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साथ है हमसफ़र

10 नवम्बर 2021

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तुम चलो मेरे साथ
हर कदम पर लेकर ले हाथों में हाथ
फूल खिल जाते हैं जब तुम हो साथ
बहारें भी आवाज देती हैं छेड़कर साज
एक हमसफ़र ही है जो देता है साथ।

फिजा गुनगुनाई , हवा भी मुस्कुराई
तुमको साथ पाकर मैं खिलखिलाई
चिटक उठी कलियाँ ,सुबास छा गया
हर कली पर मुझ सा निखार आ गया।

एक तेरा साथ मिला तो क्या गम है
सुख दुख में मिले सदा तेरा ही संग है
हमसफ़र हो तुम तो जहॉं भी है प्यारा
सारे जहॉं में अच्छा लगे तेरा संग न्यारा।
गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

बहुत बढ़िया लिखा आपने पूनम जी। 💐💐

10 नवम्बर 2021

punam

punam

11 नवम्बर 2021

धन्यवाद आपका🙏🏻🙏🏻💐💐

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साथ ही हमसफ़र
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हमसफ़र के बिना जीवन अधूरा है , इसी को बताने की चेष्टा इस छोटी सी कविता के द्वारा किया गया है।

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