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पार्ट 15

22 अक्टूबर 2021

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काफी देर होने के बाद जब उन दोनों के आंसुओं को भी उन पर तरस आ गया तो उन्होंने भी आंखों से बहना बंद कर दिया l आंसू थमते ही दोनों बची हुई  हिम्मत जुटाकर उठे और हॉल में आ गए l

" आई एम सॉरी! वो मेरी आंख लग गई थी l मैं अभी आपके लिए कुछ खाने को बनाता हूं l" एलविन ने मुस्कुराने की कोशिश करते हुए कहा तो वाणी बातचीत का सिलसिला शुरू करते हुए बोली, " आपको खाना बनाना आता है? "

" ऐसा कौन सा काम है जो मुझे नहीं आता? बचपन से लेकर अब तक अपने सारे काम खुद ही करता आया हूं l" एल्विन ने मुस्कुरा कर कहा तो वाणी हैरानी से बोली, "क्यों?आपके पैरेंट्स आपके साथ नहीं रहते l"

" नहीं! वो तो इस दुनिया में ही नहीं रहते l उस दुनिया में रहते हैं l" एलविन ने अपनी उंगली आसमान की तरफ करते हुए कहा l

" सॉरी! मुझे पता नहीं था" वाणी ने उदास होकर कहा तो एलविन मुस्कुरा कर बोला, " कितनी अजीब बात है ना मिसेस कपूर! हम एक दूसरे से शादी करने वाले हैं फिर भी एक दूसरे के बारे में कुछ नहीं जानते l"

" हां पर आप ये तो जानते हैं ना कि अब मैं मिसेज़ कपूर नहीं रही l" वाणी ने शिकायती अंदाज में कहा तो एलविन नज़रे झुकाते हुए बोला, "सॉरी मैं भूल गया था l"

" अगर ये भूल जाएंगे तो जो हम करने जा रहे हैं वो और भी मुश्किल हो जाएगा l" वाणी ने दुखी मन से कहा तो एलविन भी अपनी सहमति जाहिर करते हुए बोला, " सही कहा! वैसे आपके परिवार में कौन-कौन है और उन्हें पता है इन सब के बारे में? "

" हां! मैंने मम्मी पापा को सब बता दिया है l पहले वो मान नहीं रहे थे फिर मैंने उन्हें भी मना लिया l वो कल शाम तक आ जाएंगे l" वाणी ने मुस्कुराकर कहा l

" अच्छा है कोई तो होगा हमारी शादी में आशीर्वाद देने के लिए l" एल्विन ने भी मुस्कुरा कर कहा l

" अच्छा अब आप यहां बैठिए! मैं आपके लिए खाने को कुछ बनाती हूं l" ये कहते हुए वाणी किचन में जाने लगी तो एलविन उसे टोकते हुए बोला, "अरे नहीं नहीं.. आप तो मेहमान... "

कहते-कहते एलविन रुक गया और वाणी खुद को मजबूत करते हुए बोली, "मेहमान नहीं हूं मैं! अबसे यही मेरा घर होने वाला है l"

" शब्द बहुत लकी है क्योंकि उसके पास क्रिस्टल और आप दोनों थे l" एल्विन ने मुस्कुरा कर कहा तो वाणी हंसते हुए बोली, "वो दोनों तो आपके पास भी है ना l"

एलविन एक बार फिर से वाणी के आगे निशब्द हो गया और वाणी मुस्कुराते हुए किचन में आकर खाना बनाने लगी l

क्रिस्टल और शब्द अपनी शादी की शॉपिंग कर रहे थे l क्रिस्टल को एक गाउन बहुत पसंद आया पर उसका प्राइस टैग देखकर क्रिस्टल ने उसे किनारे रख दिया l क्रिस्टल की ये हरकत शब्द को समझ नहीं आई इसलिए उसने उससे पूछ ही लिया, " क्या हुआ क्रिस्टी? ये तो पसंद था ना तुम्हें? "

" एल्विन और मेरी सैलरी बहुत लिमिटेड थी इसलिए मुझे इतने महंगे कपड़ों की आदत नहीं है l" क्रिस्टल ने मुस्कुराकर जवाब दिया तो शब्द थोड़ा सा अकड़ते हुए बोला, "पर अब तुम एलविन के पास नहीं मेरे पास हो और मैं शब्द कपूर हूं l मैं तो ये पूरी दुकान भी खरीद सकता हूं l"

" कम चीजों में गुजारा करना मैंने एलविन से सीख लिया है इसलिए अब कोई फर्क नहीं पड़ता तुम शब्द हो या एलविन! मैं उतनी ही चीजें लूंगी जितनी मुझे जरूरत है l" ये कहते हुए क्रिस्टल आगे बढ़ गई और शब्द के मुंह से अचानक निकल गया, "वाणी भी बिल्कुल ऐसा ही कहती थी"

" क्या.. क्या कहती थी वाणी? " क्रिस्टल ने रुक कर पीछे होते हुए पूछा l

" यही कि मेरा हसबैंड चाहे जितना भी अमीर हो पर मैं सिर्फ उससे उतना ही मांगूंगी जितनी मुझे जरूरत है l" शब्द ने मुस्कुराकर वाणी की बातें याद करते हुए कहा l

" एल्विन सही कह रहा था? वाणी उसके लिए एकदम परफेक्ट मैच है l दोनों के खयाल कितने मिलते हैं ना?" क्रिस्टल ने भी मुस्कुरा कर एल्बम को याद करते हुए कहा l

"हम्म्म..खुश रहेंगे दोनों साथ में? वो खुशी जो हमने उन्हें कभी नहीं दी l शायद उन्हें वो अब मिल जाए l" ये कहते हुए शब्द उदास हो गया और क्रिस्टल का मन भी बहुत भारी हो गया l अब दोनों का मन ही शॉपिंग में नहीं लग रहा था इसलिए दोनों घर आ गए l क्रिस्टल गेस्ट रूम में चली गई और शब्द अपने कमरे में आकर बेड पर लेट गया l उसके कमरे में आते ही वाणी की यादों ने उसे फिर से घेर लिया l उसे रह रह कर वो सारे पल याद आने लगे जो उसने वाणी के साथ बिताए थे l उसे याद आने लगा कि कैसे वो उसके नाश्ता ना करने पर भी उसके लिए नाश्ता बनाती थी l रात में डिनर के लिए उसका इंतजार करती थी l उसका गुस्सा नफरत सब झेलती थी l कैसे उसकी वो मासूम आंखे बिना कुछ कहे सब कह जाती थी और उस दिन भी कैसे उसने अपना दर्द छुपा कर शब्द को क्रिस्टल के मिलाने का फैसला लिया था l

ये सारी बाते याद करके शब्द खुद से ही बोल पड़ा, "ये क्या हो गया है मुझे? क्रिस्टल...मेरा पहला प्यार जिसके लिए मैंने इतना कुछ किया? जिसके लिए मैंने वाणी को कभी अपनी पत्नी की जगह नहीं थी l अब वो मेरे साथ है पर फिर भी मैं वाणी के बारे में सोच रहा हूं l क्यों? मैं ही तो चाहता था कि क्रिस्टल मेरी जिंदगी में आ जाए l इसीलिए तो मैंने अपनी शादी को आगे नहीं बढ़ाया था l आज जब वो मेरी जिंदगी में आ गई है तो मैं खुश क्यों नहीं हूं? क्यों ऐसा लग रहा है जैसे अभी भी कुछ कमी है? ओ गॉड! अगर मुझे इस बात का जवाब नहीं मिला तो मैं पागल हो जाऊंगा l"

