चीन के लिए विश्व एक बाजार है भारत चीन का बाजार बन गया है डॉ शोभा भारद्वाज एक अक्टूबर 1949 माओत्से तुंग के नेतृत्व में चीन में साम्यवादी गणराज्य की स्थापना हुई अत :जब कम्यूनिस्ट पार्टी अर्थात माओ ने सत्ता सम्भाली देश बेहद गरीब था
हमारे दिन अक्सर उन चीज़ों से भरे होते हैं जो हमें करने पड़ते हैं, और हम जो कुछ करते हैं उससे तनाव और थकावट से खुद को तसल्ली देते हैं… इसलिए हम जो करना चाहते हैं उसे खत्म कर देते हैं।उस बारे में एक सेकंड के लिए सोचें: हमारे दिन चीजों से भरे होते हैं, और आराम करने वाले सामान होते हैं। उन चीजों के लिए
दोनों शब्दों का इन दिनों खूब तालमेल नज़र आ रहा है. मीडिया से लेकर सोशल मीडिया और भारत से लेकर चीन तक इस उहापोह पर कड़ी नज़र भी रखी जा रही है. इस बात में रत्ती भर भी संदेह नहीं होना चाहिए कि वगैर राष्ट्रीय भावना के कोई राष्ट्र लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता और हमारे त्यौहार निश्चित रूप से लोगों को सामाज