।। गीत ।।
आओ मिलने आओ, आंखों खलिश मिटाओ..
मैं हूं दीवाना तेरा, तेरी हर इक अदा का,
आओ गले लगाओ, कुछ तो मुझे सिखाओ...
तेरी इक निगाह का, ऐसा इक असर है
जाम हर इक प्रिय,,, अब बे-असर है
तेरे तवस्सुम का, कायल तेरा दीवाना
कैसे जिया जाए बता, काजल तेरा ज़माना
आओ मिलने आओ, अश्को मुझे चुकाओ...
कैंसा शिलशिला है ये , मुझको ज़रा बता
दिल में है और कुछ कहीं,आंखों में कुछ छुपा
फूलो पे बैठे तितलियां, मधु और कुछ कहीं,
चाह ऐसी भी क्या,,, पानी का बुलबुला
आओ मिलने आओ, राहें मुझे दिखाओ
थामो हाथ मेरा, चलना मुझे सिखाओ...
महफ़िल में खोजती है, तुझे हर इक नज़र
इस नज़र, उस नज़र, हर इक नज़र
आ तो सही कहां है तू, तड़पा हूं किस कदर
रोना है मुझको तेरे , कांधे पे धरके सर
आओ मिलने आओ, दामन नही छुपाओ
आओ मिलने आओ, नज़रे नही झुकाओ...
- रोहित कुमार 'मधु'