चीन के लिए विश्व एक बाजार है भारत चीन का बाजार बन गया है
डॉ शोभा भारद्वाज
एक अक्टूबर 1949 माओत्से तुंग के नेतृत्व में चीन में साम्यवादी गणराज्य की स्थापना हुई अत :जब कम्यूनिस्ट पार्टी अर्थात माओ ने सत्ता सम्भाली देश बेहद गरीब था इनके पास न व्यापार न किसी देश से कोई रिश्ता था चीन को स्वयं अपने आपको सम्भालना था माओ ने कृषि आधारित आर्थिक व्यवस्था के स्थान पर देश के औद्योगीकरण करने की कोशिश की लेकिन यह प्रयोग पूरी तरह असफल रहा देश की हालत बदतर होती गयी | 1959-1961 के बीच अकाल ने चीन के लाखो लोगों की जानें ले ली.वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार तब चीन में भारत से 26 फीसदी ज्यादा गरीब थे गरीबी में चीन के किसान जीने के लिए वृक्षों की चाल उबाल कर खाने लगे मुर्गे के पंजे उबाल कर उसका सूप बना लेते थे धीरे - धीरे हर जानवर हर अंग खाने लगे |
अंत में जो भी जानवर मिल जाता उसी को ले आते घर में ‘हाट पाट’ में पानी और मिर्च डाल कर उबलता रहता घर का व्यक्ति जिस जानवर को मार कर ले लाता था उसी को उबलते पानी में डाल देते उस दिन यही उनका भोजन था | सरकार मजबूर हो गयी जो भी वन्य जीव किसी को मिल जाता वह उसका था सरकार ने उन्हें रोकने से इंकार कर दिया |तभी से हर जानवर उनका भोजन बनता गया हालत सुधरने के बाद भी आदत नहीं सुधरी | मीट के मार्किट बन गये इनमें खाने के लिए हर जानवर लटकता मिल जाता है बाजारों में चूहे, बिल्लियां, सांप कोबरा समेत कुछ दुर्लभ चिड़ियों की प्रजातियां भी बिकती हैं। यहां के रेस्त्रा में मिलने वाले कई सूपों में बाघ और अन्य जीवों के शरीर के अंग शामिल रहते हैं। लोग जानवर का पका मीट रेस्टोरेंट में खाने के शौकीन है कुछ अपने घरों में भी पकाते हैं | चीनी देसी नुख्सों में बहुत विश्वास करते हैं कुछ दुर्लभ प्रजातियों को पिंजड़े में अलग रखा जाता है इन्हे स्वास्थ के लिए अच्छा समझते हैं कुछ जानवरों के गोश्त का इस्तेमाल पारम्परिक दवाईयों के रूप में किया जाता हैं |चीन में उनकी अपनी देशी दवाईयों का बहुत चलन है | चीनी जहाँ भी जाते है उनकी दवाईयां उनके साथ जाती हैं |
मैने सिंगापुर के मैरिना बीच के रेस्टोरेंट में देखा तपते भारी पत्थर की स्लैब पर भारी कटोरे में सब्जी और गोश्त शायद सूअर का सूप परोसा जाता है लोग धीरे -धीरे चम्मच से पीते रहते हैं यह चीनियों का प्रिय सूप है पत्थर धीरे -धीरे ठंडा होता वह सूप का आनंद लेते रहते हैं अंत में सब्जी और गोश्त खाते हैं |
साल 2002 से 2003 के बीच चीन में (सार्स, SARS ने तबाही मचाई थी यह बड़ी महामारी थी तब .हर प्रकार के जंगली जानवर के खाने पर रोक लगा दी गयी लेकिन अब तक हर प्रकार के जीवों का स्वाद लोगों के मुहं पर चढ़ चुका था मीट माफिया के दबाब में फिर से हर प्रकार के मॉस का व्यापार शुरू हो गया |