क्रिस्टल भी बेड पर लेट कर एलविन के बारे में ही सोच रही थी l कैसे एल्विन उसे कभी घर का कोई काम नहीं करने देता था? कैसे वो हमेशा उसे खिलाकर ही खुद खाना खाता था? कैसे वो हमेशा उसे हर प्रॉब्लम से बचाता था और कैसे वो उसकी एक मुस्कान के लिए कुछ भी कर जाता था l

ये सब याद करके क्रिस्टल भी मन ही मन बोल पड़ी, "
 ये सब गलत हो रहा है l मेरी शादी मेरे प्यार मेरे शब्द से होने वाली है l फिर भी मुझे कोई खुशी, कोई एकसाईटमेंट महसूस क्यों नहीं हो रही l ये वही घर है जहाँ मैं हमेशा से आना चाहती थी और आज ज़ब यहां आ गई हूँ तो फिर से एलविन के उसी छोटे से घर मे वापस लौटने को दिल कर रहा है l कितना सेल्फिश है एलवीन! एक बार भी मेरे बारे मे नहीं सोचा l उसे वाणी मिल गई और वो मुझे भूल गया l सच कहू तो वाणी से जलन हो रही है मुझे l पहले मुझसे शब्द छीना और अब एल्विन भी l नहीं..ये सब क्या सोच रही हूं मैं? मुझे ये सब नहीं सोचना चाहिए l इसमें वाणी की कोई गलती नहीं है l उसने तो मेरा अच्छा ही सोचा l शब्द तो अभी भी प्यार करता है मुझसे और मैं भी तो उससे ही प्यार करती हूं l शायद... "

आज शब्द और क्रिस्टल की हल्दी और मेहंदी की रस्म थी l घर में सजावट का काम चल रहा था l ज्यादा मेहमान तो नहीं थे l बस फैमिली मेंबर और कुछ दोस्त l शब्द के बहुत मनाने पर अंकिश और तृषा आ तो गए थे पर वो भी बेमन से ही सारे काम कर रहे थे l देखते ही देखते शाम हो गई और क्रिस्टल और शब्द की हल्दी की रसम शुरू हो गई l उन दोनों के कुछ कॉमन फ्रेंड उन दोनों को हल्दी लगाने वाले थे तभी तृषा बोल पड़ी, " रुको"

" क्या हुआ तृषा भाभी" उन्होंने पूछा तो तृषा मुस्कुरा कर बोली, "इन दोनों को हल्दी लगाने का पहला हक किसी और का है l"

ये सुनकर दोनों तृषा की तरफ देखने लगे l तृषा मुस्कुराते हुए किनारे हट गई l वहां वाणी और एलविन खड़े थे l

"ये यहां कैसे?" अंकिश ने धीमी आवाज मे पूछा l

"मैंने इन्वाइट किया है" तृषा ने जवाब दिया l

"पर क्यो? तू जानती है ना कितना दुख होगा उन दोनों को" अंकिश ने कहा तो तृषा मुँह बनाते हुए बोली, " इतना बड़ा फैसला ले लिया है तो उसका सामना भी करना पड़ेगा ना l"

"तू पागल है तृषा" अंकिश ने चिल्लाते हुए कहा तो तृषा उसे समझातें हुए बोला, " नहीं! मैं बस ये बताना चाहती हूं कि ये दोनों जो भी कर रहे हैं गलत है और अगर सही है तो उसका सामना करना पड़ेगा l

ये कहते हुए तृषा वाणी के पास जाकर खड़ी हो गई और मुस्कुराते हुए बोली, "आ वाणी शब्द को हल्दी लगा l आखिरकार ये शादी तेरी वजह से ही तो हो रही है l"

अब तृषा एलविन की तरफ मुड़ी और उसके आगे भी हल्दी का कटोरा बढ़ाते हुए बोली, "लो एलविन! तुम भी क्रिस्टल को हल्दी लगाओ l"

वाणी और एलविन को देखकर शब्द और क्रिस्टल का दिल जैसे बाहर ही आने वाला था l वो बहुत कुछ कहना चाहते थे पर उनकी जुबान उनका साथ नहीं दे रही थी l इसलिए दोनों बुत बनकर ही बैठे रहे l

एलविन और वाणी तृषा के इनविटेशन के बाद उनका सामना करने के लिए काफी तैयारी करके आये थे l एक दूसरे को देखते ही उन दोनों के इमोशन आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो गए l उन्होंने नम आँखों से हल्दी के कटोरे से हल्दी ली और क्रिस्टल और शब्द के सामने आ गए l तभी तृषा ने गाना बजा दिया,

"हज़ारो मंज़िलें होगी
हज़ारो करवा होंगे
निगाहें हमको ढूंढेगी
न जाने हम कहाँ होंगे"

साजन साजन साजन
मेरे साजन मेरे साजन
तेरी दुल्हन सजाऊंगी
तेरी दुल्हन सजाऊंगी
तेरी दुल्हन सजाऊंगी

वादा दिया तुझे जो भी
वादा दिया तुझे मैं
वो वादा निभाऊँगी
मैं वो  वादा निभाऊँगी


वाणी शब्द को हल्दी लगाने लगी और शब्द वाणी की आँखों मे झाँक कर वो प्यार ढूंढने की कोशिश करने लगा जो पहले उसकी आंखों में आसानी से दिख जाता था l अचानक वाणी की नजर भी शब्द की नजर से टकरा गई और दोनों एक दूसरे की आंखों में ही खो गए l एलविन और क्रिस्टल भी बेबस नज़रों से एक दूसरे को ही देखे जा रहे थे l एल्विन ने भी क्रिस्टल को हल्दी लगा दी और फिर तुरंत वहां से उठकर चला गया l इस बार भी क्रिस्टल उसे चाहते हुए भी रोक नहीं पाई l


"झिलमिल सितारों की छैया
लुंगी में तेरी बलैया
इतना तुझे प्यार दूंगी
यह जिंदगी वार दूंगी

मुस्कुराती हैं नजर
दिल तड़प के रोते हैं
और चोट जब लगती हैं
उफ़ तो दर्द बड़ा होता है

साजन साजन साजन
मेरे साजन मेरे साजन
दर्द सारे उठाउंगी
दर्द सारे उठाउंगी"
साजन साजन साजन
मेरे साजन मेरे साजन
तेरी दुल्हन सजाऊंगी"

गाना सुनते ही अचानक से शब्द और वाणी का नैन मिलाप टूट गया l शब्द ने अपनी नजरे नीचे कर ली और वाणी की आंखों से भी अब तक रोके हुए आंसू आखिर बहने ही लगे l अब उसके लिए वहां रुकना बहुत मुश्किल हो रहा था इसलिए वो भागते हुए वहां से चली गई और एक कोने में जाकर रोने लगी पर गाना अभी भी बज रहा था,

"माना कि मुश्किल बड़ी हैं
यह इम्तिहान की घडी हैं
पल में बिखर जाउंगी में
हद से गुजर जाउंगी मैं

