shabd-logo

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार

23 अप्रैल 2022

44 बार देखा गया 44

• “जो तुम सोचोगे हो वो हो जाओगे।  यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को

ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।“

• “सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना। स्वयं पर विश्वास करो।”

• “केवल ज्ञान होने से कुछ फायदा नहीं है,  वह कब और कैसे इस्तेमाल किया जाये  इसका ज्ञान होना आवश्यक है।”

• “समय का पाबंद होना, लोगों पर आपके विश्वास को बढ़ाता है  एक नायक बनो, और सदैव कहो “मुझे कोई डर नहीं

है”।”

• “जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता है, स्वयं को बनाना पड़ता है, जिसने जैसा मार्ग बनाया उसे वैसी ही

मंजिल मिलती है।”

• “स्वतंत्र होने का साहस करो। जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं  वहां तक जाने का साहस करो, और उन्हें अपने जीवन

में उतारने का साहस करो।”

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार

• “जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही बड़ी होगी।”

• “कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है।  ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो

यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो, या अन्य निर्बल हैं।”

• “आप जोखिम लेने से भयभीत न हो, यदि आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते है, और यदि हारते है तो आप दुसरो

का मार्दर्शन कर सकते हो ।”

• “आप जोखिम लेने से भयभीत न हो, यदि आप जीतते हैं,  तो आप नेतृत्व करते है, और यदि हारते है, तो आप दुसरो

का मार्दर्शन कर सकते हैं ।”

• “तुम्हे अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है, कोई तुम्हे तबतक शिक्षित नहीं कर सकता जबतक तुम खुद से

प्रयास न करो।”

• “पवित्रता, धैर्य तथा प्रयन्न के द्वारा सारी बाधायें दूर हो जाती हैं  इसमें कोई सदेह नहीं कि महान कार्य सभी धीरे-धीरे

होते हैं।”

• “दुनिया मज़ाक करे या तिरस्कार उसकी परवाह किये बिना मनुष्य को अपना कर्त्तव्य करते रहना चाहिये।”

• “एक समय में एक काम करो,  और ऐसा करते समय  अपनी पूरी एकाग्रता उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल

जाओ।”

शिक्षा पर स्वामी विवेकानंद पर विचार

• “जीवन का रहस्य भोग में नहीं अनुभव के द्वारा शिक्षा प्राप्ति में है।” “जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही

जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं ।”

• “पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान, ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर

एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।”

• “जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकें,  मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सकें,  और विचारों का

सामंजस्य कर सकें। वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है।”

• “स्त्रियो की स्थिति में सुधार न होने तक विश्व के कल्याण का कोई भी मार्ग नहीं है।”

स्वामी विवेकानंद के विचार

• “बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं।”  “खुश रहने के लिए साधन कि नहीं संतोष कि जरूरत होती है।”

• “इस दुनिया में सबसे ताकतवर इंसान वो होता है  जो धोखा खा कर भी दुसरो की मदद करना नही छोड़ता।”

• “जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न  धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर

मार्ग,  चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है।”

• “कामनाएं समुद्र की भाति अतृप्त है, पूर्ति का प्रयास करने पर उनका

• “कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नही, हारा वही जो लडा नही ।”

• “आकांक्षा, अज्ञानता और असमानता ये बंधन की त्रिमूर्तियां हैं।”

• “समस्याओं से कभी भी भागकर पीछा नही छुड़ा सकते  उनका सामना कर ही समाधान कर सकते हैं।”

सफलता पर स्वामी विवेकानंद के विचार

• “सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है:  वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता,  पूर्ण रूप से

निःस्वार्थ व्यक्ति सबसे सफल है।”

• “विश्व में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते है, क्योंकि उनमें समय पर साहस का संचार नही हो पाता वो

भयभीत हो उठते हैं।

• “सफलता प्राप्त करने के लिए अटल धैर्य और दृढ़ इच्छाशक्ति चाहिए ।”

• “हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें,  हमारा हृदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे

बसेंगे।”

• “सफलता और असफलता दोनों ही हमारी जिदंगी हिस्सा है  लेकिन कोई भी हमेशा के लिए जीवन का हिस्सा नहीं

