shabd-logo

सबसे झूठा कौन

29 जनवरी 2022

37 बार देखा गया 37

झज्जर के नवाब युद्ध लड़ने के लिए कई महीनों से बाहर गए थे। उनकी अनुपस्थिति में उनके छोटे भाई - छोटे नवाब ही राज-पाट का सारा काम संभालते थे।
नवाब साहब धीरे- धीरे करके शेख चिल्ली को चाहने लगे थे। उन्हें उसकी सरलता में आनंद आता था। परंतु छोटे नवाब शेख चिल्ली को पूरी तरह बेवकूफ और कामचोर मानते थे। एक दिन उन्होंने भरी सभा में शेख चिल्ली को डांटा और उसका अपमान किया।
''एक अच्छा आदमी बताए हुए काम से भी कहीं ज्यादा काम करता है और एक तुम हो जो सरल से काम को भी ठीक ढंग से नहीं कर पाते हो" उन्होंने कहा। ''तुम अस्तबल में घोड़ा लेकर जाते हो पर उसे बांधना भूल जाते हो। तुम जब कोई बोझा उठाते हो तो या तो गिर जाते हो या फिर तुम्हारे पैर लड़खड़ाते हैं! तुम जो काम करते हो उसे ध्यान लगाकर क्यों नहीं करते हो!''
दरबार में कई सदस्यों को यह सुनकर मजा आया। इस दौरान शेख चिल्ली अपना मुंह लटकाए रहा। उसके कुछ दिनों बाद शेख चिल्ली छोटे नवाब के घर के सामने से होकर जा रहा था जब उसे तुरंत अंदर बुलाया गया।
''किसी अच्छे हकीम को बुलाकर लाओ। जल्दी! बेगम काफी बीमार हैं।''
''जी सरकार" शेख चिल्ली ने कहा और आदेश का पालन करने में फटाफट लग गया। थोड़ी ही देर में एक हकीम एक कफन बनाने वाला और दो कब्र खोदने वाले मजूदूर भी वहां पहुंच गए!
''यह सब क्या हो रहा है?'' छोटे नवाब ने गुस्से में पूछा। ''यहां तो कोई मरा नहीं है। मैंने तो सिर्फ एक हकीम को बुला लाने के लिए कहा था। बाकी लोगों को कौन बुलाकर लाया है?''
''मैं सरकार!'' शेख चिल्ली ने कहा। '' आपने ही तो कहा था कि एक अच्छा आदमी बताए गए काम से भी बहुत ज्यादा काम करता है। इसलिए मैंने सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया। अल्लाह करे कि बेगम साहिबा जल्दी से ठीक हो जाएं। पर हारी-बीमारी में क्या हो जाए यह किसे पता!''
छोटे नवाब राज-पाट के काम में ज्यादा रुचि नहीं लेते थे। वो अपना अधिकतर समय शिकार शतरंज या अन्य खेलों को खेलने में बिताते थे। एक दिन उन्होंने एक प्रतियोगिता रखी जिसमें सबसे बडे झूठ बोलने वाले को विजयी घोषित किया जाना था! जीतने वाले को सोने की एक हजार मुहरें भी मिलनी थीं!
कई झूठ बोलने में माहिर लोग इनाम जीतने के लिए सामने आए। एक ने कहा ''सरकार मैंने भैंसों से भी बड़ी चींटियां देखीं हैं जो एक बार में चालीस सेर दूध देती हैं!''
''क्यों नहीं?'' छोटे नवाब ने कहा। ''यह संभव है।''
''सरकार हर रात मैं चंद्रमा तक उड़ते हुए जाता हूं और सुबह होने से पहले ही उड़कर वापिस आ जाता हूं!'' एक अन्य झूठ बोलने वाले ने डींग हांकी।
''हो सकता है" छोटे नवाब ने कहा। ''हो सकता है तुम्हारे पास कोई रहस्यमयी ताकत हो। ''
''सरकार," एक तोंद निकले मोटे आदमी ने कहा ''जबसे मैंने एक तरबूज के कुछ बीज निगले हैं तब से मेरे पेट में छोटे-छोटे तरबूज पैदा हो रहे हैं। जब कोई तरबूज पक जाता है तो वो फूट जाता है और उससे मुझे अपना भोजन मिल जाता है। अब मुझे और कुछ खाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है। ''
''तुमने किसी ताकतवर तरबूज के बीज निगल लिए होंगे" छोटे नवाब ने बिना पलकें झपके कहा।
''सरकार, क्या मुझे भी बोलने की इजाजत है?'' शेख चिल्ली ने पूछा।
''जरूर,'' छोटे नवाब ने ताना कसते हुए कहा। ''तुमसे हम किन प्रतिभाशाली शब्दों की उम्मीद करें?''
''सरकार,'' शेख चिल्ली ने जोर से कहा ''आप इस पूरे राज्य के सबसे बड़े बेवकूफ आदमी हैं! आपको नवाब के सिंहासन पर बैठने का कोई हक नहीं है!''
पूरी राजसभा में सन्नाटा छा गया। तब छोटे नवाब चिल्लाए ''पहरेदारो इस नाचीज को गिरफ्तार कर लो!''
शेख चिल्ली को पकड़ा गया और खींच कर लाया गया।
''निकम्मे बेशरम!'' छोटे नवाब का गुस्सा उबल कर बाहर निकला, ''तुम्हारी यह जुर्रत कैसे हुई! अगर तुमने इसी वक्त हमारे पैरों में गिरकर माफी नहीं मांगी तो तुम्हारा सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा!''
''पर सरकार शेख चिल्ली ने विरोध जताते हुए कहा ''आपने ही तो कहा था कि आप दुनिया का सबसे बड़ा झूठ सुनना चाहते हैं!'' फिर वो निष्कपट भाव से छोटे नवाब को देखने लगा। ''जो कुछ मैंने कहा उससे बड़ा क्या और कोई झूठ हो सकता है?''
छोटे नवाब को समझ में नहीं आया कि क्या करें! क्या शेख चिल्ली अब झूठ बोल रहा है या वो पहले झूठ बोल रहा था? शेख चिल्ली उतना बड़ा बेवकूफ नहीं था जितना छोटे नवाब उसे समझते थे! छोटे नवाब धीमे से हंसे और उन्होंने कहा ''शाबाश! तुम ईनाम जीते!"
सब लोगों ने शेख चिल्ली की अकल को सराहा। वो शान से हजार सोने की मुहरें लेकर घर गया। छोटे नवाब चाहे थोड़े बेवकूफ हों परंतु वो हैं दिलदार शेख ने सोचा।
 