हम हस्ते हैं तो उन्हें लगता हैं 
हमे आदत हैं मुस्कुराने की
वो नादान इतना भी नहीं समझते 
कि ये अदा है गम को छुपाने की

साजन साजन साजन मेरे साजन
मैं यही मुस्कुराऊँगी
मैं यही मुस्कुराऊँगी

साजन साजन साजन
मेरे साजन मेरे साजन
तेरी दुल्हन सजाऊंगी"

एलविन और वाणी जी भर कर रोए और फिर अपने अपने आंसू पोछने के बाद जैसे ही पीछे मुड़े वहां अंकिश  और तृषा खडे थे l

" इतना ही मुश्किल है तो यह क्यों कर रहे हो? "अंकिश ने एलविन के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा तो एल्विन मुस्कुरा कर बोला,"हमेशा अपनी ख़ुशी ही तो जरूरी नहीं होती ना? कभी कभी अपनों की ख़ुशी खुद से ज्यादा जरूरी होती है l"

"मैं तुझे अभी भी समझा रही हूँ वाणी.. मत कर ये सब! इससे कोई खुश नहीं होगा l" तृषा ने वाणी को समझाया तो वाणी दुखी स्वर मे बोली, "अगर कोई खुश नहीं होता तो शब्द ने अब तक कह दिया होता? वैसे भी अब मैं बहुत आगे आ गई हूं l अब चाहू भी तो पीछे नहीं हट सकती l"

क्योंकि शब्द और क्रिस्टल के दिलो में एलविन और वाणी ही चल रहे थे इसलिए यही गलती शब्द से भी हो गई l उसने भी नाम का पहला अक्षर K की जगह V बता दिया और वाणी ने भी आकर उसी के नीचे एक और उल्टा V बनाकर उसे K कर दिया l

फंक्शन खत्म होने के बाद वाणी और एलविन वापस आ गए और हॉल में बैठकर जो कुछ भी हुआ उसके बारे में सोचने लगे l दोनों की आंखें अभी भी नाम की और जुबान पर खामोशी पसरी हुई थी l एक अलग ही खामोशी थी उस हॉल मे l शायद सब कुछ खत्म हो जाने के बाद की ख़ामोशी l

कुछ देर यूं ही बैठने के बाद दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर एलविन चुप्पी तोड़ते हुए बोला, " हम जो कर रहे हैं l वो ठीक तो है ना? "

" हां पर आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं?हम सब डिस्कस कर चुके हैं ना? " वाणी ने चौक कर पूछा l

" हां पर पता नहीं क्यों मुझे शब्द और क्रिस्टल पूरी तरह खुश नहीं लगे?" एलविन ने उदास होकर कहा l


"शायद हम दोनों के जाने से उन्हें अम्बेरेसमेंट हो रही होगी या उन्हें लग रहा होगा कि हमारे साथ गलत हो रहा है l" वाणी ने कहा तो एलविन भी सहमति जताते हुए बोला, "हम्म्म शायद यही बात होगी पर जो भी हो l हम कल के फंक्शन मे नहीं जाएंगे l"

"कल के फंक्शन मे तो हम वैसे भी नहीं जा सकते l" वाणी ने दुखी स्वर मे कहा तो एलविन भी बोल पड़ा, "ओह हाँ! कल तो हमारी.."

ये कहते हुए एलविन रुक गया l तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया l एलविन ने जाकर देखा तो वाणी के पेरेंट्स और भाई थे l पेरेंट्स को देखकर वाणी भाग कर उनके गले लग गई और एलविन उनके लिए नाश्ता लाने चला गया l

"ये तू क्या कर रही है बेटा और क्यों कर रही है?" वाणी की माँ ने नम आँखों से पूछा तो वाणी बुझी हुई आवाज मे बोली, " क्योंकि इसी में मेरी खुशी है माँ! आप तो जानती हैं ना शब्द को? वो मुझे कभी नहीं अपनाते l"

"पर तूने तो कहा था कि तुम दोनों में सब ठीक हो गया है" वाणी के पिता ने पूछा तो वाणी दर्द भरी मुस्कान के साथ बोली, " गलतफहमी हो गई थी मुझे पापा!"

" और क्या गारंटी है कि इस पर कोई गलतफहमी नहीं है और ये लड़का तो क्रिस्चियन है l" वाणी की माँ ने चिंता ज़ाहिर की तो वाणी उदास होकर बोली, "आप जानती हो ना माँ! मैं ये जाति धर्म नहीं मानती और एक बार अपने धर्म मे शादी की तो थी l अंजाम आपके सामने है l"

इससे पहले वाणी की मां कुछ कहती उसके पिता बोल पड़े, "इससे बहस करके कोई फायदा नहीं है l ये वही करेगी जो इसने करने का सोच लिया है और वैसे भी ठीक ही है l कम से कम ये लड़का शब्द की तरह तकलीफ तो नहीं देगा l"

ये सुनकर सारे लोग चुप हो गए और तभी एलविन नाश्ता लेकर आ गया l ये देखकर प्रणव धीरे से अपनी माँ के कान मे फुसफुसाया, "पापा सही कह रहे हैँ l ये केयरिंग तो लग रहा है l"

"अच्छा और शब्द ने जो तुझे बिना मांगे तुझे बाइक दिलाई थी? वो भूल गया तू? मां हूँ..मुझे समझ आता है कि शब्द भी वाणी की केयर करने लगा था पर अचानक क्या हो गया? ये समझ नहीं आ रहा l"वाणी की माँ ने उदास होकर कहा तो प्रणव भी दुखी स्वर मे बोल पड़ा,"हम्म्म.. पर अब हम कर भी क्या सकते हैं l दीदी जो एक बार करने का सोच लेती है, वो करके ही रहती है l"

रात के 12 बज रहे थे l शब्द और क्रिस्टल दोनों अपनी बालकनी में खड़े होकर चाँद को घूर रहे थे l

वाणी अगर इस रिश्ते से ख़ुश है तो उसकी आँखों मे आंसू क्यों थे? कहीं वो अब भी मुझसे ही तो प्यार नहीं करती l कहीं ऐसा तो नहीं कि मैं कुछ गलत कर रहा हूँ?
पर उसने ही तो कहा था ना कि उसे ये अधूरी जिंदगी नहीं जीनी है l फिर एलविन और वो बिल्कुल एक जैसे हैं l वो दोनों साथ में खुश रहेंगे l लेकिन ये अधूरी जिंदगी मैं भी तो पूरी कर सकता हूँ ना l पर मैं तो क्रिस्टल से प्यार करता हूं l ओह गॉड! ये सब कितना उलझा हुआ है l काश ये उलझन कोई आज ही आकर सुलझा दे l वरना कल तो बहुत देर हो जाएगी l" ये सोचकर शब्द बेचैन हो उठा और दूसरी तरफ क्रिस्टल भी यही सब सोच रही थी, " कितनी अजीब बात है?कल जब शब्द से शादी करना चाहती थी तब एलविन से शादी हो गई और आज जब मुझे पता ही नहीं है कि मुझे कौन चाहिए तो शब्द से शादी हो रही है l ये ऊपर वाला कभी मुझे कोई चीज टाइम पर क्यों नहीं देता? मैं खुश थी शायद..एलविन के साथ.. अगर शब्द नहीं मिलता तो जी लेती l पर अब मैं ये सब क्यों सोच रही हूं? अब तो एलविन बहुत दूर जा चुका है l कल उसकी शादी है वाणी के सा! इसलिए अब मुझे उसके बारे में नहीं शब्द के बारे में सोचना चाहिए पर उसका ख्याल भी तो कितना बुरा है? दिल से जाता ही नहीं l"