वुहान शहर से कोरोना महामारी चमगादड़ों से लेकिन समस्त विश्व इससे प्रभावित हो गया अत : कुछ समय तक चमगादड़ एवं अन्य जीवों के गोश्त की बिक्री पर रोक दी गयी लेकिन गोश्त माफिया के दबाब में फिर से हर जानवर का गोश्त बिकने एवं निर्यात के लिए फिर से पैक हो कर बिकने लगा कुछ जानवरों चिड़ियों की प्रजातियाँ लुप्त होने के कगार पर है उसका स्वाद भी चीनियों को भाता है उनका भोजन रईसी की निशानी माना जाता है |
भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था हमारे देश की हालत भी बहुत अच्छी नहीं थी राशन में लाल और सफेद गेहूं (केवल चोकर जैसा )मिलता यह अमेरिका और आस्ट्रेलिया से आता था जबकि देश कृषि प्रधान था | तत्कालीन प्रधान मंत्री ने इंदिरा गांधी ने हरित क्रान्ति पर जोर दिया नयें संकर बीज बोये गए जिनसे गेहूं की भरी बालियाँ मिलती राज्य द्वारा किसानों को बिजली पानी खाद और कम व्याज पर कर्ज देने की शुरुआत हुई कृषि में सरकारी निवेश भी तेजी से बढ़ा धीरे -धीरे देश में अनाज के भंडारण बढ़ने लगे आगे जाकर न्यूनतम कृषि मूल्य का निर्धारण कर किसानों से उनकी फसल खरीदी जाती है | हमारे देश में प्रोटीन के लिए दूध की जरूरत पड़ती है दूध के उत्पादन में बढ़ौत्तरी हुई ऐसे श्वेत क्रान्ति का नाम दिया |
1978 में माओ की मृत्यू के बाद सत्ता डेंग जियोपिंग के हाथ में आ गयी सच्चे अर्थों में उन्होंने चीन में आर्थिक चमत्कार कर दिखाया | अर्थ व्यवस्था को सुधारने के लिए उन्होंने किसानों को उनकी जमीन दे दी किसान अपनी मर्जी से फसल उगाने लगे अब खाने की समस्या दूर हो गयी | प्रोटीन के लिए सोयाबीन का उत्पादन बढ़ा इसे टोफू कहते हैं उन्होंने 1979 में अमेरिका के साथ सम्बन्धों को सुधारा विदेशी निवेश के दरवाजे खोल दिए खुले बाजार की नीति को समय की जरूरत समझा चीन में सस्ते किराए पर स्थान एवं सस्ते कारीगर मिल सकते हैं कानून को आसान किया चीन में निवेश बढ़ता गया डेंग जियोपिंग विश्व में साम्यवादी विचारधारा फैलाने के बजाय चीन को आर्थिक शक्ति बनाने पर जोर दिया | 1990 तक चीन ऐसी आर्थिक शक्ति बना उन का सस्ता सामान हर मुल्क में पहुंचने लगा डेंग वह 25 वर्ष तक सत्ता पर आसीन रहे |उन्होंने चीन को आज का चीन बना दिया डेंग के के बाद शी जिनपिंग राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध देश मिला |
भारत के प्रधान मंत्री स्वर्गीय नरसिंघ राव केसमय में डा० मनमोहन सिंह वित्त मंत्री बने उन्होंने उदारवादी अर्थव्यवस्था को अपनाने की घोषणा की भारतीय बाजार को विदेशी कंपनियों के लिए खोलकर रोजगार के अवसर बढ़ाये खराब होती आर्थिक व्यवस्था को सुधारा | आगे कोशिश की गयी भारत में निवेश बढ़े मोदी जी ने विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए कानूनों की जटिलता को कम किया |
