिए l

डाइवोर्स पेपर देखने के बाद मीरा रोते हुए बोली," एक बार फिर से सोच ले l तू जो कर रही है ठीक है भी या नहीं?"

" इससे ज्यादा ठीक तो कुछ और हो ही नहीं सकता माँ" वाणी ने खुद को मजबूत करके मुस्कुराते हुए कहा l

" तुझे मेरी शर्त तो याद है ना" ऋषभ ने कड़े शब्दों मे कहा तो वाणी उसे बताने लगी, " जी पापा और आप चिंता मत करिए l मैंने अपने लिए पार्टनर भी ढूंढ लिया है और आई एम स्योर कि वो मुझे बहुत खुश रखेगा l"

वाणी की बात सुनकर सारे लोग चौक गए और शब्द मन ही मन सोचने लगा, " इतनी जल्दी है इसे मुझसे छुटकारा पाने की कि इतने कम वक्त में पार्टनर भी ढूंढ लिया l अब तो मैं भी इन पेपर पर साइन कर देता हूं क्योंकि शायद अब इसके दिल में मेरे लिए प्यार खत्म हो चुका है l शायद मैंने देर कर दी है l"

ये सोचते हुए शब्द ने पेपर उठाकर बिना पढ़े ही उस पर साइन कर दिया l

एलविन ने भी डाइवोर्स पेपर क्रिस्टल के सामने रखते हुए कहा, " ठीक से पढ़ लो और साइन कर दो l"

क्रिस्टल ने जैसे ही पेपर उठा कर देखे वो चौक कर बोल पड़ी, " डाइवोर्स पेपर पर क्यों?मैंने कहा था ना कि मैं शादी के लिए तैयार नहीं हूं l"

"तुम मुझे अकेले छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी पर इसका भी रास्ता मैंने ढूंढ लिया है l" एलविन ने कहा तो क्रिस्टल झल्लाकर बोली, " अच्छा तो क्या रास्ता ढूंढा है तुमने? "

" तुम्हारी शादी से पहले मैं भी शादी कर रहा हूं l" एलविन ने नज़रे चुराते हुए कहा तो क्रिस्टल चौक कर बोली, "व्हाट बट व्हाय? और किससे शादी कर रहे हो तुम? और ये सब इतनी जल्दी? मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा कि ये सब हो क्या रहा है?"

क्रिस्टल को परेशान देखकर एलविन ने उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया और मुस्कुराते हुए बोले, " तुम मुझे अपना बेस्ट फ्रेंड मानती हो ना और तुम ये भी जानती हो कि तुम्हारे दिल में क्या चलता है ये तुमसे पहले मुझे पता चल जाता है तो ये समझ लो कि मैं समझ चुका हूं कि तुम्हारा दिल सिर्फ शब्द को चाहता है l अब तो तुम दोनों के एक होने में कोई प्रॉब्लम नहीं है तो फिर अब तुम क्यों रोक रही हो खुद को? जो हो रहा है वो ही सही है क्रिस्टल! तुम्हारे लिए... मेरे लिए..हम सब के लिए.. और तुम्हें गिल्टी फील करने की या मेरे लिए परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है l ट्रस्ट मी क्रिस्टल  तुम्हे तुम्हारा प्यार देना ही मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी होगी l"

"पर तुमने मेरे सवाल का जवाब अब तक नहीं दिया? तुम किससे शादी कर रहे हो?" क्रिस्टल में हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए पूछा l

"वाणी से" एल्विन ने नजर चुराते हुए कहा जिसे सुनकर क्रिस्टल चौक कर बोल पड़ी, " व्हाट? तुम दोनों पागल हो गए हो? तुम दोनों महान बनने के चक्कर में एक दूसरे से शादी करने के लिए भी तैयार हो गए? वेरी गुड! बहुत सही कर रहे हो तुम दोनों l एक बार भी खुद का ख्याल नहीं आ रहा ना तुम दोनों को? आखिर हासिल क्या करना चाहते हो तुम दोनों? "

