मेघो से बोले दिल, दिल की चाहत है
मुझको रंगो से भरदे , दिल की चाहत है..
उसको भी रंगो से भरदे, मुझसे आहत है...
बे-रंग न फेको मौसम के इन रंगों में
तुम भी रंग दो मुझको अपने रंगो में
ठहर-टहल देखे नैना तुझको रंगो में
कहां छुपी है इक मैना इन रंगो में
कोमल हाथो से रंगदो, कोपलो को आदत है
वो हाथो से रंग दे, इन की चाहत है...
गुलाल तरसता है गुलाबी गालो को
हो रज़ा तो लगा दूं तेरे गालो को
रूठे-रूठे फूल ये मुझसे रूठे है
बुरा न मानो लगा दूं तेरे बालो को
रंग-बिरंगे लोगो में ढूंढ़े रंगीन नजारे
दर्शन दे दो देवी, नैनो की चाहत है...
-रोहित कुमार "मधु"