प्रेम का गुणगान संत-महात्मा, विद्वान सभी ने किया है।
मीरा ने तो प्रेम में हंसते-हंसते ज़हर भी पी लिया।
प्यार सुगंध है और प्यार में ही दुनिया के सारे रंग है।
जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव,
कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव,
एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें,
पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए,
जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं,
सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं,
यदि पसंद आये तो हौस