"ये ऐसे नहीं मानेगी मुझे थोड़ा सख्त होना पड़ेगा l" ये सोचकर एल्विन कड़े स्वर में बोल पड़ा, " हम जो भी कर रहे हैं अपनी खुशी के लिए ही कर रहे हैं l दो टूटे लोगों से शादी करके क्या हासिल हुआ हमें? आधा अधूरा प्यार.. अधूरी जिंदगी.. अब हमें ये अधूरी जिंदगी नहीं चाहिए l हमें भी हक है खुश रहने का?पूरा प्यार हासिल करने का? कब तक इस अधूरे प्यार के सहारे जिएंगे हम? अगर तुम दोनों हमें हमारे हिस्से का प्यार दे सकते हो? अपने प्यार को भूल कर हमारे साथ हमारा बन कर रह सकते हो तो मैं अभी ये डाइवोर्स पेपर्स फाड़ के फेंकने के लिए तैयार हूं पर अगर तुम दोनों ऐसा नहीं कर सकते तो जो हो रहा है वही सही है l"

एल्विन की बातें सुनकर क्रिस्टल निशब्द होकर बेबस निगाहो से उसे देखते हुए सोचने लगी, " यह क्या कह दिया तुमने? मुझे तो लगा था कि शायद तुम मुझसे प्यार करते हो और तुम कभी मुझे खुद से दूर नहीं जाने दोगे पर तुम भी ठीक ही कह रहे हो l तुम्हें भी खुश रहने का हक है और मैं तुम्हें तुम्हारा ये हक जरूर दूंगी l"

" मेरे कठोर शब्दों के लिए मुझे माफ कर देना क्रिस्टल पर मैं जो कर रहा हूं उसी में सबकी भलाई है l" ये सोचकर क्रिस्टल में अपनी नजरे झुका ली l

एल्विन का खाली चेहरा देखकर क्रिस्टल समझ गई कि वो यही चाहता है इसलिए उसने भी भारी मन से पेपर पर साइन कर दिए l

वाणी और एलविन ने शब्द और क्रिस्टल से साइन तो करवा लिए थे पर अब कहीं ना कहीं वो कमजोर पड़ रहे थे l और इसीलिए आज वो दोनों चुपचाप एक अकेले कमरे में बैठकर अपने दिल के जज्बातों को आंसुओं से ही बयान कर रहे थे l

शब्द और क्रिस्टल भी साइन करने के बाद खुश नहीं थे पर इस वक़्त ना तो वो अपनी शादी आगे बढ़ाने की हिम्मत कर पा रहे थे और ना ही वो दूसरी शादी करने की हिम्मत कर पा रहे थे l वो दोनों भी अपने अंदर बहुत कुछ लेकर ही बैठे थे पर किसी से कह नहीं पा रहे थे और कहतें भी तो कैसे? वो तो खुद ही नहीं समझ पा रहे थे कि वो चाहते क्या हैँ?

दिन बीतते गए और आखिरकार वो दिन भी आ गया ज़ब वाणी को शब्द का घर छोड़ कर जाना था l वाणी अपना सामान लेकर हॉल में आ गई और मायूस नजरों से उस घर को देखते हुए उन पलों को याद करने लगी जब वो दुल्हन बनकर इस घर में आई थी l कितना प्यार मिला था उसे सबसे और आज उसी प्यार को छोड़ कर जाना था l आसान नहीं था वाणी के लिए ये पर शब्द की खुशी से ज्यादा कभी कुछ मायने ही कहां रखता था उसके लिए?

शब्द को छोड़कर परिवार के सारे लोग हॉल में थे l शायद उसका दिल वाणी को जाते हुए नहीं देखना चाहता था इसलिए वो कमरे से बाहर ही नहीं आया l वाणी आज भी अपने पत्नी होने के सारे फर्ज निभा कर और उसे बता कर ही आई थी पर शायद वो ये सुनना ही नहीं चाहता था l

