विरह में तड़फते आशिक़ की दास्ताँ।
सामाजिक समस्याओं को उकेरती ग़ज़ल ।
जिंदगी क्या है का सारांश। रेशमा परवीन। जिंदगी क्या है इस कहानी को रेशमा परवीन ने लिखा है। इस किताब में उन्होंने यह समझाने की कोशिश की है, की जिंदगी का ज
लेख,निबन्ध,डायरी
सामाजिक समस्याओं को उकेरती ग़ज़ल
ये मेरी पहली कविता है आशा करती हूं आपको मेरी ये कविता अच्छी लगेंगी।
सामाजिक समस्याओं को रेखांकित करती हुई गज़ल।
*प्रवित्ती* ( कहानी--प्रथम क़िश्त ) मनोहर देशमुख एक मंझोला किसान था । उनके पिता ने अपनी मेहनत से लगभग 15 एकड़ जमीन अर्जित की थी । मनोहर अपने परिवार का तीसरा सुपुत्र था । उसके दो बड़े भाईयों का नाम नोहर और गजो धर था । अभी वे सभी एक संयुक्त परिवार
जाति में बच्चों को बांधना क्या है।
यह पुस्तक मेरी कविताओं का यह पुस्तक मेरी कविताओं का संग्रह जिसमें जीवन अध्यात्म सामाजिक और स्त्री विमर्श से संबंधित कविताएं मैंने लिखी हैं। आशा करती हूं आप सभी को पसंद आएंगी।
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शब्द-शब्द फूल बन कविता की बेल में गुँथा लहरा रहा द्रुम डाल पर उन्मुक्त और मुक्त इस अनुपम सृजन की सराहना कर ।। राघवेन्द्र कुमार "राघव"
इसमें सप्ताहिक प्रतियोगता के सम्बंधित आर्टिकल पब्लिश हैं