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प्रेम

3 जून 2022

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रचनाएँ
❤प्रेम❤
5.0
प्रेम का गुणगान संत-महात्मा, विद्वान सभी ने किया है। मीरा ने तो प्रेम में हंसते-हंसते ज़हर भी पी लिया। प्यार सुगंध है और प्यार में ही दुनिया के सारे रंग है।
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प्रेम क्या होता है?

7 दिसम्बर 2021
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3
1

<div align="left"><p dir="ltr"><i><b>प्रेम क्या होता है.........</b></i><br> <i><b>यह किसी उम्र का&n

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स्त्री से प्रेम

7 दिसम्बर 2021
9
6
2

<div align="left"><p dir="ltr"><i><b>मैं नहीं चाहता </b></i><br> <i><b>स्त्री से प्रेम सच्चा हो </b>

3

प्रेम

7 दिसम्बर 2021
3
3
1

<div align="left"><p dir="ltr"><i><b>अगर प्रेम को निभाओगे तो </b></i><br> <i><b>पूरी जिंदगी कम लगती

4

एहसासों से प्रेम

8 दिसम्बर 2021
4
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1

<div align="left"><p dir="ltr">तुम्हारे एहसासों से प्रेम किया है मैंने <br> तुम्हारे हर एक सांसों से

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प्रेम

9 दिसम्बर 2021
3
2
1

<div align="left"><p dir="ltr"><i><b>तस्वीर देखने से</b></i><br> <i><b>कभी किसी की</b></i><br> <i><b

6

प्रेम

12 दिसम्बर 2021
4
3
2

<div align="left"><p dir="ltr">प्रेम तो मन के सागर की <br> गहराई में छुपा वह मोती है <br> जिसे एक कु

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प्रेम की सीढ़ियां

18 दिसम्बर 2021
4
4
2

<div align="left"><p dir="ltr"><b><i>"प्रेम की पांच सीढ़ियां है, </i></b></p> <p dir="ltr"><b><i>🥀"

8

प्रेम

22 दिसम्बर 2021
2
2
1

<div align="left"><p dir="ltr"><b><i>प्रेम झंकार है </i></b><br> <b><i>जो कानों में बजती है </i></b>

9

प्रेम

26 दिसम्बर 2021
7
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3

<div align="left"><p dir="ltr"><b><i>कोई भी व्यक्ति तुम्हारे पास </i></b><br> <b><i>तीन कारणों से आत

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प्रेम

6 जनवरी 2022
4
3
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प्रेम मुलाकात नहीं चाहता प्रेम चाहत एहसास चाहता है सुकूँ चाहता है तुम्हें चाहता है तुमसे होकर जो गुजरे वो एहसास कशिश चाहता है प्रेम में मिलना ज़रूरी नहीं होता ज़रूरी होता है प्रेम का मिलना

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प्रभुप्रेम

11 जनवरी 2022
2
3
1

मैं प्रभु को माला पहनाउं पुलक पुलक निज रोमरोम को फूला -फूल बनाऊं श्रद्धा की सुचि पंखुड़ियां हों प्रेम-भक्ति की लाली स्वांस सुरभि हो प्रभु नाम की मधुपावलि-मतवाली स्मृतियों की पावन डोरी आंसू के हो

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अधुरा प्रेम

10 फरवरी 2022
3
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2

दूरियां इतनी बढ़ जाएंगी हमें मालूम ना था वो वफा से बेवफा बन जाएंगे हमें मालूम ना था हम उनके लिए पागल हो जाएंगे हमें मालूम ना था जो अपना चेहरा हमारी आँखों में देखते थे वो आईना बदल लेंगे हमें

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प्रेम

10 अप्रैल 2022
3
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1

प्रेम ही परमात्मा प्रेम ही संसार है ... प्रेम ही किनारा है प्रेम ही मझधार है ... प्रेम ही इस पार है &n

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प्रेम

13 अप्रैल 2022
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प्रेम डोर ऐसी जिसकी ना कोई पतवार ना भूख रहे ना प्यास लगे अजीब सा यह व्यवहार... प्रेम रंग ऐसा जिसका ना कोई रंग ना भेद दिल की उपज है ऐसी देखे न फिर कोई भेष सोच समझकर ढूंढना यारों यह संसार निराल

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तुम

14 मई 2022
1
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तुम सूरज , रौशनी मैं तुम्हारी , तुम संगीत , हर सुर-ताल मैं तुम्हारी, तुम मन, एहसास मैं तुम्हारी, तुम कवि , कविता मैं तुम्हारी, तुम शब्द, कलम मैं तुम्हारी, तुम कान्हा , राधा मैं तुम्हारी ,

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प्रेम

3 जून 2022
1
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मैंने तुम्हारी सादगी से प्रेम किया, यह वह हीरा है जिसे पाकर मैं स्वर्णिम हो गई........... 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 मैंने तुम्हारी उत्कृष्टता से प्रेम किया, यह वह दीप्ति है जिसे पाकर मैं प्रेममय हो गई

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प्रेम

1 जुलाई 2022
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यदि प्रेम जग में नहीं होता तो मिलते सीता राम कहां अगर प्रेम का रोग नहीं लगा होता तो मिलते राधा श्याम कहां....... नफरत की इस दुनिया में प्रेम सी सुंदर छाँव कहां नफरत जैसा नहीं विराना

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प्रेम

8 अगस्त 2022
1
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प्रेम आदर है, सत्कार है और है अच्छा व्यवहार जो सच्ची राह दिखाएं जिसमें झलके अच्छे संस्कार प्रेम चाहत है पूजा है जो है पूर्ण शाश्वत दानव क्या देवी भी तरसे जिसके लिए जो बदलते सब के वक्त जि

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