सबकी आंखें नम थी l अंकिश और तृषा भी अब अपने घर जाने के लिए तैयार थे क्योंकि जिस काम के लिए वो आए थे अब तो वो वजह ही नहीं रह गई थी l मीरा का रो रो कर बुरा हाल था और ऋषभ उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि वो मीरा को संभाले या खुद को? वाणी झुककर उन दोनों का आशीर्वाद लेने लगी पर उन दोनों के दिल में इतना दर्द था कि वो समझ ही नहीं पाए कि आज उसे क्या आशीर्वाद दें? आज तो वो जो भी आशीर्वाद देते सब थोड़ा ही पड़ता l आशीर्वाद लेते वक्त वाणी की आंखें भी नम हो गई पर उसने बिना देरी किए आंसू पोछ लिये और मुस्कुराते हुए खड़ी होकर वहां से जाने लगी तभी भागते हुए शब्द वहां आ गया और चिल्लाते हुए बोला, " रुको वाणी! तुम ऐसे घर से नहीं जा सकती l"

शब्द के इन शब्दों से घर वालों के दिल में एक उम्मीद जाग उठी और वाणी भी उम्मीद भरी नजरों के साथ पीछे मुड़ते हुए बोली, "क्यों क्या हुआ?"

"हम दोस्त हैं ना तो इस दोस्त को अपने होने वाले लाइफ पार्टनर के बारे में नहीं बताओगी? अपने दोस्त को इस शादी में नहीं बुलाओगी और सबसे जरूरी बात जिस शादी के लिए ये घर छोड़ कर जा रही हो उस शादी को होते हुए अपनी आंखों से नहीं देखोगी l" ये कहते हुए शब्द मन ही मन सोचने लगा, " शायद..शायद तुम झूठ बोल रही हो l तुमने कोई पार्टनर नहीं ढूंढा है l मैं और क्रिस्टल जल्दी से एक हो जाए इसलिए तुम इतना बड़ा झूठ बोल रही हो पर उस झूठ का पता मैं लगा कर रहूंगा l जब तक तुम्हें कोई सच्चा प्यार करने वाला नहीं मिल जाता तब तक मैं भी क्रिस्टल से शादी नहीं करूंगा l"

शब्द की बातें सुनकर वाणी थोड़ा सा घबरा गई और इससे पहले वो कुछ कहती ऋषभ बोल पड़े, "शब्द सही कह रहा है बेटा! तुमने हमें भी नहीं बताया कि तुमने किसे चुना है अपने लिए और जो शादी तुम्हारी मर्जी से हो रही है उसमें रुकना तुम्हारा हक भी है और फर्ज भी! तो तुम अभी ये घर छोड़ कर क्यों जा रही हो?"

" पापा मैंने एलविन से शादी करने का फैसला किया है l" वाणी ने नजरे झुका कर कहा तो सारे लोग हैरान रह गए खासकर शब्द! पर इससे पहले वो कुछ कहता मीरा बोल पड़ी, " एल्विन से..पर क्यों"

" क्योंकि उससे ज्यादा अच्छा जीवनसाथी मेरे लिए कोई और नहीं हो सकता l हम दोनों ने एक जैसी जिंदगी जी है तो हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझ पाएंगे और समझा भी पाएंगे l"वाणी ने कहा तो शब्द परेशान होकर बोला, " पर तुम उसके साथ कैसे एडजस्ट कर पाओगी? वो तो क्रिस्टियन है ना? "

"ये आप कह रहे हैं? जो खुद एक क्रिस्चियन लड़की से प्यार करता है और शादी भी करने वाला है l" वाणी ने मुस्कुराकर जवाब दिया l

वाणी की बातें सुनकर शब्द को एहसास हुआ कि वो जल्दी जल्दी में क्या बोल गया है पर इससे पहले वो कोई स्पष्टीकरण देता वाणी फिर से बोल पड़ी, " और वैसे भी मैं इस धर्म वर्म को नहीं मानती हूं l मेरी नजर में शादी के लिये सिर्फ एक अच्छा इंसान होना ही सबसे जरूरी चीज है और एलवीन एक बहुत अच्छा इंसान है l"

" 2 दिनों में इतना जानने लगी हो उसे" शब्द ने जलते हुए पूछा तो वाणी नजरे चुराते हुए बोली,"कभी-कभी किसी को जानने के लिए एक पल ही काफी होता है और कभी-कभी 7 महीने भी काफी नहीं होते l"

