अधिकार सार्वभौमिक सत्ता सर्वत्र प्रभुत्व सदा विजय सबके द्वारा अनुमोदन मेरी अधीनता सब हो मात्र मेरा कर्तव्य गुलामी दायित्व ही दायित्व झुका शीश हो मात्र तुम्हारा मेरे हर अध
ये तो सभी जानते हैं कि यदि पति या पिता अपनी पत्नी या सन्तान का भरण पोषण नहीं करते तो वे गुजारा भत्ता मांग सकते हैं किन्तु ये कुछ ही लोग जानते होंगे कि पति भी गुजारा भत्ता मांग सकता है और हिन्दू वि
राजनीति का सुनहरा आकाश हो या बिजनेस का चमकीला गगन ,अंतरिक्ष का वैज्ञानिक सफर हो या खेत -खलिहान का हरा-भरा आँगन ,हर जगह आज की नारी अपनी चमक बिखेर रही है ,अपनी सफलता का परचम लहरा रही है .आज घर की दहलीज को पार कर बाहर निकल अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने वाली महिलाओं की संख्
पुरुष का प्रेम समुंदर सा होता है..गहरा, अथाह..पर वेगपूर्ण लहर के समान उतावला। हर बार तट तक आता है, स्त्री को खींचने, स्त्री शांत है मंथन करती है, पहले ख़ुद को बचाती है इस प्रेम के वेग से.. झट से साथ मे नहीं बहती। पर जब देखती है लहर को उसी वेग से बार बार आते तो समर्पित हो जाती है समुंदर में गहराई तक,
पुरुषों के वीर्य में तरलता
19 नवम्बर अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस ‘भारत में’ ? डॉ शोभा भारद्वाज 19 नवम्बर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने का चलन 1960 से चल रहा है | पुरूष दिवस की विशेष रूप से शुरुआत त्रिनिदाद एवं टोबागो में की गयी थी अब यह 70 देशों में मनाया जाता है भारत में भी 19 नवम्बर 2007 के दिन सेव इंडियन
दुनिया में हर पुरुष चाहता होगा की वो आकर्षित दिखे, आज हम आपको बताते हैं की महिलाओं के सामने आकर्षण का केंद्र कैसे बनें |दुनिया में शायद ही कुछ लोग ऐसे होंगे जो चाहते होंगे की वो आकर्षण का केंद्र ना बनें, कोई उन्हें देखे ना या कोई उ
90% पुरूषो को ही हार्ट अटैक क्युं आते हैं ? मेरा जबाब- कई वज्ह है : हिचकिचाहट, घबराहट, उनका नाकामयाबी का डर, लोग क्या कहेगे, उनका ईगो, शर्मिन्द्गी, परिवार को क्या लगेगा, उन्हें क्युं परेशान करे , मर्दानिगी को ठेस पहुचेगी ...आदि... सबके साथ अलग अलग स्थिति होती हैं !! सबसे बडा होता है उनका ईगो, कि ह
नदी को लगता हैकितना आसान हैसमंदर होनाअपनी गहराइयों के साथझूलते रहना मौजों परन शैलों से टकरानान शूलों से गुजरनान पर्वतों की कठोर छातियों को चीरकररास्ता बनानापर नदी नहीं जानती हैसमंदर की बेचैनी कोउसकी तड़प और उसकी प्यास कोकितना मुश्किल होता हैखारेपन के साथ एक पल भी जीनासमंदर हमेशा रहता हैप्यासाऔर भटकता