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स्त्री की सुंदरता

Kranti Raj

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किस मिट्टी से तुझे बनाया , रब्ब दी कसम तुझे अपना बनाया ! बादल जैसी बाल तेरी हँसी तेरी अजब निराली , बड़ी फुर्सत से तुझे रब्ब ने बनाया , रब्ब दी कसम तुझे अपना बनाया ! गाल तोहर लाल ऐसी जैसे टमाटर लाल हो , मन करे काट कर खा जाऊ , मन मेरा तुझको पाया , रब्ब दी कसम तुझे अपना बनाया ! ओठ तोहार है रसीली जैसी कोई पियाला , आँखे तेरी है रसीली जैसी कोई मधुशाला , देखे तो देखते रह जाये , किया कमाल तुझे रब्ब ने सजाया !रब्ब दी ..... यौवन तेरी १६बर्ष की अंग अंग नशीली , पतली कमर लचके जैसी नागिन कमर हिलाया , योवन तेरी है लौका जैसी लटक फरे अंगूर , दुनिया की नजरो में पलके बिछाया !रब्ब दी कसम ..... क्रांतिराज बिहारी  

stri ki sundarta

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