कोरोना की महामारी के बाद अर्थशास्त्री जानते हैं आने वाला समय और भी मुश्किल है अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना आसान नहीं है स्किल वर्कर लौटें उद्योग धंधे फिर से चले बाजार में खरीददार आयें | टूरिज्म इंडस्ट्री संकट में है यह हर प्रकार के रोजगार का बहुत बड़ा साधन है इसके साथ लगे लोग अब बेरोजगार हो गये जब तक कोरोना की महामारी खत्म नहीं हो जाती तब तक टूरिस्ट घूमने आने की हिम्मत नहीं करेगा | टूरिस्टों द्वारा संक्रमण फैलने का खतरा है |
भारत चीन जैसा आर्थिक दृष्टि से सम्पन नहीं है लेकिन जनसंख्या में चीन से कुछ ही कम है परन्तु चीन के मुकाबले 35 वर्ष तक की युवा जनसंख्या की हमारे यहाँ कमी नहीं है लेकिन चीन के कारखानों में उत्पादन निरंतर चलता रहता है और उत्पादन को खपाने के लिए बाजार चाहिये हमारे कारखाने बंद होते जा रहे हैं | अफ़सोस चीनी सामान से हमारे बाजार पटे हुए हैं | हमारे यहाँ मनाये जाने वाले त्योहारों का चीनी सामान हिस्सा बन गए है | रक्षा बंधन के दिन चीनी राखियों से भाईयों की कलाईयाँ सजती हैं , चीन से आने चाकलेट ने मिठाईयों की जगह ले ली कहते हैं भारत में मिठाईयों में मिलावट करते हैं कुछ मिठाईयाँ तो घर में भी बन सकती हैं |
मेरा बेटा अरुणाचल प्रदेश घूमने गया मेरे लिए दीवार पर लटकाने के लिए सजावटी श्री कृष्ण राधा का चित्र लाया | कृष्ण एवं खास कर राधा जी की शक्ल चीनियों जैसी छोटी आँखें समझ लीजिये अधखुली आँखें ,छोटी नाक उन्हीं जैसा छोटा कद श्री कृष्ण के पीतांबर की जगह राधा कृष्ण के हरे कपड़े बैकग्राउंड चीन के झंडे जैसी ‘लाल’ वाला चित्र जबकि हमारे यहाँ खूबसूरत कलात्मक मनमोहक चित्र बिकते है |
पूजा के लिए लक्ष्मी गणेश,इलैक्ट्रोनिक दिए ,ऐसी ही मोमबत्तियाँ बिजली की रंगबिरंगी जगमगाती लड़ियों से लोग अपने घरों को सजा कर लक्ष्मी जी के स्वागत की तैयारी करते हैं चीनी पटाके और सजावट का सामान तक चीन से आता हैं |सच में चीन के कारखानों के मालिकों पर हमारे हाथों लक्ष्मी जी की जम कर कृपा होती है वहाँ के कारीगरों को रोजगार मिलता है | हमारे व्यापारी केवल चीनी माल के सप्लायर बन गये हैं वहीं पड़े रहते हैं कुछ ने वहीं शादी कर ली } दिवाली के सामान के लिए जुलाई से आर्डर दे दिया जाता है फर्श पर लगने वाली टाइलों का गुजरात गढ़ है और वह खूबसूरत भी बहुत है परन्तु वह भी चीन से आ रही हैं हर क्षेत्र में चीन का दबदबा है |
मोदी जी प्रयत्न कर रहे थे चीन अधिक से अधिक हमारे सामान का आयात करे हमारे व्यपारियों को भी उनके देश में व्यपार बढ़ाने की सुविधा दी जाये| लेकिन हमारे कई कारखानों में ताले लग गये हैं ख़ास कर खिलौनों के बाजार पर चीन का कब्जा है | उनकी मार्किटिंग हमारे सीरियलों में देखी जा सकती है हीरों अपनी प्रेमिका को प्रपोज करने से पहले हर मुलाक़ात में चीनी भालू के खिलौने और चाकलेट नजर करते हैं |हमारी संस्कृति पर भी डाका |
