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संग अपने मोहब्बत रखता हूँ

15 सितम्बर 2021

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जमाने से है दिल बेखबर  पर 
मन किताब में सबके खत रखता हूँ।

जो मेरा दुश्मन है वो भी दोस्त है
मैं किसी से नहीं नफरत रखता हूँ।

जो ना भाये किसी को लफ्ज़ मेरे
दूरी उनसे कुछ हद रखता हूँ।

क्या देंगे जमाने को बदले में "रूप"
मैं संग अपने मोहब्बत रखता हूँ।।
*रूप*
रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बहुत बढिया 👌 👌

31 दिसम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

31 दिसम्बर 2021

हृदय तल से आभार आपका मैम 😊💐💐

Jyoti

Jyoti

👍

30 दिसम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

31 दिसम्बर 2021

😊💐💐💐

Anita Singh

Anita Singh

बढ़िया

27 दिसम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

31 दिसम्बर 2021

बहुत बहुत शुक्रिया मैम 😊💐

Ayansh

Ayansh

मैं संग अपने मोहब्बत रखता हूँ वाह क्या बात कही 👌👌👌

6 नवम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

7 नवम्बर 2021

धन्यवाद भाई 😊😊😊💐💐💐

पूनम साहू

पूनम साहू

wah wah wah🤗kmaal ki lines

19 सितम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

19 सितम्बर 2021

Thank you so much 😊☺️💐💐

Pawan Pandit

Pawan Pandit

बहुत खूब

18 सितम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

19 सितम्बर 2021

हृदय से आभार आपका 😊💐

प्रशाली जैन

प्रशाली जैन

<3 सुन्दर

16 सितम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

16 सितम्बर 2021

नवाज़िश ए शुक्रिया 😊😊💐💐

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रचनाएँ
रूप की डायरी - 2
5.0
यह पुस्तक एक कविता संग्रह है । यह पुस्तक मेरे द्वारा अनुभव किये गए जिंदगी के कुछ वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है और कुछ काल्पनिक प्रसंगों का चित्रण कविताओं के माध्यम से करने का प्रयास किया है । कवितायें मुखयतः छंदमुक्त है और सरल भाषा में लिखने का प्रयास किया है । कोशिश है कि जब भी आप पढ़ें आपको इन कविताओं से जुड़ाव महसूस हो , यदि ऐसा संभव होता है तो मेरी कोशिश सफल होगी 😊।
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मेरा बचपन

15 सितम्बर 2021
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<p><strong>ये जो है अन्दर छुपा मेरे</strong></p> <p><strong>मेरा बचपन</strong></p> <p><strong>ना मैं

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संग अपने मोहब्बत रखता हूँ

15 सितम्बर 2021
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<div><div><b>जमाने से है दिल बेखबर पर </b></div><div><b>मन किताब में सबके खत रखता हूँ।</b

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पुष्प अभिलाषा

15 सितम्बर 2021
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<div>यह पंक्तियां माखनलाल चतुर्वेदी जी की पुष्प की अभिलाषा से अभिप्रेरित है बिलासपुर की पुण्य धरा पर

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रूप का पैगाम

16 सितम्बर 2021
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<p><b>अक्सर गिराकर उठाती है</b></p><p><b>जिन्दगी का ये इम्तेहान देखो ।</b></p><p><b><br></b></p><p><

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इश्क़

18 सितम्बर 2021
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समझ में नहीं आता

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कोई बताता नहीं है

30 सितम्बर 2021
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<div><b>हर कोई जान लेता है सब राज मेरा </b></div><div><b>एक अपना राज कोई बताता नहीं है</b></div

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कहीं और चलते हैं

30 सितम्बर 2021
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बदल जाता है

30 सितम्बर 2021
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रूठ गए

30 सितम्बर 2021
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<div><b><i>जो मुझे जान कर भी</i></b></div><div><b><i>मेरे रूठने से रूठ गए तुम</i></b></div><div><b><

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बरसात आ गयी

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जिंदगी जीने का हुनर

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जमाने से सीखा है

12 अक्टूबर 2021
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इंतेज़ार

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एक सेल्फ़ी

13 अक्टूबर 2021
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<div><b><i>जुग बीता जुग जीता</i></b></div><div><b><i>तस्वीर बदलनी चाहिए</i></b></div><div><b><i>तरीक

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<div><div><b><i>लिखूँगा असफलताओं की कहानी ,</i></b></div><div><b><i>सफल नहीं तो क्या असफल तो हैं ।</

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सफर पर चल

15 अक्टूबर 2021
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<div><b><i>चल मेरे संग सफर पर चल </i></b></div><div><b><i>यार मेरे हमनवां थोड़ा घर से निकल</i></

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जिंदगी कैसी बला

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<div><b>जमाने की चाल से बिल्कुल अलग चला </b></div><div><b>अकेलेपन का इक अहसास जो ख़ूब खला</b></d

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बेगुनाह

24 अक्टूबर 2021
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<div><b><i>मुमकिन नहीं कि </i></b></div><div><b><i>सबको लगूं बेगुनाह,</i></b></div><div><b><i><

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सब सब जाने हैं

9 नवम्बर 2021
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नया साल

31 दिसम्बर 2021
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<div>थोड़ी रहमत थोड़ी नजाकत</div><div> कुछ तो नया मेरा कर दे मौला</div><div> ये पुराना भी तो</div><div> कुछ दिए जा रहा है ।</div><div> हो खुशी ह

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