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पुष्प अभिलाषा

15 सितम्बर 2021

50 बार देखा गया 50
यह पंक्तियां माखनलाल चतुर्वेदी जी की पुष्प की अभिलाषा से अभिप्रेरित है बिलासपुर की पुण्य धरा पर रहकर यह कविता और भी सुंदर हो जाती है और इसपर लिखने का मन होना नैसर्गिक है : 


चाहा नही मैं बेबस सी होकर
पार्थिव शरीर पर चढ़ाया जाऊं
हर गले का हार बनूं मैं 
खुश होकर संग हरषाऊँ

चाह ये मेरी हर घर के
आँगन को खुशबू से महकाऊं
जो प्रेम के रस में घुल कर के
मैं प्रेमी को करीब लाऊँ

चाह ये है कि ताज सा बैठ 
चढ़ सौंदर्य को बढ़ाता जाऊं
हर स्त्री हर नर के सिर पर
केशों सा सजाता जाऊं

....."रूप"....

31 दिसम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

31 दिसम्बर 2021

बहुत बहुत आभार आपका मैम 😊💐💐💐

Jyoti

Jyoti

👌👌

30 दिसम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

31 दिसम्बर 2021

😊💐💐💐

Anita Singh

Anita Singh

सुन्दर

27 दिसम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

31 दिसम्बर 2021

बहुत बहुत आभार आपका मैम 😊💐💐

Ayansh

Ayansh

बहुत सुंदर💐💐👌👌

6 नवम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

7 नवम्बर 2021

धन्यवाद भाई 😊😊😊💐💐💐

Pawan Pandit

Pawan Pandit

बहुत खूब

18 सितम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

19 सितम्बर 2021

बहुत बहुत शुक्रिया आपका 😊💐💐💐

15 सितम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

15 सितम्बर 2021

बहुत बहुत आभार सर

21
रचनाएँ
रूप की डायरी - 2
5.0
यह पुस्तक एक कविता संग्रह है । यह पुस्तक मेरे द्वारा अनुभव किये गए जिंदगी के कुछ वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है और कुछ काल्पनिक प्रसंगों का चित्रण कविताओं के माध्यम से करने का प्रयास किया है । कवितायें मुखयतः छंदमुक्त है और सरल भाषा में लिखने का प्रयास किया है । कोशिश है कि जब भी आप पढ़ें आपको इन कविताओं से जुड़ाव महसूस हो , यदि ऐसा संभव होता है तो मेरी कोशिश सफल होगी 😊।
1

मेरा बचपन

15 सितम्बर 2021
15
15
9

<p><strong>ये जो है अन्दर छुपा मेरे</strong></p> <p><strong>मेरा बचपन</strong></p> <p><strong>ना मैं

2

संग अपने मोहब्बत रखता हूँ

15 सितम्बर 2021
10
11
14

<div><div><b>जमाने से है दिल बेखबर पर </b></div><div><b>मन किताब में सबके खत रखता हूँ।</b

3

पुष्प अभिलाषा

15 सितम्बर 2021
12
10
12

<div>यह पंक्तियां माखनलाल चतुर्वेदी जी की पुष्प की अभिलाषा से अभिप्रेरित है बिलासपुर की पुण्य धरा पर

4

रूप का पैगाम

16 सितम्बर 2021
7
12
10

<p><b>अक्सर गिराकर उठाती है</b></p><p><b>जिन्दगी का ये इम्तेहान देखो ।</b></p><p><b><br></b></p><p><

5

इश्क़

18 सितम्बर 2021
7
9
6

<div><br></div><div><b><br></b></div><div><b>ये जो है सारे इल्ज़ामात गलत है</b></div><div><b>कह दो उन

6

समझ में नहीं आता

25 सितम्बर 2021
6
6
3

<div><br></div><div>उसे बहुत पसंद है वो</div><div>पर उससे मोहब्बत नहीं</div><div>कुछ रिश्तों का हिसा

7

कोई बताता नहीं है

30 सितम्बर 2021
5
6
5

<div><b>हर कोई जान लेता है सब राज मेरा </b></div><div><b>एक अपना राज कोई बताता नहीं है</b></div

8

कहीं और चलते हैं

30 सितम्बर 2021
4
6
5

<div><b><br></b></div><div><b>चलो चलते हैं रूप कहीं और </b></div><div><b>इन रात की गलियों से दू

9

बदल जाता है

30 सितम्बर 2021
5
6
8

<div><b><i>काम के बाद </i></b></div><div><b><i>हर शख्स बदल जाता है</i></b></div><div><b><i>नाम

10

रूठ गए

30 सितम्बर 2021
6
6
5

<div><b><i>जो मुझे जान कर भी</i></b></div><div><b><i>मेरे रूठने से रूठ गए तुम</i></b></div><div><b><

11

बरसात आ गयी

30 सितम्बर 2021
5
5
5

<div><b><i><br></i></b></div><div><b><i>कहना तो नहीं था उससे कुछ भी मगर,</i></b></div><div><b><i>फिर

12

जिंदगी जीने का हुनर

4 अक्टूबर 2021
4
6
1

<div><b><i><br></i></b></div><div><b><i>इस हुनर से अभी अंजान हूँ</i></b></div><div><b><i>दुनियादारी

13

जमाने से सीखा है

12 अक्टूबर 2021
6
7
7

<div><b><i>सीखा बहुत कुछ है </i></b></div><div><b><i>अपनों से और जमाने से ,</i></b></div>

14

इंतेज़ार

13 अक्टूबर 2021
5
6
3

<div><b><i>तुम्हे वक्त नहीं है मिलने का मीरे चौखट जहाँ</i></b></div><div><b><i>मैं छलकते पैमाने पर त

15

एक सेल्फ़ी

13 अक्टूबर 2021
6
6
5

<div><b><i>जुग बीता जुग जीता</i></b></div><div><b><i>तस्वीर बदलनी चाहिए</i></b></div><div><b><i>तरीक

16

असफलता की कहानी

14 अक्टूबर 2021
5
6
5

<div><div><b><i>लिखूँगा असफलताओं की कहानी ,</i></b></div><div><b><i>सफल नहीं तो क्या असफल तो हैं ।</

17

सफर पर चल

15 अक्टूबर 2021
5
4
7

<div><b><i>चल मेरे संग सफर पर चल </i></b></div><div><b><i>यार मेरे हमनवां थोड़ा घर से निकल</i></

18

जिंदगी कैसी बला

22 अक्टूबर 2021
9
9
9

<div><b>जमाने की चाल से बिल्कुल अलग चला </b></div><div><b>अकेलेपन का इक अहसास जो ख़ूब खला</b></d

19

बेगुनाह

24 अक्टूबर 2021
7
7
7

<div><b><i>मुमकिन नहीं कि </i></b></div><div><b><i>सबको लगूं बेगुनाह,</i></b></div><div><b><i><

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सब सब जाने हैं

9 नवम्बर 2021
4
6
9

<div><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/6137af9c1b261a4f85c9bd91_1636480088

21

नया साल

31 दिसम्बर 2021
3
3
4

<div>थोड़ी रहमत थोड़ी नजाकत</div><div> कुछ तो नया मेरा कर दे मौला</div><div> ये पुराना भी तो</div><div> कुछ दिए जा रहा है ।</div><div> हो खुशी ह

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