उन चारों के लिए वो रात बहुत भारी थी क्योंकि अगली सुबह वाणी और एलविन की शादी थी l चारों को नींद नहीं आ रही थी क्योकि अगली सुबह चारों की जिंदगी बदलने वाली थी l जैसे हर रात की सुबह होती है उस रात की भी हुई l शब्द के घर में संगीत की तैयारियां शुरू हो गई और एलविन के घर मे वेडिंग की l

वाणी एक खूबसूरत सा वाइट गाउन पहनकर तैयार हो गई पर उसकी आँखों के आंसू थम नहीं रहे थे l यही हाल एलविन का भी था l वो भी काले सूट मे तैयार खड़ा था पर खुशी उसके चेहरे से कोसो दूर थी l आखिरकार ना चाहते हुए भी वो वक़्त आ ही गया जो शादी के लिए तय किया था l इसलिए वाणी और एलविन घर के बाकी लोगो के साथ कार मे बैठकर चर्च के लिए निकल गए l

शब्द और क्रिस्टल का संगीत फंक्शन चल रहा था पर दोनों को एक अलग ही बेचैनी हो रही थी l उनका कहीं मन नहीं लग रहा था l जैसे जैसे वाणी और एलविन की शादी का वक़्त करीब आ रहा था दोनों का दिल बैठा जा रहा था l उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उनके साथ क्या हो रहा है l ज़ब उनकी बेचैनी बहुत बढ़ने लगी तो दोनों उठकर अपने अपने कमरे मे चले गए l ये देखकर अंकिश और तृषा भी पीछे पीछे उनके कमरे मे आ गए l

"क्या हुआ? तू इस तरह उठकर क्यों आ गया? तेरी तबियत तो ठीक है ना?" अंकिश ने पूछा तो शब्द परेशान होकर बोला, "पता नहीं यार? बहुत घबराहट हो रही है l ऐसा लग रहा है जैसे कुछ छूट रहा हो?"

"छूट ही तो रही है! तेरी सबसे अनमोल चीज" अंकिश ने उदास होकर कहा l

"मैं कुछ समझा नहीं" शब्द ने नज़रे चुराकर पूछा l

"अब तो समझ जा यार! तू वाणी भाभी से प्यार करने लगा है l" अंकिश ने उसके कंधे पर हाथ रखतें हुए कहा
तो शब्द मुँह फेरते हुए बोला, "कुछ भी मत बोल? वैसे भी मेरे प्यार करने से क्या हो रहा है? वो तो मुझसे प्यार नहीं करती ना? इसीलिए तो चली गई l"

शब्द की बाते सुनकर अंकिश हसते हुए बोल पड़ा, "तू कितना नादान है रे! वो तेरी खुशी के लिए इतना बढ़ा त्याग कर रही हैँ और तू कह रहा है कि वो तुझे छोड़ कर चली गई l अब भी वक़्त है शब्द! जा और जाकर रोक ले उन्हें l वरना बहुत देर हो जाएगी l"

तृषा ने भी क्रिस्टल को सच्चाई का आइना दिखाया तो क्रिस्टल उदास होकर बोली, "पर फिर शब्द का क्या होगा?"

"शब्द तो अब खुद तुमसे प्यार नहीं करता l वो भी अब वाणी से प्यार करता है l" तृषा ने मुस्कुराते हुए कहा l

जिस सच से शब्द और क्रिस्टल दोनों भाग रहे थे आखिर उन्होने उस सच को अपना ही लिया और आँखों मे खुशी के आंसू लेकर एक दूसरे के कमरे की तरफ भागे और बीच रास्ते मे ही मिल गए l

"मुझे तुमसे कुछ बात करनी है क्रिस्टि" शब्द ने हाफते हुए कहा l

"मुझे भी तुम्हे कुछ बताना है l" क्रिस्टल ने भी गहरी सांसे भरते हुए कहा l

"पहले मेरी बात सुनो" शब्द ने कहा तो क्रिस्टल जल्दी से बोल पड़ी, "नहीं पहले मेरी, मेरे पास टाइम बहुत कम है l"

"मेरे पास भी.. एक काम करते हैँ साथ मे ही बता देते हैँ" शब्द ने कहा और फिर दोनों एक साथ ही बोल पड़े, "मैं अब तुमसे प्यार नहीं करता/करती... आई लव एलविन/वाणी"

एक दूसरे की बात सुनकर दोनों बहुत खुश हो गए और फिर भागते हुए जाकर कार में बैठ गए l दोनों उसी चर्च में पहुंच गए जहां एल्विन और बानी की शादी लगभग होने ही वाली थी l दोनों गॉड के सामने खड़े थे और फादर वाणी से पूछ रहे थे," वाणी! डू यू टेक एलविन टू बी योर हसबैंड"


वाणी कुछ कह पाती इससे पहले ही शब्द पीछे से चिल्लाकर बोला, "नो शी डोंट"

शब्द की आवाज सुनते ही एलविन और वाणी ने पलट कर देखा l क्रिस्टल और शब्द एक साथ ही खड़े थे l इससे पहले वो दोनों कुछ समझ पाते क्रिस्टल और शब्द भागतें हुए उन दोनों के पास आ गए l

" आप यहां इस वक्त" वाणी ने हैरानी से पूछा तो शब्द अपना सर झुकाते हुए बोला, " जानता हूं लेट हो गया हूं पर इतना भी लेट नहीं हुआ l"

" मैं कुछ समझी नहीं! आप क्या कहना चाहते हैं साफ-साफ कहिए ना? " वाणी ने कहा तो शब्द अपने घुटनों पर बैठकर उसका हाथ अपने हाथो मे लेते हुए बोला, "साफ साफ शब्दों में ये वाणी कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं l अब मैं नहीं जी सकता तुम्हारे बिना! क्या तुम एक बार फिर  मुझसे शादी करोगी?"

ये कहते हुए शब्द की आंखें नम हो गई और वाणी तो अब तक समझ नहीं पा रही थी कि ये सब कुछ सच में हो रहा है या वो एक खूबसूरत सपना देख रही है l

" बोलो वाणी! क्या तुम मुझसे शादी करोगी? " शब्द ने एक बार फिर से उसकी आंखों में देखते हुए पूछा l

" यह सब अचानक? मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूं l" वाणी ने हैरानी से कहा तो शब्द मुस्कुराते हुए बोला, " तुम ही कहती हो ना वाणी कि प्यार होने के लिए एक पल ही काफी है l मेरी जिंदगी में वो पल यही है l आज जब तुम्हें लगभग खोने ही वाला था तब एहसास हुआ कि तुम मेरी जिंदगी में क्या हो? इन फैक्ट तुम ही मेरी जिंदगी हो l मैंने वैसे भी बहुत देर कर दी है वाणी l मुझे और इंतजार मत करवाओ l प्लीज जल्दी से हाँ बोल दो बाणी! प्लीज"

