ख़ामोशी की भाषा है प्रेम
मन की अभिलाषा है प्रेम
अंखियों की मोती है प्रेम
जीवन की ज्योति है प्रेम।
ठंडी हवा का झोंका है प्रेम
बारिश का झरोखा है प्रेम
वसंत का है मौसम प्रेम
होठों का है सरगम प्रेम।
सूरज की लाली है प्रेम
खेतों की हरियाली है प्रेम
दीयों से सजी दिवाली है प्रेम
अमिया की डाली है प्रेम।
चिड़ियों का चहचहाना है प्रेम
शाम का ढल जाना है प्रेम
त्योहारों का आना है प्रेम
खुलकर मुस्काना है प्रेम।
नदियों की धारा है प्रेम
जीवन का सहारा है प्रेम
जग में सबसे ऊपर है प्रेम
मानव का परमेश्वर है प्रेम।
निशा कैलाश पटेल