शब्द अब निशब्द हो गया था l ये देखकर वाणी अपनी बात पूरी करते हुए बोली, " मैं आपकी शादी में जरूर आऊंगी पर पहले आपको मेरी शादी में आना होगा क्योंकि मैंने पापा से वादा किया है कि मेरी शादी आपकी शादी से ठीक 1 दिन पहले होगी l अब मैं चलती हूं क्रिस्टल और एलविन थोड़ी देर में आते ही होंगे l"

ये कहते हुए वाणी नम आंखों से घर से बाहर आ गई पर अब उसके आंसू उसकी बात नहीं मान रहे थे इसलिए वो उसकी आंखों से बारिश के जैसे बरसने लगे l


उधर ठीक उसी दिन एलविन क्रिस्टल के पास पहुंच गया और चेहरे पर झूठी हसीं बिखेरते हुए बोला, "अपना सामान पैक कर लो! कल से तुम्हारी शादी की रस्में शुरू होने वाली है l मैं तुम्हे शब्द के घर छोड़ देता हूं l"

" इतनी जल्दी है मुझे यहां से भेजने की? " क्रिस्टल ने नम आंखों से पूछा तो एलविन भावुक होकर बोला, "नहीं तुम्हें भेजने की जल्दी नहीं है l तुम्हें तुम्हारे प्यार से मिलवाने की जल्दी है l"

क्रिस्टल जान गई थी कि अब बहस करने का कोई फायदा नहीं है l जो होना था हो चुका है इसलिए वो बिना किसी और बहस के तैयार हो गई और दोनों कार में बैठकर शब्द के घर के लिए निकल गए l


वाणी के घर से निकलते ही वहाँ एलविन की कार आकर
रुकी l कार से उतरकर एलविन ने क्रिस्टल के लिए दरवाजा खोल दिया l क्रिस्टल बिना किसी प्रतिक्रिया के उतर कर घर के अंदर जाने लगी l उसने वाणी को देख कर भी उसे अनदेखा कर दिया क्योंकि उसके पास कहने सुनने को कुछ बचा ही नहीं था l एलविन उसके एक बार पलट कर देखने का इंतजार करता रहा पर वो नहीं पलटी l शायद इसलिए क्योंकि उसे लग रहा था कि अगर उसने पीछे पलट कर देखा तो वो फिर कभी आगे नहीं जा पाएगी l

क्रिस्टल घर के अंदर आ गई और वाणी और एलविन कार में बैठकर वहां से चले गए l क्रिस्टल को फिर से अपनी जिंदगी में वापस देख कर शब्द को खुशी तो हो रही थी पर वह खुशी शायद पूरी नहीं थी l इस खुशी के मौके पर भी वो वाणी को अपने साथ देखना चाहता था पर वाणी नहीं थी l क्रिस्टल का भी बिल्कुल यही हाल था l उसे भी ये खुशी अधूरी लग रही थी l दोनों एक दूसरे के करीब आ रहे थे पर उनके दिलो-दिमाग में अभी भी वाणी और एलविन के ही ख्याल चल रहे थे l दोनों की आंखों से आंसू बह रहे थे पर ये आंसू एक दूसरे से मिलने के थे या उन दोनों से बिछड़ने के? ये तो दोनों को ही नहीं पता था l

दोनों एक दूसरे के सामने आकर खड़े हो गए और थोड़ी देर तक ऐसे ही आंखों में आंसू लिए एक दूसरे को देखते रहे l एक दूसरे को अपने इतने पास देखकर उन्हें वो पुराने दिन याद आ गए जब वो एक दूसरे से सच्चा प्यार करते थे l उन दिनों को याद करते ही उन दोनों ने एक दूसरे को गले से लगा लिया l

