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सीलन भरी कोठारी

7 अगस्त 2022

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हम उम्र भर

बदलते रहे

बस सीलन भरी कोठरी

इस उम्मीद में

कि शायद

दूसरी की छत

पहले से कम टपकती हो

शायद..दूसरी कोठरी में

खुलती हो 

कोई ऐसी खिड़की

जिससे नजर आता हो

नीला समन्दर

वो समन्दर..!

जिस की लहरों पर

मचलते हैं बड़े बड़े जहाज

और डूब जाती हैं..

छोटी छोटी कश्तियाँ ..!

हम उम्र भर..

बस बदलते रहे 

सीलन भरी कोठरी..!


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