वाणी अभी भी चुप थी l शायद बात ही इतनी बड़ी थी कि उसे यकीन ही नहीं हो रहा था l वाणी को अब तक खामोश देखकर उदास होकर बोला, "कहीं मैंने सच में देर तो नहीं कर दी ना? कहीं तुम एलविन से तो.. अगर ऐसा है तो बता दो वाणी l मैं तुम्हारी जिंदगी से हमेशा के लिए चला जाऊंगा l जी नहीं पाऊंगा तुम्हारे बिना पर कोशिश तो कर ही सकता हूं l"

इतना कहकर शब्द वहां से जाने लगा तभी एल्विन बोल पड़ा, "ये क्या कर रही हो वाणी! तुम्हारा प्यार जिसके लिए तुमने इतने सैक्रिफाइस किए, वो प्यार आज खुद चलकर तुम्हारे पास आया है और तुम मुझसे जाने दे रही हो l"

"मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा कि ये सब सच में हो रहा है या मैं कोई सपना देख रही हूं l अगर ये सच है तो फिर तुम दोनों का क्या होगा?" वाणी ने मायूस होकर कहा तो क्रिस्टल मुस्कुराते हुए बोली, " तुम्हें हमारे बारे में टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है वाणी क्योंकि सिर्फ शब्द को ही नहीं l मुझे भी अपने प्यार का एहसास हो गया है l"

ये कहते हुए क्रिस्टल एलविन के सामने घुटनों पर बैठ गई और मुस्कुराते हुए बोली, " आई लव यू एलविन! विल यू मैरी मी!"

ये सुनकर एल्विन और वाणी दोनों के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान आ गई l एलविन ने क्रिस्टल को उठाकर गले से लगा लिया और वाणी भागते हुए शब्द के पास पहुंच गई l

" मेरा पहला और आखिरी प्यार सिर्फ आप हैं शब्द! बस ये यकीन करने में थोड़ा सा टाइम लग रहा था कि आप का आखिरी प्यार मैं बन गई हूं l" वाणी ने मुस्कुरा कर कहा तो शब्द ने खुश होकर उसे गले से लगा लिया l दोनों की आंखों से आंसू बहने लगे और वाणी के माता-पिता भी ये देखकर बहुत खुश हो गये l

"पर हमारा तो डाइवोर्स हो चुका है?" वाणी ने उदास होकर कहा तो शब्द हसते हुए बोला, " सो व्हाट अभी सब ठीक कर देते हैं l"

ये कहते हुए शब्द एलविन और क्रिस्टल के पास आकर खड़ा हो गया और मुस्कुराते हुए बोला, "गाइस फादर को ज्यादा इंतजार नहीं कराना चाहिए l फादर आप मैरिज स्टार्ट करो l"

" अरे ऐसे कैसे? क्रिस्टल तुम मेरे साथ चलो" ये कहते हुए वाणी क्रिस्टल को लेकर जाने लगी तभी एल्विन और शब्द बोल पड़े, " पर तुम दोनों जा कहां रही हो? "

"कहीं तुम दोनों का माइंड तो चेंज नहीं हो गया ना? कहीं किसी और से शादी तो नहीं करने वाली ना तुम दोनों?" शब्द ने मजाकिया  अंदाज़ में कहा तो क्रिस्टल और वाणी जोर जोर से हंसने लगी l

" आप भी ना? ऐसा कुछ नहीं है और हम कहाँ जा रहे हैं ये थोड़ी देर में पता चल जाएगा l" वाणी ने कहा और फिर वो क्रिस्टल को लेकर वॉशरूम की तरफ चली गई l
ये देखकर शब्द मुंह बनाते हुए बोला, "क्या यार?ये लड़कियों को समझना इंपॉसिबल है l अब वाशरूम ही जाना था तो बता सकती थी ना?इतना क्या सस्पेंस रखना?"

"ये बात सीधे-सीधे बता देगी तो हम जैसों को पागल बना कर अपने पीछे कैसे घुमाएगी l" ये कहते हुए एल्बिन हंसने लगा तो शब्द भी हंसते हुए बोला, "तेरी बात में पॉइंट तो है l"

दोनों बात कर रहे थे तब तक वाणी और क्रिस्टल आती हुई दिखाई दी l उन दोनों ने अपने कपड़े बदल लिए थे l वाणी ने क्रिस्टल का लहंगा पहन लिया था और क्रिस्टल ने वेडिंग गाउन l एल्विन क्रिस्टल को देखते ही उसमें खो गया और शब्द के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान आ गई l क्रिस्टल आकर एलविन के बगल में खड़ी हो गई पर एल्विन अभी भी उसे देखे ही जा रहा था l

ये देखकर शब्द ने एलविन के कंधे पर कोहनी रखते हुए बोला, "वैसे ये काम तो तुम घर जाकर आराम से भी कर सकते हो l फिलहाल शादी कर लो क्योंकि वो घर पर नहीं होगी l"

ये सुनकर एलविन शर्मा गया और बाकी सब हंसने लगे l फादर ने उन दोनों की फिर से शादी करवा दी l एलविन ने क्रिस्टल को वेडिंग रिंग पहना दी और फिर दोनों ने साथ में वेडिंग केक कट किया l सब ने मिलकर केक का आनंद लिया और शब्द वाणी ने उनके गले लग कर उन्हें शादी की बधाई दी l


"इनकी हो गई l अब हमारी बारी है l" शब्द ने मुस्कुरातें हुए कहा तो वाणी शर्मा गई l शब्द सब को लेकर कपूर विला आ गया l ये जानकर कि सब ठीक हो गया है ऋषभ और मीरा बहुत खुश हो गए और फिर सब मिलकर शब्द और वाणी की शादी की तैयारियां करने लगे l

शादी का मुहूर्त आ चुका था l शब्द सफ़ेद रंग की दूल्हे की शेरवानी में बहुत अच्छा लग रहा था और उसके बगल में वाणी अपने लाल जोड़े में बहुत प्यारी लग रही थी l उसके हाथों में मेहंदी कलाई में चूड़ियां गले में हार, कानो में झुमके, उसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा रहे थे l वो खुशी जो उसकी पहली शादी में गायब थी l वो आज सबके चेहरों पर दिख रही थी l जयमाला के बाद दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर फेरे लिए और फिर शब्द ने वाणी के गले में मंगलसूत्र बांध दिया l शब्द ने वाणी की सूनी मांग को खुशियों से भर दिया और दोनों ने एक दूसरे को 7 वचन दिए और हर जन्म मे साथ रहने की कस्मे खाई l शब्द और वाणी दोनों ही बहुत खुश थे l एलविन और क्रिस्टल भी एक दूसरे का हाथ थाम कर उन पलो का आनंद ले रहे थे l

सारी रस्मो के बाद दोनों ने बड़ों का आशीर्वाद लिया और फिर दोनों ने सबके सामने एक दूसरे से वादा किया कि अब हालात चाहे जो भी हो वो दोनों एक दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे l

शब्द का कमरा फूलों और मोमबत्तियों से बहुत खूबसूरती से सजा था और वाणी दुल्हन के जोड़े में बेड पर बैठकर शब्द का इंतजार करतें हुए 7 महीने पहले की बातें याद कर रही थी l