अंकिश क्रिस्टल का सामना नहीं करना चाहता था इसलिए वो तृषा और अनोखी को लेकर घर के लिए निकल गया l मीरा और ऋषभ भी अपने कमरे में चले गए l अब हॉल में सिर्फ शब्द और क्रिस्टल ही थे l थोड़ी देर एक दूसरे को हग करने के बाद वो दोनों एक दूसरे से अलग हुए और पास पड़े सोफे पर ही बैठ गए l थोड़ी देर तक दोनों चुपचाप बैठे रहे फिर शब्द चुप्पी तोड़ते हुए बोला, " मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं तुम्हें दोबारा देख भी पाऊंगा l"

"मैंने भी" क्रिस्टल ने भारी आवाज में कहा l

उन दोनों के पास बहुत कुछ था कहने सुनने को पर पता नहीं क्यों उनका दिल कुछ कहने सुनने को कर ही नहीं रहा था l इसीलिए शब्द सारी ही बातों को नजरअंदाज करते हुए बोल पड़ा, " तुम कुछ खाओगी? कुछ मंगाऊं? "

" नहीं मैं नाश्ता करके आई हूं" क्रिस्टल ने मुस्कुरा कर कहा l

दोनों बहुत देर तक इधर-उधर की बातें करके एलविन और वाणी को नजरअंदाज करने की कोशिश करते रहे पर फिर अचानक क्रिस्टल की जुबान पर वो सवाल आ ही गया जिसके जवाब से शब्द अब तक भाग रहा था l

" तुम मुझसे अब तक प्यार करते हो? " क्रिस्टल ने शब्द की आंखों में झांकते हुए पूछा  l

सवाल सुनकर शब्द थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गया पर फिर हिम्मत करते हुए बोला," प्यार नहीं करता तो ये शादी क्यों करता? "

" अजीब बात है ना! जब हम रिलेशनशिप में थे तब तुम्हें कभी ये कहने के लिए सोचना नहीं पड़ा!" क्रिस्टल ने मुस्कुरा कर कहा तो शब्द एक गहरी सांस लेते हुए बोला, "तब में और अब में बहुत फर्क है l"

" क्या फर्क है शब्द?हम कल भी एक दूसरे से प्यार करते थे और आज भी करते हैं? " क्रिस्टल ने शब्द के दिल को टटोलने की कोशिश की तो शब्द दुखी स्वर में बोला, " तब हम एक शादी और तलाक से नहीं गुजरे थे l"

"इसका मतलब शब्द को भी इस तलाक से खुशी नहीं मिली है" ये सोचकर क्रिस्टल मुस्कुराते हुए बोली, "वैसे सही ही कह रहे हो तुम! तब मे और अब में बहुत फर्क है?"

शब्द अब कमजोर पड़ने लगा था इसलिए वो मन ही मन खुद को समझाने लगा, " नहीं मैं अब ऐसे कमजोर नहीं हो सकता l जो कुछ भी हुआ है मेरी बेवकूफी से हुआ है l मेरी बेवकूफी की वजह से क्रिस्टल का भी तलाक हो गया है l अब मैं ऐसे खुद को पीछे नहीं हटने दे सकता l मुझे अब क्रिस्टल से शादी करनी होगी l"

"ये सब छोड़ो! कल से हमारी शादी की रस्में शुरू हो रही है l तुम तैयार हो जाओ फिर हम शॉपिंग पर चलते हैl" शब्द में अपने चेहरे पर झूठी मुस्कान लाते हुए कहा l

"ओके" कहकर क्रिस्टल भी मन ही मन सोचने लगी, "मेरा तो कुछ भी करने या कहीं जाने का मन नहीं है पर अगर मैंने मना किया तो शब्द को बुरा लगेगा l"


उधर एलविन के घर में वाणी और एल्विन जिन्होंने आज तक बहुत हिम्मत दिखाई थी अब उनकी हिम्मत भी जवाब दे गई थी l दोनों अलग-अलग कमरे में बैठकर बस रोए जा रहे थे l ऐसा लग रहा था जैसे उन दोनों की जिंदगी का कोई अहम हिस्सा पीछे ही छूट गया हो और वो दोनों बहुत आगे निकल आए हो l दोनों जितना खुद को संभाल रहे थे उससे कहीं ज्यादा टूट रहे थे l





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