यह कहते हुए लड़के ने एक और फ़ाइल जमीन पर फेक दी l
" कहीं आप इसे तो नहीं ढूंढ रहे" पीछे से किसी लड़की ने धीमी आवाज में उसे एक पीली फाइल दिखाते हुए पूछा l
" अरे हां इसे ही तो ढूंढ रहा था कब से? " उस लड़के ने गहरी सांस लेते हुए कहा l
"वो वहां साइड टेबल पर रखी थी कल आपने l सुबह की मीटिंग के लिए" ये कहते हुए उस लड़की ने फाइल टेबल पर रख दी l उस लड़के ने जल्दी से फाइल अपने बैग में डाली तब तक उस लड़की ने वॉलेट,घड़ी और रुमाल निकाल कर बेड पर रख दिया l
"आपका नाश्ता लगा दिया है l प्लीज आज नाश्ता करके ही जाइएगा" लड़की ने धीमी सी आवाज में कहा और फिर कमरे से निकलकर नाश्ते की टेबल पर पहुंच गई l
वह लड़का जल्दी से कमरे से निकलकर नाश्ते की टेबल पर आया और फिर सिर्फ़ एक सेब उठाकर वहां से चला गया और कार में आकर बैठ गया l
" चलो ड्राइवर" उस लड़के ने ड्राइवर को आदेश दिया और फिर कान में फोन लगाकर वहां से चला गया l जब तक वो लड़की भागते हुए उसे विदा करने आई तब तक वो जा चुका था l वो लड़की उदास होकर फिर से अंदर आ गई और आज फिर उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर
उसकी सासू माँ खुद को कोसने लगी, " सब मेरी गलती है l मैंने ही अपनी जिद में इस फूल जैसी बच्ची की जिंदगी खराब कर दी l"
"किसी की कोई गलती नहीं है l बस हालत गलत है l तुम देखना एक ना एक दिन सब ठीक हो जाएगा l" उसके ससुर जी ने सासू मां को हिम्मत देते हुए कहा l
ये दोनों मुम्बई के सबसे बड़े बिज़नेस टाइकून शब्द कपूर के पेरेंट्स ऋषभ और मीरा हैँ और वो लड़की शब्द की पत्नी वाणी है l ये शादी शब्द की मर्जी के खिलाफ हुई थी l दरअसल शब्द किसी और से प्यार करता था पर उसके पेरेंट्स ने ज़ब एक फैमिली फंक्शन मे वाणी को देखा तो उन्हें वो अपने शब्द के लिए एकदम परफेक्ट लगी l शब्द कभी अपने पेरेंट्स के खिलाफ कोई काम नहीं करता था इसलिए ज़ब घरवालों ने उसपर शादी का दवाब डाला तो उसने जबरदस्ती ये शादी कर ली l लेकिन उसकी इस गलती की सज़ा बेचारी वाणी को भुगतनी पड़ रही थी l वाणी एक छोटे शहर की थी पर फिर भी वो बहुत खूबसूरत और संस्कारी थी l उसे तो शब्द से पहली नज़र मे ही प्यार हो गया था पर शब्द ... शादी के 6 महीनो के बाद भी उसने अब तक वाणी से बात करना तो दूर उसकी तरफ नज़र उठाकर भी नहीं देखा था l
रात के 12 बज रहे थे l वाणी खाने की टेबल पर बैठ कर अब तक शब्द का इंतज़ार कर रही थी l घर के बाकी लोग खाना खाकर सो चुके थे पर वाणी ने उनकी ज़िद के बाद भी खाना नहीं खाया था और ये कोई नई बात भी नहीं थी l वाणी हमेशा शब्द को खिलाने के बाद ही खाना खाती थी l कई बार तो शब्द बाहर से ही खाके आता था पर वाणी फिर भी रोज उसका इंतजार करती थी l कई बार तो वो वेट करते करते भूखी ही सो जाती थी l आज भी कुछ ऐसा ही हुआ l वाणी अकेले काफ़ी बोर हो रही थी इसलिए उसे पता भी नहीं चला कि कब उसे भी नींद आ गई l