7 महीने पहले भी कमरा ऐसे ही सजा हुआ था l बहुत उम्मीद और खुशियों के साथ वाणी ऐसे ही शब्द का इंतजार कर रही थी l अचानक से दरवाजा खुलने की आवाज आई और गुस्से में शब्द अंदर आ गया l वाणी को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए शब्द नाइट ड्रेस लेकर बाथरूम में घुस गया और थोड़ी देर में कपड़े बदल कर बाहर आ गया l वाणी को ये सब बहुत अजीब लग रहा था पर शब्द का गुस्सा देखकर उससे कुछ भी पूछने की हिम्मत नहीं हो रही थी l इससे पहले वाणी कुछ समझ पाती शब्द बेड से तकिया और चादर उठाकर बाहर आने लगा l इस बार वाणी से नहीं रहा गया और वो उसे रोकते हुए बोली, " आप कहाँ जा रहे हैं? "

इतना सुनकर शब्द गुस्से में वाणी को उंगली दिखाते हुए बोल पड़ा,"डोंट यू डेयर! इस शादी के नाटक से ये मत समझ लेना कि तुम्हें मेरी जिंदगी में इंटरफ़ियर करने की फ्रीडम मिल गई है l ये शादी मैंने सिर्फ और सिर्फ अपने पैरंट्स के लिए की है l तुम मेरी वाइफ ना थी,ना हो और ना कभी बन पाओगी क्योंकि मैं किसी और से प्यार करता हूं और सारी जिंदगी उसी से ही करूंगा l"


इस वाकिये को याद करके वाणी की आंखों से आंसू छलक आए l उसने जैसे ही आंसू पोछने के लिए अपने हाथ बढ़ाएं शब्द के हाथों ने आकर उसके आंसू पोछ दिए l वाणी कुछ कहने वाली थी तभी शब्द उसके होठों पर उंगली रखते हुए बोल पड़ा, "स्स.. ये आखिरी बार था जब मेरी वजह से तुम्हारी आंखों में आंसू आए थे l ट्रस्ट मी बाणी! आज के बाद तुम्हारी आंखों में मेरी क्या किसी की भी वजह से आंसू नहीं आएंगे? ये मेरा वादा है तुमसे l"
ये सुनकर वाणी ने मुस्कुराते हुए उसका हाथ अपने हाथों में लेतें हुए बोली, " मुझे इन आँसुओ की कोई परवाह नहीं है शब्द l आपका साथ हो तो मुझे ये आंसू भी मंजूर है l"

" तुम इतना प्यार करती रही मुझसे और मैं कभी समझ ही नहीं पाया l" शब्द ने वाणी की आंखों में देखकर कहा तो वाणी मुस्कुराते हुए बोली, " अब तो समझ गए ना और वैसे भी अभी इतनी देर भी नहीं हुई है l"

"हम्म्म पर काश.." इससे पहले शब्द अपनी बात कहता वाणी उसे रोकते हुए बोली, " अब जो हो गया, वो हो गया l आज के बाद हम दोनों कभी इस बारे में बात नहीं करेंगे l आज से हम सिर्फ अपने प्रेजेंट में जिएंगे और अपने आज को और भी खूबसूरत बनाने की कोशिश करेंगे l"

"हम्म्म.. प्रेजेंट से याद आया,मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूं l" शब्द ने कहा तो वाणी ने मुस्कुराकर पूछा, "अच्छा क्या लाए हैँ?"

"खोल कर देखो" शब्द ने अपनी जेब से गिफ्ट निकालकर वाणी को पकड़ाते हुए कहा l

वाणी ने गिफ्ट खोलकर देखा तो उसमें एक खूबसूरत सी डायमंड रिंग और छोटे छोटे डायमंड इयररिंग्स थे l पहली बार शब्द का गिफ्ट पाकर वाणी का चेहरा खुशी से भर गया और शब्द उसके हाथ से अंगूठी लेकर उसे पहनाते हुए बोल पड़ा, " मुझे पता है तुम्हें हैवी ज्वेलरी पसंद नहीं है इसलिए तुम्हारे लिए मंगलसूत्र से मैच करती हुई ज्वेलरी लाया हूं l तुम सिर्फ यही पहनकर भी रहा सकती हो l तुम्हें हमारे खानदान के नाम और शोहरत की वजह से हैवी ज्वेलरी पहनने की कोई जरूरत नहीं है l"

ये सुनकर वाणी शब्द के गले से लग गई और मुस्कुराते हुए बोली, " एक ही रात में आप कितना समझने लगे हैँ मुझे? "

"हां वो तो है! वैसे रात से याद आया, आज तो हमारी फर्स्ट नाईट है ना तो क्या ख्याल है?" शब्द ने वाणी को अपनी बांहों में भरते हुए कहा तो वाणी घबराकर उससे दूर हटते हुए बोली, " किस बारे में? "

" अब फर्स्ट नाईट में फुटबॉल खेलने के लिए तो कहूंगा नहीं मैं? "शब्द ने हसकर वाणी के करीब आते हुए कहा तो वाणी शर्माते हुए बोली,"स्स.. शब्द.."

शब्द वाणी के करीब आने लगा और वाणी ने घबराकर अपनी आंखें बंद कर ली l उसका मासूम सा चेहरा देखकर शब्द जोर जोर से हंसने लगा और वाणी चौक कर उसे देखने लगी l

"तुम इतनी डरपोक नो वाणी! मुझे नहीं पता था l अब मैं सडू से ओवरनाइट स्वीट बन गया हूं ये बात हजम करने के लिए तुम्हे थोड़ा वक्त तो लगेगा ना और मैं तुम्हें वो वक़्त दूंगा l डोंट वरी जब तक तुम कंफर्टेबल नहीं होगी ये रिश्ता आगे नहीं बढ़ेगा l" शब्द ने वाणी का चेहरा अपने हाथों में लेकर कहा तो वाणी मुस्कुराने लगी l उसे शब्द के सीने पर अपना सर रख लिया और आराम से लेट गई l दोनों काफी देर तक बातें करते रहे रहे और फिर दोनों एक दूसरे की बाहों में ही सो गए l


सुबह के 6:00 बज गए थे l वाणी आराम से सोई हुई थी और शब्द प्यार से उसे देखा था l अचानक वाणी की आंख खुली तो देखा शब्द अपने हाथ का तकिया बनाकर उसमें सिर रखकर बहुत प्यार से उसे देखे जा रहा है l


"आप जग गए? वाणी ने मुस्कुरा कर कहा तो शब्द अभी भी वाणी को निहारते हुए बोला,"कब का?"

" आप ऐसे क्या देख रहे हैँ" वाणी ने पूछा तो शब्द मुस्कुरा कर बोला, "ऐसे तुम्हें देख रहा हूं l"

" अच्छा और क्यों देख रहे हैं? " वाणी ने मुस्कुराकर पूछा तो शब्द हसते हुए बोला, "क्योंकि तुम्हें देखकर कुछ सोच रहा हूं l"

" और आप क्या सोच रहे हैं? " वाणी ने भौहे मटकाकर पूछा तो शब्द वाणी के गलो को छूते हुए बोला, " यही कि इतनी खूबसूरत लड़की इतने दिनों से मेरे साथ थी और मैंने उसे गौर से देखा तक नहीं l"

"अच्छा" वाणी ने शर्माकर कहा l

"हाँ" शब्द ने मुस्कुराते हुए कहा l

" क्या बात है मिस्टर कपूर आप तो बिगड़ गये?" वाणी ने हंसते हुए कहा तो शब्द में बना कर बोला, " जनरली वाइफस 'आप सुधर गए' ऐसा बोलती हैँ l"

" हां पर उनके हस्बैंड सुधर जाते हैं ना और आप तो बिगड़ गए हैं l" वाणी ने हंसते हुए कहा तो शब्द भौहे चढ़ाकर बोला, "अच्छा ऐसा भी क्या कर दिया मैंने?"

