प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के साथ 11 से 14 मई तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के 25वें वर्ष के समारोह का प्रारंभ भी हुआ। इस गौरवपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री ने 5800 करोड़ रुपये से अधिक की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति से जुड़ी अनेक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित कीं। यह देश में वैज्ञानिक संस्थानों को मज़बूत बनाने के प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है।
जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई, उनमें लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया (एलआईजीओ-इंडिया), हिंगोली; होमी भाभा कैंसर एंड रिसर्च सेंटर, जतनी, ओड़िशा तथा टाटा मेमोरियल हॉस्पीटल मुंबई का प्लैटीनम जुबली ब्लॉक शामिल हैं।
राष्ट्र को समर्पित परियोजनाओं में फीशन मोलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा, मुंबई; रेयर अर्थ पर्मानेंट मैग्नेट प्लांट, विशाखापत्तनम; नेशनल हैड्रॉन बीम थेरेपी सुविधा, नवी मुंबई; रेडियोलॉजिकल रिसर्च यूनिट, नवी मुंबई; होमी भाभा कैंसर हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर, विशाखापत्तनम; तथा वूमेन एंड चिल्ड्रन कैंसर हॉस्पीटल बिल्डिंग नवी मुंबई शामिल हैं।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत में हाल की वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकी प्रगति दिखा रहे एक्सपो का भी उद्घाटन किया और एक्सपो को देखा। उन्होंने इस अवसर पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।
प्रधानमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 11 मई भारत के इतिहास के सर्वाधिक प्रतिष्ठित दिनों में से एक है। उन्होंने कहा कि आज वह दिन है जब भारत के वैज्ञानिकों ने एक शानदार उपलब्धि प्राप्त की, जिसने पूरे देश को गौरवान्वित किया। प्रधानमंत्री ने कहा—“मैं उस दिन को नहीं भूल सकता जब अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी।” उन्होंने कहा कि पोखरण परमाणु परीक्षण ने न केवल भारत को अपनी वैज्ञानिक क्षमताओं को सिद्ध करने में सहायता की, बल्कि राष्ट्र के वैश्विक कद को भी बढ़ावा दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जी के शब्दों में कहूं तो- “अपनी यात्रा में हम कभी रुके नहीं और कभी भी अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती के सामने समर्पण नहीं किया।” प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर प्रत्येक नागरिक को बधाई दी। और भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) हर साल 11 मई को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को मनाने के लिए मनाया जाता है. आज 11 मई को, देश अपना 32वां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मना रहा है जो कि उपमहाद्वीप की तकनीकी प्रगति की याद दिलाता है.
इस दिन 1998 में जब भारत ने राजस्थान में पोखरण टेस्ट रेंज में शक्ति-I परमाणु मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, तब इसकी सफलता का क्षण था. ऑपरेशन का नेतृत्व दिवंगत राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था. अगले दिनों में, देश ने ऑपरेशन शक्ति पहल के तहत कुछ और परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किए. इन परीक्षणों के बाद, दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को एक परमाणु राज्य घोषित किया, जो परमाणु शक्ति वाले देशों में शामिल होने वाला छठा देश बन गया.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारत की सतह से हवा में मार करने वाली त्रिशूल मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण भी आज ही के दिन किया था. इसके सफल परीक्षण के बाद मिसाइल को भारतीय सेना और एयरफोर्स में जोड़ा गया और यह भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में आया. इन सभी तकनीकी प्रगति को एक ही दिन में पूरा होने के साथ, भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (नेशनल टेक्नोलॉजी डे) के रूप में घोषित किया.
हमारा भारत प्रगतिशील और विकास के साथ बहुत तेजी से बढ़ रहा हैं।