।। गीत ।।
गज़ल भी कही जाए, तेरी उन निगाहों पर
गीत भी रचा जाए, तेरी उन निगाहों पर...
निशाने बने है कई, तेरी इन निगाहों से
कई जागीर ठहरे, तेरी इन निगाहों से
नशे में झूमे कई, तेरी इन निगाहों से
पंडित बने दीवाने, तेरी इन निगाहों से
मधु से भरी है जो वो तेरी निगाहे,
परदा गिराया जाए, तेरी उन निगाहों पर...
डूबे हुए है वो जो, तेरी इन निगाहों में
जख्मी दीवाने है, तेरी इन निगाहों से
शूल सी है वो तेरी, निगाहे जो मीठी है,
तेरे परवाने है तेरी इन निगाहों से
पहले से ही है तेरी कातिल निगाहें,
काजल न लगाया जाए, तेरी उन निगाहों पर...
- रोहित कुमार 'मधु'