" टाइम देखा है आपने? जनरली इस टाइम आप जिम जाते हैं  l" वाणी ने मुंह बनाकर कहा l

"हाँ तो जनरली इस टाइम आप भी मेरा प्रोटीन शेक रेडी करती हैँ l तो कहां है मेरा प्रोटीन शेक?" शब्द ने भौहे मटकाकर कहा तो वाणी चौंक कर सर पर हाथ रखते हुए बोली, " अरे हां! मैं तो भूल ही गई l मैं अभी आपका प्रोटीन शेक तैयार करती हूं l"

ये कहते हुए वाणी बेड से उठकर जाने लगी तभी शब्द ने भी उठकर उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया l वाणी आकर शब्द से टकरा गई और दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगे l


" बिगड़ तो तुम भी गई हो मिसेज कपूर पर पता नहीं क्यों हम दोनों का ये बिगड़ना भी बहुत अच्छा लग रहा है? " शब्द वाणी के आगे आते हुए बालों को उनके कान के पीछे करते हुए बोला l

वाणी शर्मा कर नीचे देखने लगी और शब्द वाणी के एकदम करीब आ गया l दोनों की सांसे एक दूसरे से टकराने लगी l वाणी ने अपनी आंखें कसके बंद कर ली और शब्द ने उसके माथे को चूम लिया l अब शब्द ने कसके वाणी को अपनी बाहों में भर लिया l शब्द की बाहों की गर्मी से वाणी पिघलने लगी l उसने भी शब्द को कस के पकड़ लिया l आज शब्द और वाणी दोनों पूरे लग रहे थे l


"आई लव यू वाणी..आई लव यू सो मच" शब्द ने उसके माथे को चूमते हुए कहा तो वाणी अपना सर उसके सीने में छुपाते हुए बोली, "आई लव यू टू शब्द!"


दोनों अभी एक दूसरे में ही खोए हुए थे कि तभी बाहर से तृषा दरवाजे खटखटाकर हसते हुए बोली, " रोमांस खत्म हो गया हो तो दोनों तैयार होकर नीचे आ जाओ l पूजा के लिए सब इंतजार कर रहे हैं l"

ये सुनकर वाणी शब्द को छोड़कर शर्माते हुए बाथरूम में घुस गई और शब्द खुद से ही बड़बड़ाने लगा, "ये सही है इनका?पहले खुद ही प्यार का एहसास करवाते हैँ फिर खुद ही प्यार भी नहीं करने देते l"

कुछ देर बाद बाथरूम से वाणी की आवाज आई, "शब्द सुनिए!

वाणी की आवाज सुनकर शब्द घबराते हुए बोल पड़ा,"
क्या हुआ? कहीं फिर से तो नहीं गिर गई? इस बार मैंने साबुन नहीं गिराया था कसम से! अरे मैं ये सब क्या बोल रहा हूं? मुझे तो उसकी मदद करनी चाहिए? रुको वाणी!मैं अभी आता हूं l"

शब्द की मासूमियत देखकर वाणी हंसते हुए बोली, "इतना कुछ नहीं हुआ है शब्द?मुझे सिर्फ बाथरोब चाहिए l मैं जल्दी में कपड़े लाना भूल गई हूं l"

"ओह थैंक गॉड! रुको अभी देता हूं l" शब्द ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा और फिर कबर्ड से बाथरोब निकालकर वाणी को पकड़ा दिया l थोड़ी देर में वाणी बाथरूम से बाहर आ गई और उसे देखते ही शब्द कुछ देर के लिए उस मे ही खो गया l

उसके गीले बालों से पानी टपक रहा था और वो तौलिए से उन्हें सुखा रही थी l उसके चेहरे पर आज एक अलग ही नूर था और उसकी चमकती हुई आंखें बहुत प्यारी लग रही थी l बाल सुखाते हुए वाणी शीशे के सामने आकर खड़ी हो गई l तभी उसकी नजर शीशे के जरिए शब्द पर गई जो अभी भी उसे देख रहा था l शब्द को ऐसे खुद को देखते हुए पाकर वाणी थोड़ा सा शर्मा गई और ये देखकर शब्द के चेहरे पर मुस्कान आ गयी l

"अगर आप यहां खडे होकर मुस्कुराते रहेंगे तो हम पूजा के लिए लेट हो जाएंगे l" वाणी ने मुस्कुराकर कहा l

" अरे हां! मैं अभी नहा कर आता हूं l" ये कहते हुए शब्द बाथरूम में घुस गया और वाणी साड़ी पहन कर तैयार होने लगी l थोड़ी देर बाद शब्द बाहर निकला तो देखा वाणी लाल रंग की साड़ी पहन कर तैयार थी l शब्द एक बार फिर से उसकी खूबसूरती में खो गया और खुद से ही बातें करने लगा, " कितने सारे रूप है तुम्हारे? हैरानी हो रही है कि क्यों आज से पहले कभी मैं इन्हें निहार नहीं पाया? कितना टाइम बर्बाद कर दिया मैंने तुम्हें अपनाने में पर अब बिल्कुल भी टाइम बर्बाद नहीं करूंगा l अब मैं हर दिन तुम्हे पहले दिन से ज्यादा प्यार देने की कोशिश करूंगा ताकि पिछले 7 महीनों का प्यार भी पूरा कर सकू l"

शब्द को देखकर वाणी ड्रेसिंग टेबल से उठ गयी और कबर्ड से उसके कपड़े निकालते हुए बोली, "आपके कपड़े निकाल देती हूं l आप फटाफट से तैयार होकर नीचे आ जाइए l"

ये कहते हुए वाणी कपड़े बेड पर रखकर बाहर चली गई और थोड़ी देर में शब्द भी तैयार होकर नीचे आ गया l

शब्द वाणी के माता-पिता और रिश्तेदार हॉल में बैठे हुए थे l पंडित जी पूजा की तैयारी कर रहे थे और अंकिश त्रिशा उनकी मदद करवा रहे थे l थोड़ी देर में सारे रीति-रिवाजों के साथ पूजा खत्म हो गई और सारे लोग नाश्ते की टेबल पर आकर नाश्ता करने लगे l शब्द वाणी के साथ बैठना चाहता था पर उसके बगल में शब्द को छेड़ने के लिए जानबूझ कर अंकिश बैठ गया और वाणी अंकिश के बगल में बैठ गई l

" तू उधर जाकर बैठ ना? देख वो चेयर खाली है? " शब्द ने धीमी आवाज मे अंकिश से सामने की तरफ इशारा करते हुए कहा l

" नहीं मैं तो यहीं बैठूंगा!" अंकिश ने मुंह बना कर जवाब दिया l

" यार देख वो चेयर कितनी सही जगह पर है l वहां विंडो से तू व्यू भी देख सकता है l" शब्द ने एक और बार अंकिश को कन्वेंस करने की कोशिश की तो अंकिश उसे छेडते हुए बोला, " यार आई थिंक मैं यहां खाना खाने आया हूं l मुझे व्यू ही देखना होगा तो मैं जुहू बीच चला जाऊंगा ना?चेयर पर बैठकर गार्डन थोड़ी देखूंगा l"

ये सुनकर शब्द उसे घूमने लगा तो अंकिश सकपकाते हुए बोला, " यार तू गुस्सा क्यों हो रहा है? तुझे वो चेयर इतनी पसंद है तो तू जाकर बैठ जा ना? "

"फाइन! नहीं जा रहा हूं l" शब्द ने गुस्से में कहा और फिर ये सोच कर कि उस जगह बैठकर वो सामने से वाणी को देख पाएगा उठकर सामने वाली कुर्सी पर जाकर बैठ गया l बानी तृषा की गोद में बैठी अनोखी को खाना खिला रही थी इसलिए उसने अभी भी शब्द की तरफ ध्यान नहीं दिया और ये सब देखकर शब्द खुद से ही बड़बड़ाने लगा, " साला टाइम ही खराब चल रहा है l अब इसके सामने आकर बैठ गया हूं तो इसे देखना भी नहीं है मुझे l"

शब्द अभी बड़बड़ा ही रहा था कि तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आया l वो पैर आगे बढ़ाकर वाणी के पैर पर धीरे से अपना पैर रगड़ने लगा l इस हरकत से वाणी ने तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी पर अंकिश को बहुत तेज हंसी आ गई l सारे लोग चौककर अंकिश की तरफ देखने लगे तो उसने एक जोक याद आ गया कहकर उन्हें टाल दिया l सब फिर से खाने में लग गए और ये देखकर अंकिश शब्द को पास बुलाकर उसके कान में हंसते हुए बोला, "ये पैर जिस पर तू बहुत अच्छे से मसाज कर रहा है ना? ये मेरा है l"

शब्द ने झुक के नीचे देखा तो वाणी अपना पैर समेट कर बैठी थी l यह देखकर शब्द अंकिश को घूमने लगा और अंकिश हंसते हुए अपना नाश्ता करने लगा l


नाश्ते के बाद सारे लोग हॉल में आ गए तभी मीरा सबको बताने लगी, " आज शाम को वाणी की मुंह दिखाई की रस्म है और कल रिसेप्शन की पार्टी है l इतने कम टाइम में कार्ड वगैरह प्रिंट नहीं हुए हैं इसलिए ऋषभ और अंकिश तुम दोनों को ही सारे रिश्तेदारों को खुद कॉल कर के फंक्शन के लिए बताना पड़ेगा l मैं चाहती हूं इस बार सारी चीजें रीति रिवाज से ही हो l"

" ठीक है! वो सब हम देख लेंगे और कुछ? " ऋषभ और अंकिश ने मुस्कुराते हुए पूछा l

" हां और खाने का मैन्यू भी डिसाइड करना है l शादी तो धूमधाम से नहीं हो पाई पर रिसेप्शन ऐसा होना चाहिए कि सारा शहर देखता रहा जाए l" मीरा ने कहा तो अंकिश मुस्कुराते हुए बोला,"वो सब आप मुझ पर और तृषा पर छोड़ दीजिए आंटी! ट्रस्ट मी हम दोनों आपको निराश नहीं करेंगे l"

"तुम दोनों तो कभी भी मुझे निराश नहीं करते l तुम्हारी वजह से तो ये सब मुमकिन हो पाया है l" मीरा ने मुस्कुराकर अंकिश के गालों को छूकर कहा l


" अरे अब आप ये सब छोड़िए आंटी और ये बताइए कुछ और भी है क्या?" अंकिश ने पूछा तो मीरा खुश होकर बोली, " हां पिछली बार एक बहुत जरूरी रस्म नहीं हुई थी l इस बार वो भी करनी है l जो सपने पिछली बार पूरे नहीं हुए इस बार वो सब पूरे करने हैं l"

"हाँ आंटी बताइए ना? क्या प्रोग्राम है? मैं अभी उसकी तैयारी करवाता हूं l" अंकिश ने कहा तो मीरा मुस्कुरा कर बोली, " तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है बेटा! उसकी तैयारी हमने कर ली है l तृषा बेटा वो कटोरा लाना जरा"

तृषा "जी आंटी" कहते हुए दूध और गुलाब की पंखुड़ियों से भरा एक कटोरा लेकर आ गई और उसे शब्द वाणी के सामने लाकर रख दिया l

" देखो शब्द वाणी! मैं इसमें तीन बार ये अंगूठी डालूंगी l जो भी सबसे ज्यादा बार इसे ढूंढेगा l दूसरे को जिंदगी भर उसकी बात माननी पड़ेगी l मंजूर है!" मीरा ने मुस्कुराकर कहा तो शब्द हंसते हुए बोला, "ये भी कोई गेम है? इसमें तो हंड्रेड परसेंट मैं ही जीतूंगा l"

"गलतफहमी में है आप! जीतूंगी तो मैं ही" वाणी ने मुंह बनाकर कहा l

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2 जनवरी 2022

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30 दिसम्बर 2021

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रचनाएँ
शब्द वाणी
5.0
घरवालों के दबाब के कारण एक नामी बिजनेसमैन शब्द, मध्यम वर्गी परिवार की लड़की वाणी से शादी तो कर लेता है पर कभी उसे अपनी बीवी का दर्ज़ा नहीं दे पाता क्युकी उसका प्यार वाणी नहीं कोई और है l  क्या वो कभी अपने प्यार को भुला कर वाणी को अपनी पत्नी मान पाएगा या फिर वाणी से रिश्ता तोड़कर अपने प्यार को ही अपना हमसफ़र बनाएगा? पहला पात्र है शब्द कपूर, एक नामी यंग बिजनेसमैन l जो दिखने मे भी बहुत हैंडसम है l उसने अपनी दिन रात की मेहनत से अपने बिजनेस को उचाईयो पर पहुंचाया है पर घर वालो की ज़िद की वजह से लिए गए फैसले के कारण वो बहुत चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो गया है l किसी से ठीक से बात नहीं करता और ना ही किसी की परवाह करता है l दूसरी पात्र है वाणी, जो मध्यम वर्गी परिवार से है l बहुत ही सुन्दर, समझदार और सहनशील है वाणी l बडो का आदर करती है और अपनी ज़िम्मेदारियों का बहुत अच्छे से निर्वहन करती है l अपने नाम की ही तरह अपनी वाणी का उपयोग भी सही वक़्त पर करती है और ज़ब भी बोलती है बहुत मीठा बोलती है l
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पार्ट 1

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">सुबह के 9:00 बज गए थे

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">जिम से वापस आके शब्द

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">जिम से वापस आके शब्द

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">जिम से वापस आके शब्द

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<div align="left"><p dir="ltr">"पर बेटा! ये तो तू होम डिलीवरी से भी भेज सकता था ना? इसके लिए इतना पर

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">"अहह.. लग गई मुझे" अं

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">"आउच" शब्द के मुंह से

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">हॉस्पिटल में डॉक्टर न

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">"देखो ना दीदी! मैं कब

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पार्ट 10

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<div align="left"><p dir="ltr">अब इसमें क्या प्लान बी हो सकता है? शब्द तो चला गया ना?" ऋषभ ने हैरानी

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">"नहीं.. कभी वक़्त ही न

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<span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;">वाणी को सोच में डूबा

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पार्ट 14

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पार्ट 15

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