यह पंक्तियां माखनलाल चतुर्वेदी जी की पुष्प की अभिलाषा से अभिप्रेरित है बिलासपुर की पुण्य धरा पर रहकर यह कविता और भी सुंदर हो जाती है और इसपर लिखने का मन होना नैसर्गिक है :
यह पुस्तक एक कविता संग्रह है ।
यह पुस्तक मेरे द्वारा अनुभव किये गए जिंदगी के कुछ वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है और कुछ काल्पनिक प्रसंगों का चित्रण कविताओं के माध्यम से करने का प्रयास किया है । कवितायें मुखयतः छंदमुक्त है और सरल भाषा में लिखने का प्रयास किया है । कोशिश है कि जब भी आप पढ़ें आपको इन कविताओं से जुड़ाव महसूस हो , यदि ऐसा संभव होता है तो मेरी कोशिश सफल होगी 😊।