8
रचनाएँ
शेखचिल्ली
0.0
एक बार मियां शेख चिल्ली अपने मित्र के साथ जंगल में लकड़ियाँ कांटने गए। एक बड़ा सा पेड़ देख कर वह दोनों दोस्त उस पर लकड़ियाँ काटने के लिए चढ़ गए। मियां शेख चिल्ली अब लकड़ियाँ काटते-काटते लगे अपनी सोच के घोड़े दौड़ने। उन्होने सोचा कि मै इस जंगल से ढेर सारी लकड़ियाँ काटूँगा।
1

कैसे नाम पड़ा शेखचिल्ली

29 जनवरी 2022
2
0
0

शेखचिल्ली के बारे में यही कहा जाता है कि उसका जन्म किसी गांव में एक गरीब शेख परिवार में हुआ था। पिता बचपन में ही गुजर गए थे, मां ने पाल-पोस कर बड़ा किया। मां सोचती थी कि एक दिन बेटा बड़ा होकर कमाएगा तो

2

बुखार का इलाज

29 जनवरी 2022
0
0
0

शेखचिल्ली अपने घर के बरामदे में बैठे-बैठे खुली आँखों से सपने देख रहे थे। उनके सपनों में एक विशालकाय पतंग उड़ी जा रही और शेखचिल्ली उसके ऊपर सवार थे। कितना आनंद आ रहा था आसमान में उड़ते हुए नीचे देखने में

3

शेखचिल्ली और कुएं की परियां

29 जनवरी 2022
2
0
0

एक गांव में एक सुस्त और कामचोर आदमी रहता था। काम - धाम तो वह कोई करता न था, हां बातें बनाने में बड़ा माहिर था। इसलिए लोग उसे शेखचिल्ली कहकर पुकारते थे। शेखचिल्ली के घर की हालत इतनी खराब थी कि महीने मे

4

सबसे झूठा कौन

29 जनवरी 2022
0
0
0

झज्जर के नवाब युद्ध लड़ने के लिए कई महीनों से बाहर गए थे। उनकी अनुपस्थिति में उनके छोटे भाई - छोटे नवाब ही राज-पाट का सारा काम संभालते थे। नवाब साहब धीरे- धीरे करके शेख चिल्ली को चाहने लगे थे। उन्हें

5

सड़क यहीं रहती है

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक दिन शेखचिल्ली कुछ लड़कों के साथ, अपने कस्बे के बाहर एक पुलिया पर बैठा था। तभी एक सज्जन शहर से आए और लड़कों से पूछने लगे, "क्यों भाई, शेख साहब के घर को कौन-सी सड़क गई है ?" शेखचिल्ली के पिता को सब

6

शेखचिल्ली की खीर

29 जनवरी 2022
0
0
0

शेखचिल्ली पूरा बेवक़ूफ़ था और हमेशा बेवकूफी भरी बातें ही करता था। शेख चिल्ली की माँ उसकी बेवकूफी भरी बातों से बहुत परेशान रहती थी। एक बार शेखचिल्ली ने अपनी माँ से पूछा कि माँ लोग मरते कैसे हैं? अब माँ

7

खयाली पुलाव

29 जनवरी 2022
0
0
0

एक दिन सुबह-सुबह मियां शेख चिल्ली बाज़ार पहुँच गए। बाज़ार से उन्होने अंडे खरीदे और उन अंडों को एक टोकरी नें भर कर अपने सिर पर रख लिया, फिर वह घर की ओर जाने लगे। घर जाते-जाते उन्हे खयाल आया कि अगर इन अंड

8

तेंदुए का शिकार

29 जनवरी 2022
0
0
0

शेख चिल्ली का भाग्य जागा! झज्जर के नवाब ने शेख चिल्ली को नौकरी पर रख लिया था। शेख चिल्ली अब समाज का एक गणमान्य व्यक्ति था। एक दिन नवाब साहब शिकार के लिए जा रहे थे। शेख चिल्ली ने भी साथ आने की विनती क

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए