गर्मी के मौसम में अक्सर मैं समुद्र किनारे घूमने निकल जाया करता था, और वहीं बैठा समुद्र की ठंडी लहरों का आनंद लेता. उस दिन जब मैं समुद्र किनारे पेड़ के नीचे बैठा था तो मेरी नज़र एक कीड़े पर पड़ी. वह अपने बिल तक पहुंचने के लिए बहुत कोशिश कर रहा था, लेकिन बार - बार लहरें आती और उसे पीछे ले जाती. वह भी अपने पैर बालू में गड़ा देता और लहरों के जाने के बाद फिर अपने बिल की और चल देता. मैं वहां बैठा यही देख रहा था कि कीड़ा अपने बिल तक पहुंच भी पाएगा या नहीं. अबकी बार जब लहरें आई तो जाते हुए एक मेंढक को छोड़ गई. मेंढक कीड़े को देखकर जैसे ही उस पर झपटा तभी वृक्ष पर बैठी चील बिजली की गति से आई और मेंढक को उठा ले गई. कीड़ा अपने बिल तक पहुँचने में सफल हो गया और अब मेरी समझ में आ गया था किसी का बुरा क्यों ?