वाणी की आंख लगे अभी 15 मिनट ही हुए थे कि दरवाज़े की घंटी बजी l किसी नौकर ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि शब्द था l अंदर आते ही शब्द ने देखा कि डाइनिंग टेबल पर वाणी सोइ हुई है l शब्द उसे नज़रअंदाज़ करके अपने कमरे मे आ गया l वो आज भी खाना खाकर ही आया था इसलिए सीधे बेड पर जाकर सो गया l नौकर ने वाणी को जगाया तो वाणी घबराकर
उठ गई और एक प्लेट मे शब्द के लिए खाना लेकर जैसे ही कमरे मे पहुंची तो देखा कि वो सो चुका है l वाणी आज फिर उदास होकर प्लेट साइड मे रखकर भूखी ही सोफे पर जाकर सो गई l
सुबह जैसे ही शब्द का अलार्म बजा वो फ़ौरन उठ कर बैठ गया l ना चाहते हुए भी उसकी नज़र सामने सोफे पर गई l वाणी आज फिर उसके जगने से पहले ही जगकर अपने रूटीन वर्क मे लग गई थी l
शब्द ने भी उठ कर अपने जूते पहने और फिर जॉगिंग के लिए निकल गया l उसके वापस आने से पहले ही वाणी ने जल्दी से उसका प्रोटीन शेक बनाकर उसके जिम बैग मे रख दिआ l जॉगिंग से वापस आते ही तुरंत जिम चला गया l उसके जाते ही वाणी ने कमरे मे आकर उसके कपड़े आयरन करके बेड पर रख दिए और ये जानते हुए भी कि वो आज भी ब्रेकफास्ट नहीं करेगा वाणी उसके लिए ब्रेकफास्ट बनाने लगी l
शब्द अपने schedule का बहुत पक्का था l रात मे घर चाहे जितनी भी देरी से आये पर सुबह ठीक 6 बजे उठ जाता था और फिर नियमित रूप से जॉगिंग और एक्सरसाइज करता था l उसकी इसी आदत की वजह से वो शारीरिक रूप से भी फिट और स्ट्रांग था l वैसे शब्द दिल का भी बुरा नहीं था l अपने पेरेंट्स की बहुत इज़्ज़त करता था l इतने एस्टेब्लिश्ड होने के बाद भी वो आज तक कभी उनके किसी भी फैसले के खिलाफ नहीं गया था पर इस जबरदस्ती की शादी ने उसे बहुत बुरा बना दिआ था l वो इस शादी को मानता ही नहीं था इसलिए आज भी एक बेचलर की ज़िन्दगी जीता था और इसीलिए वो वाणी को लेकर कोई जिम्मेदारी लेना ही नहीं चाहता था l वाणी उसे उसके पेरेंट्स की ज़िम्मेदारी लगती थी क्योकि उसे इस घर मे वही लोग लेके आये थे l
शादी से पहले तक शब्द शहर का मोस्ट एलिजिबल बेचलर था l लाखो लड़कियां मरती थी उसपर पर वो सिर्फ़ एक लड़की पर "क्रिस्टल"! बहुत प्यारी थी क्रिस्टल और वो शब्द से बहुत प्यार भी करती थी l ऑफिस मे शब्द की "P.A." थी l उसे डाटते डाटते शब्द कब उससे प्यार करने लगा उसे खुद भी नहीं पता चला l लेकिन ज़ब उसने ये बट अपने पेरेंट्स को बताई तो वो इस रिश्ते के लिए राज़ी नहीं हुए क्योकि क्रिस्टल क्रिस्चियन थी और फिर वही लोग ,समाज , स्टेटस , सोसाइटी के डर ने एक और प्यार करने वाले जोड़े को अलग कर दिआ l अपने पेरेंट्स की खुशी के लिए शब्द उस बेचारी की नज़रो मे विलन बन गया l शब्द से धोखा खाने के बाद क्रिस्टल मुंबई छोड़ कर चली गई पर उसकी यादो ने शब्द को पूरी तरह से कैद कर लिया l जिसके चलते शब्द किसी और लड़की की तरफ नज़र उठाकर देखता ही नहीं था l उसके दिल मे अभी भी सिर्फ़ क्रिस्टल ही थी l देखा जाए तो शब्द का गुस्सा एकदम ज़ायज़ था पर वो अपना गुस्सा निकल गलत जगह रहा था l इन सब मे बेचारी वाणी की कोई गलती नहीं थी पर इन सब मे सबसे ज्यादा तकलीफ उसे ही हो रही थी l