चीन से वार्तालाप में मोदी जी ने सदैव कड़ा रुख अपनाया है | चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग वार्तालाप करने एवं व्यापारिक समझौते करने गुजरात के अहमदाबाद आये थे उनका देश द्वारा स्वागत किया गया लेकिन वार्ता से पहले हम पर दबाब डालने के लिए सीमा पर चीनी सेनायें जमने लगीं जिससे मोदी जी को दबा कर अधिक से अधिक व्यापारिक लाभ उठाया जा सके |वार्ता से पहले मोदी जी के विरोध पर सेनाये पीछे हटीं जबकि चीनी राष्ट्रपति ने बार्डर पर सेना के विषय पर गोल मोल कूटनीतिक जबाब दे रहे थे , लाइन आफ कंट्रोल का मुद्दा सदैव जोर शोर से उठाया जाता है गया जबकि चीन सीमा विवाद को निपटाने के बजाय विवादों को बढ़ावा देता रहा है |
यदि हम चीनी सामान बहिष्कार करें हमारे अपने बने सामान का बाजार बढ़ता जाएगा जरूरत है इच्छा शक्ति की |भारत सरकार द्वारा 59 चीनी ऐप को प्रतिबंधित कर दिया यह चीन के लिए झटके से कम नहीं है |चीन पर आर्थिक मार बहुत भारी पड़ेगा भारतीय रेल ,चीन की कम्पनी से 470 करोड़ का ठेका छीन लिया ‘चर्चा थी’ चीन की बनी पटरियों पर जापानी डिब्बे दौड़ेंगे |भारत की एक बड़ी टेलीकॉम कम्पनी बीएसएनएल के चीनी टेंडर रद्द कर दिया धीरे धीरे बहुत कुछ होगा देश भर के खुदरा व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने चीनी सामान का बहिष्कार करने की अपील की है. प्रथम चरण में उन 3000 से अधिक वस्तुओं का चयन किया है, जो भारत में भी बनती हैं, लेकिन सस्ते के लालच में अब तक चीन से आयात होती हैं |
जरूरत आने वाली जेनरेशन में चीनी सामान के विरोध की भावना जगनी चाहिए |.“चीन ने भारत का इतिहास नहीं पढ़ा हमने विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी अपने चरखे और हथकरघे का मोटा कपड़ा गर्व से पहना था “चीन के नीतिकारों के दिमाग में क्या चल रहा है इसे समझना मुश्किल है | लेकिन इसमें संदेह नही चीन को बाजार चाहिए हमारा बाजार बहुत बड़ा है लेकिन यदि देश में स्वदेशी बस्तुओं के प्रयोग की भावना जग गयी चीन को हम सिर उठाने नहीं देंगे |”हमारे यहां कमा कर हमारी ही सीमाओं पर नजर रखना| अब तो पाकिस्तानी आतंकी चीनी असलहा लेकर हमारे यहाँ कश्मीर में आतंक फैलाने आ रहे हैं | चीन के अखबार ग्लोब टाइम्स को हमारे यहां राष्ट्रीयता की भावना पर भी ऐतराज है |
चीन में मध्यम वर्ग इतना सम्पन्न हो चुका है चीनी नव वर्ष पर घूमने जाता है इन दिनों योरोप में टूरिज्म बढ़ जाता है कोअब्की बार चीनी इटली ख़ास कर कोरोना की सौगात दे गये कितना इन्सान वहाँ मरा है लाशों के अन्तिम संस्कार में अपने नहीं थे आज तक हालात नहीं सुधर रहे | सिंगापुर की आबादी में चीनियों की भरमार है यहाँ चीनी नववर्ष पर दिलचस्प प्रोग्राम होते हैं जिनमें हिंदी गानों पर लाईट एंड साउंड प्रोग्राम देखने के लिए चीनी ही नहीं भारतीय टूरिस्ट भी आते हैं |