सूर्य को खबर कर दो, भारत आ रहा है
मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है?
हौसला हो तो फासला क्या है
कुछ तारीखें इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाती हैं।
इतिहास रचने वाला विश्व का पहला देश भारत बन गया है। भारत के पहले सोलर मिशन 'आदित्य-एल1' को आज सुबह 11.50 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। यह सूर्य के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करेगा।
चांद के बाद अब सूर्य की बारी है। भारत के वैज्ञानिकों ने आज सूरज के राज पता करने 'आदित्य-एल1' को भेजा है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से देश के पहले सोलर मिशन को लॉन्च किया गया। एक घंटे से ज्यादा की यात्रा के बाद इसे निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया। अगले लगभग चार महीनों में करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर यह L1 पॉइंट तक पहुंचेगा।
सूर्य को हम देवता मानते हैं, क्योंकि समूची सृष्टि सूरज की ऊर्जा से ही चलती है। सूरज की चमकीली किरणों के साथ दिन निकलता है और लालिमा के साथ दिन ढल जाता है।
आदित्य एल1 मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या कोरोनल मास इजेक्शन (CME), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।
लेखक : प्रिन्स सिंहल