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प्रेम कविता

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नए रिश्ते की ये नई डगर दोनों है अजनबी है ये एक अनजान सफ़र थामकर एक दूजे हाथ चलो चलते हम साथ लेकर संग ख़्वाबों का नगर प्यार बनाए ये अनजान सफ़र रिश्ते के इस सफर पर निकलते है एक दूजे को जान जाए कुछ ऐ

सोचा ना प्यार कि राह में ये मोड़ भी आएगा ताउम्र हमकदम बनकर चलने का वादा करने वाला हमसफ़र बीच सफ़र में छोड़ जाएगा दिल में रहकर दिल की धड़कन बनकर वो ही एक दिन प्यार भरा दिल तोड़ जाएगा एक लम्हा दूर न

रुसवाइयों का काफ़िला है वफाओं की मिली सजा है इस महफिल मे कभी आकर देखना तनहाई में भी उसी की यादों का मेला है सांझ ढली सूरज डूबता गया तन्हाइयों का कारवां बढ़ा जिंदगी का अब ये सिलसिला है उनके ख़यालो

जमाने के डर कर बदल ना जाए तू कहीं इश्क के ख़्वाब मुक्कमल होने से पहले ही बिखर ना जाए कहीं चाहत की गहराई से रह ना जाए तू बेखबर कहीं चाहत का असर खो ना जाए कहीं उतर गई तेरी मुहब्बत के सागर में किनारे त

तुम दिल के करीब आकरदूर चले गएसाथ मेरा छोड़कर तन्हा कर गएदिल के दर्द से तुम अनजानजख्म ना भरने वाले दे गएउससे दिल लगाने कीसजा कुछ यूं पा गएदर्द और तन्हाई को हम भा गएबेवफाई से जो कभी फुर्सततुम ये जरूर बत

तेरी आगोश में आकर पिघल जाते हैदिल के अरमान भी मचल जाते हैहर तेरे साथ मिले राहत कातेरी दीवानी मैं असर है ये तेरी चाहत काजानें कितने ख्वाब सजाएं ये मनतेरी मुहब्बत की तपिश की कैसी ये अगनअधर है खामोश , दि

तेरा मेरा साथ होना नसीब नहीं पर ये ना समझना तू मेरे करीब नहीं माना तुमसे मिलकर बिछड़ गए सच मानो चंद लम्हों की मुहब्बत में भी हम निखर गए तेरे आंखो में बेशुमार प्यार जो दिखा बिछड़कर भी ना भूले मुहब्बत क

मेरी अधूरी मुहब्बत की कहानी कावो अहम किस्साहां मेरी जिंदगी वो मेरी चाहतों का हिस्सागगन में सबसे चमकता वो टिमटिमाता सिताराहां सजाया जतन से वो मुहब्बत का ख़्वाब हमाराझिलमिल करता जाने जब आसमां से टूट के

तेरी  मुहब्बत में सनम अजीब सा हाल हैचांद मेरे सिरहाने तस्वीर तेरी आसमान में सजती कमाल है सितारें सारे आंखो में जगमगाते बनकर ख्याल हैतुमसे दूरी में आंखो के आंसू आसमां सेबरसे बेमिसाल हैआं

तेरे ख्यालों  में कुछ यू गुम हो जाए मेरे वजूद के हर ज़र्रे मे तेरा अक्स मिल जाए मेरी मुहब्बत मेरी चाहत का ना  हिसाब दे पाए आंखो मे सूरत तेरी दिल ने अनगिनत ख़्वाब है सजाए तेरे इश्क के रंग मे इस कदर र

आज भी नहीं बदले मेरे एहसास तलाशती हूं तुम्हे अपने आस पास हूं हैरान करूं कहा कहा तुम्हे तलाश बदले नहीं आज भी मेरे एहसास तलाशती हूं तुम्हे अपनी ही अनकही  बातों में कभी तलाशती खामोश नज़रों में बसती आ

वो बेवफ़ा मुहब्बत तुम्हारी एक छलावा तुम्हारा प्यार झूठी कसमें वादे तुम्हारे झूठा निकला मेरा  एतबार ख्वाब जाने कितने हम सजाते रहे अपने दिल को बह लाते रहे था दिखावे का तेरे मुहब्बत का संसार मन में तुम्ह

कोरे कागज़ सा था मनउम्मीदों की थामी थी कलमबेरहम वो दिलबरदर्द बेहिसाब लिख गयाख्वाहिशों फिर दफनायाइश्क ने कुछ इस तरह आजमायाहर तरफ से बेजार हुएउसे जिंदगी क्या बनायावजूद पर अपने सवाल जख्म पायाबीच मझधार मे

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