होता है।”

• “सफलता एक दिन या एक साल में नहीं मिलती  हमेशा श्रेष्ठ आदर्शों का पालन करें।”

• “ज्ञान, भक्ति, योग और कर्म – ये मुक्ति के चार मार्ग हैं। हालांकि इस युग में कर्म पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए।”

• “यदि आप शीर्ष पर जाना चाहते हैं, तो पहले खुद के भीतर का अभिमान को निकल के फेक दो कुकी वही शीर्ष पर

जाना है जो भीतर से हल्का होता हैं।”

• “यदि कोई बुद्धिमान व्यक्ति को उकसी गलती बताओगे तो वो आपको मित्र बना लेगा, लेकिन कोई मूर्ख को उसकी

गलती बताओगे तो वह आपको शत्रु बना लेगा ।”

• “सफलता” सभी से साथ मिलने का इंतजार करता हैं,  लेकिन मुलाकात उसीके साथ होता हैं जो कड़ी मेहनत करते

हैं।”

• “यदि कोई मनुष्यता का पाठ पढ़ा सकता है और जीवन में शांति, परोपकार, सद्भाव तथा दूसरे मत के प्रति आदर की

भावना ला सकता है तो वह है भारत का हिन्दू धर्म और दर्शन।”

स्वामी विवेकानंद के उपदेश

• “अपने में बहुत सी कमियों के बाद भी हम अपने से प्रेम करते हैं  तो दूसरों में जरा सी कमी से हम उनसे कैसे घृणा

कर सकते हैं।”

• “इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं,  ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है।”

• “दो बाते इन्सान को अपनो से दर करती है एक तो उसका दूर अहंकार और दुसरा उसका वहम।”

• “एकाकीपन आपको जो शिखा सकती है,  दुनिया की कोई भी अच्छी किताब आपको वो नहीं सिखा सकती।”

स्वामी विवेकानंद के वचन

• “जिस व्यक्ति ने सच्चे आनंद को प्राप्त कर लिया है वह किसी  भी सांसारिक वस्तु के ना मिलने से परेशान नहीं होता ।“

• “अच्छे दोस्तो कि तलाश हम नही करते है हम तो जिसे  दोस्त बनाते है वो भी हमारे लिये अच्छे बन जाते है ।”

• “अच्छे लोगो कि खुबी यह होती है कि उन्हें  याद रखना नही पडता वो याद रह जाते है।”

• “प्यार वो चीज है जो बचपन मे मुफ्त मिलता है  जवानी मे कमाना पडता है, बुढापे मे मांगना पड़ता है।”

3
रचनाएँ
स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक कोट्स और अनमोल विचार
0.0
स्वामी विवेकानंद के विचार आज के इस आधुनिक युग में प्रेरणा का एक ऐसा स्त्रोत हैं जो निराशा से भरे जीवन में आशा की एक नदी बहाते हैं। उनके ओजस्वी भाषण, उनके द्वारा दिए गए प्रेरणादाई उपदेश जीवन में आगे बढ़ने के लिए और जीवन में सफलता हासिल करने में सहायता प्रदान करते हैं। भारत के महान विचारकों में से स्वामी विवेकानंद जी एक हैं।
1

स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायी कोट्स

23 अप्रैल 2022
18
1
0

स्वामी विवेकानंद के विचार हमेशा युवाओं को उनके अंदर की असली सकती पहचान ने में मदत की। इसलिए स्वामी विवेकानंद को युवाओं के लिए एक आदर्श व्यक्ति माना गया हैं। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद जी के सुविचार क

2

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार

23 अप्रैल 2022
5
0
0

• “जो तुम सोचोगे हो वो हो जाओगे।  यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को             ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।“ • “सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे

3

स्वामी विवेकानंद के बारे में 30 रोचक तथ्य

23 अप्रैल 2022
4
0
0

स्वामी विवेकानंद(12 जनवरी 1863 - 4 जुलाई 1902), जन्मे नरेंद्रनाथ दत्ता एक भारतीय हिंदू भिक्षु थे। वह 19वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी रामकृष्ण के प्रमुख शिष्य थे। वे वेदांत और योग के भारतीय दर्शन को पश्च

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए